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अनूसूचित जाति के कल्याण के लिए आवंटित धन के पूर्ण इस्तेमाल की मांग पर दिल्ली सरकार काे नोटिस

आरटीआई (RTI) से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली में वित्तीय वर्ष 2020-21 में अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत आवंटित धन का अब तक केवल 17.92 फीसदी ही खर्च किया गया है.

दिल्ली हाईकोर्ट
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Published : Nov 9, 2021, 9:09 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए बजट में अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत आवंटित फंड के पूर्ण उपयोग करने की मांग पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच (Bench headed by Chief Justice DN Patel) ने मामले की अगली सुनवाई 11 जनवरी को करने का आदेश दिया.


याचिका सामाजिक कार्यकर्ता और दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग (Delhi Safai Karamchari aayog) के पूर्व अध्यक्ष हरनाम सिंह ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि अनुसूचित जनजाति उपयोजना की शुरुआत छठी पंचवर्षीय योजना के दौरान 1980-85 में की गई थी. इसके तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और मंत्रालयों में अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए बजटीय प्रावधान किया जाता है.

पढ़ेंः राजीव खोसला दोषी करार : अदालत के फैसले के खिलाफ साकेत कोर्ट में वकीलों की स्ट्राइक



याचिकाकर्ता के वकील महमूद प्राचा ने कहा कि आरटीआई (RTI) से मिली जानकारी के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2020-21 में अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत आवंटित धन का अब तक केवल 17.92 फीसदी ही खर्च किया गया है. इस योजना के तहत जारी फंड का मामूली इस्तेमाल किया गया है. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने इस योजना के तहत 2013-14 में हुए खर्च का विवरण अपनी वेबसाइट (Website) पर अपलोड नहीं किया है.

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए बजट में अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत आवंटित फंड के पूर्ण उपयोग करने की मांग पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच (Bench headed by Chief Justice DN Patel) ने मामले की अगली सुनवाई 11 जनवरी को करने का आदेश दिया.


याचिका सामाजिक कार्यकर्ता और दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग (Delhi Safai Karamchari aayog) के पूर्व अध्यक्ष हरनाम सिंह ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि अनुसूचित जनजाति उपयोजना की शुरुआत छठी पंचवर्षीय योजना के दौरान 1980-85 में की गई थी. इसके तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और मंत्रालयों में अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए बजटीय प्रावधान किया जाता है.

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याचिकाकर्ता के वकील महमूद प्राचा ने कहा कि आरटीआई (RTI) से मिली जानकारी के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2020-21 में अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत आवंटित धन का अब तक केवल 17.92 फीसदी ही खर्च किया गया है. इस योजना के तहत जारी फंड का मामूली इस्तेमाल किया गया है. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने इस योजना के तहत 2013-14 में हुए खर्च का विवरण अपनी वेबसाइट (Website) पर अपलोड नहीं किया है.

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