नई दिल्ली: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिपल्ब देब द्वारा जाट और सिख समुदाय को लेकर दिए गए बयान पर दिल्ली की सियासत गर्म होती दिख रही है. एक तरफ आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिपल्ब देब के इस्तीफे की मांग की, वहीं दूसरी तरफ दिल्ली विधानसभा की शांति और सद्भाव कमेटी ने इसपर स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है.
'आपत्तिजनक है बयान'
दिल्ली विधानसभा की शांति और सद्भाव कमेटी को इसको लेकर 12 शिकायतें मिली हैं, जिनपर चर्चा के लिए आज कमेटी की बैठक बुलाई गई थी. शाम 4 बजे कमेटी के अध्यक्ष राघव चड्ढा ने बाकी सदस्यों के साथ बैठक की. उसके बाद ईटीवी भारत से बातचीत में राघव चड्ढा ने कहा कि बिपल्ब देब का बयान न सिर्फ आपत्तिजनक है, बल्कि हिंसात्मक भी है. उन्होंने कहा कि यह दो खास समुदायों के प्रति भावनाएं भड़काने वाला बयान है
तीन शिकायतकर्ता भी रहे मौजूद
राघव चड्ढा ने कहा कि जो 12 शिकायतें कमेटी के पास आईं थीं, उनमें से 3 शिकायतकर्ताओं को भी आज कमेटी की बैठक में बुलाया गया था. राघव ने बताया कि उनमें से एक शिकायतकर्ता ने इसका जिक्र किया कि जाट और सिख समुदाय का इस देश और समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान रहा है और अब भी विभिन्न शीर्ष पदों पर इस समाज के लोग सेवा दे रहे हैं. इसलिए बिपल्ब देब का बयान बेहद ही आपत्तिजनक है.