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धरना-प्रदर्शन कर रहे ओटी टेक्नोलॉजिस्ट्स की बढ़ी उम्मीद, डिप्टी डायरेक्टर तक पहुंची आवाज - डिप्टी डायरेक्टर तक पहुंची आवाज

समन्वय समिति वेतनमान में सुधार की सिफारिश कर रही है. अमल की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे एम्स दिल्ली के 800 ओटी टेक्नोलॉजिस्ट उप निदेशक के पास पहुंचे.

OT Technologists in AIIMS Delhi demand pay scale
OT Technologists in AIIMS Delhi demand pay scale
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Published : Oct 18, 2021, 10:23 PM IST

नई दिल्ली: वेतनमान में सुधार के लिए समन्वय समिति की अनुशंसा को लागू करने की मांग को लेकर करीब डेढ़ महीने बाद दिल्ली एम्स के 800 ओटी प्रौद्योगिकीविदों ने एक बार फिर धरना शुरू कर दिया है. धरने के सातवें दिन उप निदेशक के पास इनकी आवाज पहुंची है. जिससेओटी प्रौद्योगिकीविद् का उत्साह बढ़ा है. लेकिन इस बार पक्का निर्णय कर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है कि जब तक कॉर्डिनेशन नहीं तबतक धरना जारी रहेगा.


ओटी टेक्नोलॉजिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश भाटी ने उम्मीद व्यक्त की है कि सबकुछ ठीक रहा तो जल्दी ही उनके कॉर्डिनेशन की मांग पूरी हो जाएगी. लेकिन साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया है कि पिछली बार की तरह वह झांसे में नहीं आएंगे. जबतक मांग पूरी नहीं होगी तबतक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.

समन्वय समिति वेतनमान में सुधार की सिफारिश
राजेश ने बताया कि पिछली बार एम्स डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया से ठोस आश्वासन मिलने के बाद कुछ समय के लिये धरना को समाप्त करने का निर्णय लिया गया था. लेकिन इस दिशा में डेढ़ महीने बाद भी कोई ठोस काम नहीं हुआ तो एक बार फिर धरना करने के लिये मजबूर होना पड़ा. ओटी टेक्नोलॉजिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश भाटी ने जानकारी दी कि इस बार धरना तब तक जारी रहेगा. जबतक हमारी मांग नहीं मान ली जाती. इसके पहले दो बार वादाखिलाफी हो चुकी है.राजेश ने बताया कि एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया और डिप्टी डायरेक्टर ने उन्हें आश्वासन दिया था कि हमारी मांग जल्द ही वह पूरी करेंगे. पांच सितंबर तक इस दिशा में काम पूरा होने का अनुमान था, लेकिन जब महीने भर से ज्यादा समय बीत गया तो हमारी मांग नहीं पूरी की गई, फिर से धरना प्रदर्शन करने के अलावा कोई चारा नहीं बचा था. धरना प्रदर्शन के दौरान किसी मरीज को कोई परेशानी नहीं होगी.राजेश भाटी ने बताया कि हम धरना प्रदर्शन को लंबा खींचने के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन जिस तरह हमारे साथ वादाखिलाफी हुई है इस बार धरना लंबा चल सकता है. यह एम्स प्रशासन पर निर्भर करता है कि कब तक धरना जारी रखना है. जब हमारी मांग पूरी हो जाएगी धरना समाप्त कर देंगे.


उन्होंने सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक धरना को जारी रखने का आह्वान करते हुए कहा कि मॉर्निंग शिफ्ट वाले दोपहर में और दोपहर शिफ्ट वाले मॉर्निंग में आकर धरना प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं.

यह भी पढ़ें: रेल रोको आंदोलन पर SKM का दावा, 290 से अधिक ट्रेनें हुईं प्रभावित

राजेश भाटी ने बताया कि 2012 में कोआर्डिनेशन कमेटी की रिपोर्ट आई थी, जिसमें एम्स दिल्ली, जीपमार पॉन्डिचेरी और पीजीआई चंडीगढ़ में कोआर्डिनेशन कमेटी के सिफारिश को लागू करने को कहा गया था. इसके तहत इन तीनों स्वायत्त संस्थानों में काम करने वाले ओटी टेक्नॉलॉजिस्ट्स के पे स्केल में सुधार की सिफारिश की गई थी, जिसके लागू होने के बाद शुरुआती सैलरी 55 हजार रुपये प्रतिमाह होगी.

