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जेएनयू के प्रदर्शनकारी छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लेने के बाद छोड़ा, मामला दर्ज - जेएनयू छात्र हिरासत में

जेएनयू छात्रसंघ के नेतृत्व में छात्रों ने दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया. वहीं प्रदर्शन करने के लिए जैसे ही छात्र पहुंचे पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों को हिरासत में ले लिया. इस दौरान प्रदर्शनकारी छात्र दिल्ली पुलिस और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. बाद में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को छोड़ दिया,लेकिन मामला दर्ज कर लिया गया.

police took protesting students of jnu in custody
police took protesting students of jnu in custody
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Published : Apr 11, 2022, 5:50 PM IST

Updated : Apr 11, 2022, 10:33 PM IST

नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में रविवार को लेफ्ट और राइट विंग के छात्र संगठनों के बीच हुए हिंसक झड़प में पुलिस से कार्रवाई की मांग को लेकर जेएनयू छात्रसंघ के नेतृत्व में छात्र दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर विरोध-प्रदर्शन करने पहुंचे. वहीं प्रदर्शन करने के लिए जैसे ही छात्र पहुंचे, पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों को हिरासत में ले लिया. इस दौरान प्रदर्शनकारी छात्र दिल्ली पुलिस और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे.


वहीं प्रदर्शन कर रहे आइसा के कार्यकर्ता प्रसनजीत ने कहा कि दिल्ली पुलिस जेएनयू में गुंडागर्दी करने वाले छात्रों को बचा रही है. पुलिस ने अभी तक उन छात्रों पर कोई कार्रवाई नहीं की है. उन्होंने कहा कि हम सभी मांग करते हैं कि जिन छात्रों ने गुंडागर्दी की है, पुलिस उनकी गिरफ्तारी करे. साथ ही पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की निंदा की है. वहीं जेएनयू में हुई हिंसा के चलते आइसा द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन को लेकर दिल्ली पुलिस ने एक बयान जारी किया है. इसमें उन्होंने कहा है कि आइसा के कुछ लोग जय सिंह रोड पर इकट्ठा हुए थे. इस जगह पर धारा 144 लगी हुई है. इन लोगों को जगह खाली करने के लिए कहा गया, लेकिन जगह खाली नहीं करते हुए उन्होंने नियमों का उल्लंघन किया. इस दौरान कार्रवाई करते हुए 48 पुरुष और 22 महिलाओं को हिरासत में लिया गया.

डिनर के मौके पर कहासुनी हुई और वह हिंसक हो गई.

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रोफेसर रविकेश ने कहा कि 10 अप्रैल को कुछ छात्रों के बीच झड़प हुई है. उनके द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया है कि रामनवमी के मौके पर कावेरी हॉस्टल में छात्रों के द्वारा हवन का आयोजन किया गया था. इसमें कुछ छात्रों ने रुकावट पहुंचाने की कोशिश की थी. इस दौरान उन्होंने कहा कि वार्डन और डीन ऑफ स्टूडेंट ने छात्रों को शांत को करने की कोशिश की है और हवन शांतिपूर्ण सफल हुआ. इसके बावजूद कुछ छात्रों में नाराजगी थी. डिनर के मौके पर कहासुनी हुई और वह हिंसक हो गई. साथ ही कहा कि मेस का संचालन छात्रों की कमेटी के द्वारा किया जाता है. मैन्यू में विश्वविद्यालय प्रशासन का कोई लेना-देना नहीं है.


ये भी पढ़ें- एबीवीपी के उत्पात के बाद जेएनएसयू छात्रों का वसंतकुंज थाने पर धरना-प्रदर्शन, पुलिस पर उठाए सवाल

एबीवीपी के छात्रों का कहना है कि हॉस्टल में बीते 9 दिनों तक नवरात्र में पूजा हुई और रामनवमी वाले दिन नॉनवेज बनाकर कैंपस का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई. जबकि लेफ्ट समर्थक छात्रों का कहना है कि एबीवीपी के लोग जबरदस्ती माहौल बिगड़ने का काम कर रहे हैं. मेस में खाना हमेशा से वेज और नॉनवेज शेड्यूल के मुताबिक बन रहा है. इस बार भी पहले ही की तरह तय शेड्यूल से ही नॉन वेज और वेज दोनों बन रहा था. लेकिन एबीवीपी के गुंडों ने कैंपस में उत्पात मचाया. इस पूरी घटना के दौरान दिल्ली पुलिस के लोग भी कैंपस के अंदर गए थे, लेकिन बावजूद इसके कैंपस में हो रहा बवाल काबू में नहीं आया.

नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में रविवार को लेफ्ट और राइट विंग के छात्र संगठनों के बीच हुए हिंसक झड़प में पुलिस से कार्रवाई की मांग को लेकर जेएनयू छात्रसंघ के नेतृत्व में छात्र दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर विरोध-प्रदर्शन करने पहुंचे. वहीं प्रदर्शन करने के लिए जैसे ही छात्र पहुंचे, पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों को हिरासत में ले लिया. इस दौरान प्रदर्शनकारी छात्र दिल्ली पुलिस और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे.


वहीं प्रदर्शन कर रहे आइसा के कार्यकर्ता प्रसनजीत ने कहा कि दिल्ली पुलिस जेएनयू में गुंडागर्दी करने वाले छात्रों को बचा रही है. पुलिस ने अभी तक उन छात्रों पर कोई कार्रवाई नहीं की है. उन्होंने कहा कि हम सभी मांग करते हैं कि जिन छात्रों ने गुंडागर्दी की है, पुलिस उनकी गिरफ्तारी करे. साथ ही पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की निंदा की है. वहीं जेएनयू में हुई हिंसा के चलते आइसा द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन को लेकर दिल्ली पुलिस ने एक बयान जारी किया है. इसमें उन्होंने कहा है कि आइसा के कुछ लोग जय सिंह रोड पर इकट्ठा हुए थे. इस जगह पर धारा 144 लगी हुई है. इन लोगों को जगह खाली करने के लिए कहा गया, लेकिन जगह खाली नहीं करते हुए उन्होंने नियमों का उल्लंघन किया. इस दौरान कार्रवाई करते हुए 48 पुरुष और 22 महिलाओं को हिरासत में लिया गया.

डिनर के मौके पर कहासुनी हुई और वह हिंसक हो गई.

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रोफेसर रविकेश ने कहा कि 10 अप्रैल को कुछ छात्रों के बीच झड़प हुई है. उनके द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया है कि रामनवमी के मौके पर कावेरी हॉस्टल में छात्रों के द्वारा हवन का आयोजन किया गया था. इसमें कुछ छात्रों ने रुकावट पहुंचाने की कोशिश की थी. इस दौरान उन्होंने कहा कि वार्डन और डीन ऑफ स्टूडेंट ने छात्रों को शांत को करने की कोशिश की है और हवन शांतिपूर्ण सफल हुआ. इसके बावजूद कुछ छात्रों में नाराजगी थी. डिनर के मौके पर कहासुनी हुई और वह हिंसक हो गई. साथ ही कहा कि मेस का संचालन छात्रों की कमेटी के द्वारा किया जाता है. मैन्यू में विश्वविद्यालय प्रशासन का कोई लेना-देना नहीं है.


ये भी पढ़ें- एबीवीपी के उत्पात के बाद जेएनएसयू छात्रों का वसंतकुंज थाने पर धरना-प्रदर्शन, पुलिस पर उठाए सवाल

एबीवीपी के छात्रों का कहना है कि हॉस्टल में बीते 9 दिनों तक नवरात्र में पूजा हुई और रामनवमी वाले दिन नॉनवेज बनाकर कैंपस का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई. जबकि लेफ्ट समर्थक छात्रों का कहना है कि एबीवीपी के लोग जबरदस्ती माहौल बिगड़ने का काम कर रहे हैं. मेस में खाना हमेशा से वेज और नॉनवेज शेड्यूल के मुताबिक बन रहा है. इस बार भी पहले ही की तरह तय शेड्यूल से ही नॉन वेज और वेज दोनों बन रहा था. लेकिन एबीवीपी के गुंडों ने कैंपस में उत्पात मचाया. इस पूरी घटना के दौरान दिल्ली पुलिस के लोग भी कैंपस के अंदर गए थे, लेकिन बावजूद इसके कैंपस में हो रहा बवाल काबू में नहीं आया.

Last Updated : Apr 11, 2022, 10:33 PM IST
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