नई दिल्ली: दिल्ली में चौथे चरण में मेट्रो का काम शुरू होने के बाद मेट्रो स्टेशन का नाम बदलने को लेकर राजनीति शुरू हो चुकी है. जिसपर कई बार नामकरण को लेकर वज़ीराबाद, झरोडा व संगम विहार इलाके के लोगों ने धरना प्रदर्शन भी किया है. समस्या का समाधान करने के लिए तिमारपुर के विधायक दलीप पांडेय ने मेट्रो स्टेशन के मांकर्ण को लेकर सरोकार से भी अनुरोध किया कि मेट्रो स्टेशन का नाम गांव की जमीन के नाम पर ही रखा जाए. जिसपर झरोडा इलाके के लोगों ने आपत्ति जताते कहा कि झरोडा गांव के लोग भी लंबे समय से सरकार से मांग कर रहे है कि मेट्रो स्टेशन का नाम झरोडा मेट्रो स्टेशन रखा जाये.
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मेट्रो स्टेशन के नामकरण को लेकर शुरू हुई राजनीति
वजीराबाद-जगतपुर मेट्रो स्टेशन के नामकरण पर नेमिंग कमेटी की मीटिंग अगले महीने होगी. जिसपर तिमारपुर वार्ड की कांग्रेस निगम पार्षद अमरलता ने नामकरण पर आपत्ति जताई थी. दरअसल वजीराबाद से गुजरने वाली मेट्रो लाइन पर वजीराबाद में बनने वाले मेट्रो स्टेशन का नामकरण शुरुआत में वजीराबाद नहीं रखा गया. इस पर स्थानीय निगम पार्षद अमरलता सांगवान ने आपत्ति जताई थी और सभी संबंधित विभागों को पत्र लिखें और यहां तक कि प्रदर्शन और आंदोलन तक की शुरुआत कर दी गई थी.
अंतिम निर्णय नेमिंग कमेटी की मीटिंग में होगा
कांग्रेस नेता कप्तान सिंह सांगवान और निगम पार्षद ने मेट्रो के अधिकारियों से भी मुलाकात की. जिसपर मेट्रो के अधिकारियों ने कहा कि इस मेट्रो स्टेशन का नाम वजीराबाद-जगतपुर किया जाएगा और साथ ही इसके बगल के मेट्रो स्टेशन का नाम संगम विहार-झड़ौदा कर दिया जाएगा. स्टेशन का नाम जोड़ने पर कांग्रेस नेता कप्तान सिंह सांगवान का कहना है कि उन्हें वजीराबाद के साथ जगतपुर नाम जोड़ने से कोई आपत्ति नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि संगम विहार के साथ झड़ौदा नाम भी जुड़ता है तो कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन इसको कानूनी रूप से अंतिम रूप दिया जाना चाहिए. लेकिन अंतिम निर्णय नेमिंग कमेटी की मीटिंग में होगा. जिसमें इन नामों पर मुहर लगेगी.
आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों ने जताया विरोध
वहीं झड़ौदा इलाके के आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों का कहना है कि झड़ौदा के लोग भी लंबे समय से सरकार से पत्र व्यवहार के माध्यम से मांग कर रहे थे कि गांव की जमीन के नाम पर ही मेट्रो स्टेशन का नाम होना चाहिए. झड़ौदा के साथ संगम विहार का नाम जोड़ा जा रहा है. जिसपर इन लोगों को आपत्ति है. मेट्रो स्टेशन के नामकरण को लेकर पहले कई बार धरने प्रदर्शन हो चुके हैं और लंबे समय से इसके लिए मांग भी की जा रही थी. अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार मेट्रो स्टेशन का नाम गांव की जमीन के नाम रखेगी या रिवेन्यू विभाग के अनुसार मेट्रो स्टेशन का नाम रखा जाएगा. फिलहाल नेमिंग कमेटी की मीटिंग अप्रैल के पहले सप्ताह में है तभी यह नामकरण फाइनल हो पाएगा.