हालांकि पीजीआई चंडीगढ़ और जीपमार पाण्डिचेरी में इसे लागू कर दिया गया है, लेकिन सवाल यह है कि जब यह रिकमेंडेशन तीनों स्वायत्त मेडिकल संस्थानों के लिए दिया गया था तो केवल एम्स दिल्ली में इसे क्यों नहीं लागू किया गया ? इसकी वजह से एम्स में काम करने वाले लगभग 800 ओटी टेक्नॉलॉजिस्ट्स को 15 हजार प्रति माह का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

नई दिल्ली: वेतनमान में सुधार के लिए समन्वय समिति की अनुशंसा को लागू करने की मांग को लेकर करीब डेढ़ महीने बाद दिल्ली एम्स के 800 ओटी प्रौद्योगिकीविदों ने एक बार फिर धरना शुरू कर दिया है. धरने के सातवें दिन उप निदेशक के पास इनकी आवाज पहुंची है. जिससेओटी प्रौद्योगिकीविद् का उत्साह बढ़ा है. लेकिन इस बार पक्का निर्णय कर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है कि जब तक कॉर्डिनेशन नहीं तबतक धरना जारी रहेगा.


ओटी टेक्नोलॉजिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश भाटी ने उम्मीद व्यक्त की है कि सबकुछ ठीक रहा तो जल्दी ही उनके कॉर्डिनेशन की मांग पूरी हो जाएगी. लेकिन साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया है कि पिछली बार की तरह वह झांसे में नहीं आएंगे. जबतक मांग पूरी नहीं होगी तबतक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.

समन्वय समिति वेतनमान में सुधार की सिफारिश
राजेश ने बताया कि पिछली बार एम्स डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया से ठोस आश्वासन मिलने के बाद कुछ समय के लिये धरना को समाप्त करने का निर्णय लिया गया था. लेकिन इस दिशा में डेढ़ महीने बाद भी कोई ठोस काम नहीं हुआ तो एक बार फिर धरना करने के लिये मजबूर होना पड़ा. ओटी टेक्नोलॉजिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश भाटी ने जानकारी दी कि इस बार धरना तब तक जारी रहेगा. जबतक हमारी मांग नहीं मान ली जाती. इसके पहले दो बार वादाखिलाफी हो चुकी है.राजेश ने बताया कि एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया और डिप्टी डायरेक्टर ने उन्हें आश्वासन दिया था कि हमारी मांग जल्द ही वह पूरी करेंगे. पांच सितंबर तक इस दिशा में काम पूरा होने का अनुमान था, लेकिन जब महीने भर से ज्यादा समय बीत गया तो हमारी मांग नहीं पूरी की गई, फिर से धरना प्रदर्शन करने के अलावा कोई चारा नहीं बचा था. धरना प्रदर्शन के दौरान किसी मरीज को कोई परेशानी नहीं होगी.राजेश भाटी ने बताया कि हम धरना प्रदर्शन को लंबा खींचने के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन जिस तरह हमारे साथ वादाखिलाफी हुई है इस बार धरना लंबा चल सकता है. यह एम्स प्रशासन पर निर्भर करता है कि कब तक धरना जारी रखना है. जब हमारी मांग पूरी हो जाएगी धरना समाप्त कर देंगे.


उन्होंने सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक धरना को जारी रखने का आह्वान करते हुए कहा कि मॉर्निंग शिफ्ट वाले दोपहर में और दोपहर शिफ्ट वाले मॉर्निंग में आकर धरना प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं.

यह भी पढ़ें: रेल रोको आंदोलन पर SKM का दावा, 290 से अधिक ट्रेनें हुईं प्रभावित

राजेश भाटी ने बताया कि 2012 में कोआर्डिनेशन कमेटी की रिपोर्ट आई थी, जिसमें एम्स दिल्ली, जीपमार पॉन्डिचेरी और पीजीआई चंडीगढ़ में कोआर्डिनेशन कमेटी के सिफारिश को लागू करने को कहा गया था. इसके तहत इन तीनों स्वायत्त संस्थानों में काम करने वाले ओटी टेक्नॉलॉजिस्ट्स के पे स्केल में सुधार की सिफारिश की गई थी, जिसके लागू होने के बाद शुरुआती सैलरी 55 हजार रुपये प्रतिमाह होगी.

हालांकि पीजीआई चंडीगढ़ और जीपमार पाण्डिचेरी में इसे लागू कर दिया गया है, लेकिन सवाल यह है कि जब यह रिकमेंडेशन तीनों स्वायत्त मेडिकल संस्थानों के लिए दिया गया था तो केवल एम्स दिल्ली में इसे क्यों नहीं लागू किया गया ? इसकी वजह से एम्स में काम करने वाले लगभग 800 ओटी टेक्नॉलॉजिस्ट्स को 15 हजार प्रति माह का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

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