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श्री कृष्ण गौशाला में 9000 गोवंश भूखे मरने को मजबूर! MCD ने नहीं दिए अनुदान के 18 करोड़ - Poor condition of cow shelter

बवाना स्थित दिल्ली की सबसे बड़ी श्री कृष्ण गौशाला में गोवंश भूखे मरने की कगार पर हैं. गौशाला का उत्तरी दिल्ली नगर निगम की तरफ अठारह करोड़ रुपये बकाया है.

Poor condition of 9000 cows in Shri Krishna Gaushala at Bawana
बवाना: श्री कृष्ण गौशाला में 9000 गोवंश की दयनीय दशा, भूखे मरने की कगार पर
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Published : Jul 30, 2020, 5:58 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी के बवाना स्थित श्री कृष्ण गौशाला में लगभग 9000 गोवंश की दयनीय दशा देखने को मिल रही है. जिसके चलते प्रबंधकों ने गायों को सड़क पर छोड़ने की चेतावनी दी है. दरअसल गौशाला को दिल्ली नगर निगम की तरफ से चारे और रखरखाव के लिए मिलने वाली सरकारी अनुदान राशि के 18 करोड़ रुपये निगम की तरफ से बकाया है. जिसके कारण गायों के लिए चारा खरीदने तक के पैसे नही हैं. जबकि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर पैसे की कमी बता कर अपनी मजबूरी जता रहे हैं और दिल्ली सरकार को इसका जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

गोवंश की दयनीय दशा

गौशाला में गोवंश भूखे मरने की कगार पर

बवाना स्थित दिल्ली की सबसे बड़ी श्री कृष्ण गौशाला में गोवंश भूखे मरने की कगार पर है. गौशाला का उत्तरी दिल्ली नगर निगम की तरफ अठारह करोड़ रुपये बकाया हैं. बकाया वसूल करने के लिए गौशाला प्रबंधक निगम अधिकारियों, नेताओं और बीजेपी पदाधिकारियों के चक्कर काट-काट कर थक चुके हैं. गौशाला प्रबंधन का कहना है कि अगर जल्द भुगतान नहीं हुआ तो प्रबंधक भूखी गायों को सड़क पर छोड़ने के लिए मजबूर हो जाएंगे. इनका कहना है कि इस बाबत पूर्व और मौजूदा महापौर निगम आयुक्त को भी कई बार पत्र लिखा जा चुका है.


उत्तरी दिल्ली नगर निगम श्री कृष्ण गौशाला को बीस रुपये प्रति गाय प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान करता है, लेकिन यह भुगतान लंबे समय से नहीं हो पाया. श्री कृष्ण गौशाला में साढ़े आठ हजार से ज्यादा गौवंश हैं. निगम ने गौशाला को साल 2017 से पैसा नहीं दिया है. वर्ष 2017-18 के चार करोड़ अठत्तर लाख, वर्ष 2018-19 के पांच करोड़ चौसठ लाख, वर्ष 2019-20 के पांच करोड़ सत्तानवे लाख और चालू वर्ष के डेढ़ करोड़ रुपये बाकी हैं.

दान या चंदा आना भी हुआ बंद

कोरोना और लॉकडाउन के कारण गौशाला में दान या चंदा आना भी बंद हो गया है. पैसे की कमी के कारण गायों के लिए चारा और भोजन की व्यवस्था नहीं हो पा रही क्योंकि दुकानदारों ने उधार देना भी बंद कर दिया है. वहीं निगम के नेता मामले की गम्भीरता को समझ तो रहे हैं, लेकिन गौशाला का भुगतान कब और कैसे होगा इस बात का कोई ठोस जवाब नहीं दे पा रहे हैं.

नई दिल्ली: राजधानी के बवाना स्थित श्री कृष्ण गौशाला में लगभग 9000 गोवंश की दयनीय दशा देखने को मिल रही है. जिसके चलते प्रबंधकों ने गायों को सड़क पर छोड़ने की चेतावनी दी है. दरअसल गौशाला को दिल्ली नगर निगम की तरफ से चारे और रखरखाव के लिए मिलने वाली सरकारी अनुदान राशि के 18 करोड़ रुपये निगम की तरफ से बकाया है. जिसके कारण गायों के लिए चारा खरीदने तक के पैसे नही हैं. जबकि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर पैसे की कमी बता कर अपनी मजबूरी जता रहे हैं और दिल्ली सरकार को इसका जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

गोवंश की दयनीय दशा

गौशाला में गोवंश भूखे मरने की कगार पर

बवाना स्थित दिल्ली की सबसे बड़ी श्री कृष्ण गौशाला में गोवंश भूखे मरने की कगार पर है. गौशाला का उत्तरी दिल्ली नगर निगम की तरफ अठारह करोड़ रुपये बकाया हैं. बकाया वसूल करने के लिए गौशाला प्रबंधक निगम अधिकारियों, नेताओं और बीजेपी पदाधिकारियों के चक्कर काट-काट कर थक चुके हैं. गौशाला प्रबंधन का कहना है कि अगर जल्द भुगतान नहीं हुआ तो प्रबंधक भूखी गायों को सड़क पर छोड़ने के लिए मजबूर हो जाएंगे. इनका कहना है कि इस बाबत पूर्व और मौजूदा महापौर निगम आयुक्त को भी कई बार पत्र लिखा जा चुका है.


उत्तरी दिल्ली नगर निगम श्री कृष्ण गौशाला को बीस रुपये प्रति गाय प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान करता है, लेकिन यह भुगतान लंबे समय से नहीं हो पाया. श्री कृष्ण गौशाला में साढ़े आठ हजार से ज्यादा गौवंश हैं. निगम ने गौशाला को साल 2017 से पैसा नहीं दिया है. वर्ष 2017-18 के चार करोड़ अठत्तर लाख, वर्ष 2018-19 के पांच करोड़ चौसठ लाख, वर्ष 2019-20 के पांच करोड़ सत्तानवे लाख और चालू वर्ष के डेढ़ करोड़ रुपये बाकी हैं.

दान या चंदा आना भी हुआ बंद

कोरोना और लॉकडाउन के कारण गौशाला में दान या चंदा आना भी बंद हो गया है. पैसे की कमी के कारण गायों के लिए चारा और भोजन की व्यवस्था नहीं हो पा रही क्योंकि दुकानदारों ने उधार देना भी बंद कर दिया है. वहीं निगम के नेता मामले की गम्भीरता को समझ तो रहे हैं, लेकिन गौशाला का भुगतान कब और कैसे होगा इस बात का कोई ठोस जवाब नहीं दे पा रहे हैं.

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