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कालकाजी में झुग्गीवासियों को हटाने के खिलाफ दायर याचिका पर डीडीए को नोटिस - दिल्ली हाईकोर्ट

झुग्गीवासियों के पुनर्वास की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने डीडीए को (Delhi High Court notice to DDA) नोटिस जारी किया है. 15 दिसंबर 2021 को लोटस टेंपल रोड पर से झुग्गियां गिरा दी गईं थी.

दायर
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Published : Jan 14, 2022, 9:03 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने बिना किसी पूर्व सूचना के कालकाजी में लोटस टेंपल रोड पर झुग्गियों को हटाने और झुग्गीवासियों के पुनर्वास की (Petition seeking rehabilitation of slum dwellers) मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए डीडीए को नोटिस जारी (Delhi High Court notice to DDA) किया है. जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच ने डीडीए को 22 मार्च तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

याचिका उन झुग्गीवासियों ने दायर की है जिनकी झुग्गियां 15 दिसंबर 2021 को गिरा दी गईं. याचिका में कहा गया है कि कोरोना की महामारी के दौरान झुग्गियों को हटा दिया गया, इससे वे असहाय हो चुके हैं. इन झुग्गीवासियों में से अधिकांश दिहाड़ी मजदूर, रिक्शा चालक और घरेलू कामगार हैं जो अब बिना किसी आश्रय के सड़क किनारे लोटस टेंपल रोड पर खुले में रहने को मजबूर हैं.

इसे भी पढ़ेंः कीर्ति आजाद ने लगाया भाई-भतीजावाद का आरोप, हाईकोर्ट का केंद्र, DDCA व BCCI को नोटिस

याचिका में इन झुग्गीवासियों को पीने का पानी और स्वच्छ परिवेश सहित सुविधाओं के साथ अस्थायी आश्रय की मांग की गई है. याचिकाकर्ताओं का दावा है कि उनके पास दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के मुताबिक जनवरी 2015 से पहले का निवास प्रमाण पत्र है. याचिका में कहा गया है कि हटाए गए झुग्गीवासियों का सर्वेक्षण करने और दिल्ली झुग्गी झोपड़ी स्लम पुनर्वास नीति (Delhi Jhuggi Jhopri Slum Rehabilitation Policy) के मुताबिक उनके पुनर्वास का दिशानिर्देश जारी किया जाए.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने बिना किसी पूर्व सूचना के कालकाजी में लोटस टेंपल रोड पर झुग्गियों को हटाने और झुग्गीवासियों के पुनर्वास की (Petition seeking rehabilitation of slum dwellers) मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए डीडीए को नोटिस जारी (Delhi High Court notice to DDA) किया है. जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच ने डीडीए को 22 मार्च तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

याचिका उन झुग्गीवासियों ने दायर की है जिनकी झुग्गियां 15 दिसंबर 2021 को गिरा दी गईं. याचिका में कहा गया है कि कोरोना की महामारी के दौरान झुग्गियों को हटा दिया गया, इससे वे असहाय हो चुके हैं. इन झुग्गीवासियों में से अधिकांश दिहाड़ी मजदूर, रिक्शा चालक और घरेलू कामगार हैं जो अब बिना किसी आश्रय के सड़क किनारे लोटस टेंपल रोड पर खुले में रहने को मजबूर हैं.

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याचिका में इन झुग्गीवासियों को पीने का पानी और स्वच्छ परिवेश सहित सुविधाओं के साथ अस्थायी आश्रय की मांग की गई है. याचिकाकर्ताओं का दावा है कि उनके पास दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के मुताबिक जनवरी 2015 से पहले का निवास प्रमाण पत्र है. याचिका में कहा गया है कि हटाए गए झुग्गीवासियों का सर्वेक्षण करने और दिल्ली झुग्गी झोपड़ी स्लम पुनर्वास नीति (Delhi Jhuggi Jhopri Slum Rehabilitation Policy) के मुताबिक उनके पुनर्वास का दिशानिर्देश जारी किया जाए.

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