नई दिल्ली: कोरोना महामारी के समय कामकाज करने के तौर-तरीके में बदलाव आया है. सरकारी दफ्तरों में भी तरीके बदले हैं. वहीं दिल्ली की बात करें तो दिल्ली सरकार ने अपने अधिकांश कार्यों का जिनका आम लोगों से वास्ता पड़ता था, उसे पहले ही ऑनलाइन कर चुकी है, लेकिन इस दौरान उसे और समृद्ध किया गया.
साथ ही महामारी के समय सरकार प्रदत्त सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए ई-ऑफिस को बेहतर बनाया गया. नतीजा है कि अब चाहे रजिस्ट्री कार्यालय हो या फिर ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट का कार्यालय, जहां भीड़भाड़ होती थी, वहां अब अधिकांश चीजें सिस्टमैटिक हो गई है.
मल्टीनेशनल कंपनियों की तरह सरकारी कार्यालयों का होगा नजारा
जब हम किसी मल्टीनेशनल कंपनी के दफ्तर को देखते हैं और वहां भीड़भाड़ का दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं. वहां पिन ड्रॉप साइलेंस के बीच अधिकारी और अन्य एग्जीक्यूटिव अपने-अपने काम कर रहे होते हैं. उन कामों से लाखों-करोड़ों लोगों को सीधा फायदा हो रहा होता है. सरकारी दफ्तरों में इस तरह के सीन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी. अब सरकारी दफ्तरों को भी वैसा ही बनाने की कोशिश की जा रही है.
तकनीकी कमियों को दूर करने की कोशिश
सरकार ने अपनी सेवाएं तो ऑनलाइन कर दी है, लेकिन तकनीकी गड़बड़ियों के चलते लोगों को इसका फायदा नहीं मिल पाता था. नतीजा था कि सेवाएं ऑनलाइन होने के बाद भी लोग दफ्तरों के चक्कर काटते थे. वहां कर्मचारी और अधिकारियों से मिलने के लिए घंटों इंतजार में समय खराब होता था.
सरकार प्रदत्त इन कार्यों के लिए लगाते थे चक्कर
जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन का रजिस्ट्रेशन, संपत्ति की खरीद-फरोख्त, चिकित्सा प्रमाण पत्र, समेत अन्य तमाम जरूरी कार्य के लिए लोग दफ्तर के चक्कर काटते थे. कोरोना महामारी के समय सरकार भी मजबूर हुई और नतीजा है कि कोरोना से पहले और आज की तुलना करें तो इन सब दस्तावेजों और सेवाओं के लिए 25 फीसद ही लोग अब कार्यालय जाते हैं 75 फीसद लोग ऑनलाइन ही सेवा का लाभ ले रहे हैं.
आईटी विभाग सेवाओं को दुरुस्त करने पर जोड़
दिल्ली सरकार के सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी को भी इन दिनों निर्देश मिले हुए हैं कि वे सरकार प्रदत्त सभी ऑनलाइन सेवाओं को बेहतर प्रदान करने पर पूरा ध्यान दें. सरवर या अन्य तकनीकी समस्याओं से लोगों को कोई परेशानी ना हो, इसके लिए केंद्र सरकार की आईटी कंपनी से भी सहयोग ले और इन सेवाओं को कैसे बेहतर किया जा सकता है, इस पर विभाग रिपोर्ट तैयार करें.
राशन की होगी होम डिलीवरी
कोरोना महामारी के समय ही जब राशन वितरित करने के लिए हो रही परेशानी को देखते हुए अब राशन की डोर स्टेप डिलीवरी करने का फैसला लिया, तो इसे भी ई-ऑफिस का बड़ा योगदान होगा. घर बैठे राशन उपभोक्ताओं को कैसे राशन पहुंचाया जाए 19 अगस्त के बाद इस पर भी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी.
कोरोना का ईलाज करा रहे मरीज से परिजन ले रहे हालचाल
कोरोना संक्रमित मरीज अस्पताल में भर्ती है तो परिजनों को उनसे बातचीत करने व देखने में सुविधा हो, इसके लिए भी ई-ऑफिस का सहारा लिया गया. दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों में एक अलग से रूम की व्यवस्था की गई. जहां पर मोबाइल टैबलेट रखे गए हैं और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वहां परिजन अस्पताल के वार्ड में भर्ती अपने मरीज से वह हालचाल ले सकते हैं. यहां भी ई-ऑफिस का एक अलग आयाम देखने को मिला.
आने वाले समय में जिस तरह सरकारी अस्पतालों में भीड़भाड़ होती है, उसे दूर कैसे किया जाए वहां पर अलग-अलग डिपार्टमेंट में जरूरतमंदों को किस तरह प्राथमिकता दी जाए, इसके लिए दिल्ली सरकार केंद्र के सहयोग से सिस्टम तैयार कर रहा है. जिसके जरिए पहले से ही मरीज समय लेकर अस्पताल में ईलाज कराने पहुंचे और वहां भी सब कुछ व्यवस्थित हो यह कोशिश की जा रही है.