नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सभी शॉपिंग मॉल, कार्यस्थल, शैक्षणिक संस्थान यहां तक कि विरोध प्रदर्शन पर भी रोक लगा दी गई है. वहीं इसी कड़ी में सीएए और एनआरसी को लेकर चल रहा जामिया मिल्लिया इस्लामिया में प्रदर्शनकारियों ने करीब चार दिन पहले प्रदर्शन स्थगित किया था. प्रदर्शनकारियों ने जामिया परिसर की दीवारों पर अपने आक्रोश को चित्र के माध्यम से और कई स्लोगंस के जरिए व्यक्त किया था जिसे साफ करवाया जा रहा है.
प्रदर्शनकारी छात्रों ने जताया विरोध
बता दें कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया में छात्र लंबे समय से सीए और एनआरसी के विरोध में गेट नंबर सात पर धरने पर बैठे थे. उन्होंने परिसर की दीवारों पर भी कई नारे और स्लोगन लिखे और कई चित्र भी बनाए थे और अपना सरकार के प्रति आक्रोश व्यक्त किया था. वहीं कुछ लोग परिसर की दीवारों को साफ करने में लगे हुए हैं. जामिया के प्रदर्शनकारी छात्रों ने सरकार के इस कदम पर आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि प्रदर्शन हमने खत्म नहीं किया है केवल हालात को देखते हुए कुछ समय के लिए उसे टाल दिया है. सरकार इसका फायदा ना उठाए.
प्रदर्शन को फिलहाल विराम
छात्रों का कहना है कि प्रदर्शन हमने खत्म नहीं किया है. केवल हालात को देखते हुए कुछ समय के लिए उसे टाल दिया है. सरकार इसका फायदा ना उठाए. महामारी से इन दिनों देश जूझ रहा है उसी को ध्यान में रखते हुए इस प्रदर्शन को भी फिलहाल विराम दिया गया है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उनका सीएए और एनआरसी को लेकर विरोध खत्म हो गया है. उन्होंने कहा है कि जैसे ही स्थिति सामान्य होती है वह दोबारा प्रदर्शन पर उतर आएंगे और यह प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार सीएए और एनआरसी को वापस नहीं लेती.
फिर उतरेंगे सड़कों पर
जामिया के प्रदर्शनकारी छात्र लारैब अहमद नियाज़ी ने कहा कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ हमने लड़ाई की आधी जीत हासिल कर ली है. उन्होंने कहा कि अभी हालत नाजुक है. इसलिए हम अपने प्रदर्शन को समाप्त करने की बात चार दिन पहले ही कर चुके हैं, हालत समान होने के बाद हम फिर अपनी मांगों के साथ सड़क पर उतरेंगे.