नई दिल्ली : नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया है कि खतरनाक पदार्थों के भंडारण एवं प्रबंधन के लिए एक महीने के अंदर आपात योजना को अंतिम रूप दें. एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश जारी किया.
700 टन अमोनियम नाइट्रेट के भंडारण की खबर पर संज्ञान
एनजीटी ने मीडिया में आई उस खबर पर संज्ञान लिया है, जिसमें कहा गया था कि चेन्नई स्थित एक कंटेनर फ्रेट स्टेशन पर करीब 700 टन अमोनियम नाइट्रेट का भंडारण किया गया है. अमोनियम नाइट्रेट एक विस्फोटक पदार्थ है. सुनवाई के दौरान तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एनजीटी को बताया कि 697 टन अमोनियम नाइट्रेट वाले 37 कंटेनर को तेलंगाना में साल्वो एक्सप्लोसिव्स एंड केमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड को भेजा गया है.
एनजीटी ने ये नोट किया कि तमिलनाडु के औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग निदेशक और चेन्नई जिला मजिस्ट्रेट ने भी तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सूचना को सही बताया. एनजीटी ने कहा कि भले ही अमोनियम नाइट्रेट वहां से हटाकर तेलंगाना शिफ्ट कर दिया गया है.
इसलिए हेजार्डस केमिकल रुल्स के नियम 13 और 14 के तहत खतरनाक रसायनों के निर्माण और उनके प्रबंधन को लेकर आपातकालीन योजनाओं को एक महीने के अंदर अंतिम रूप दिया जाए. एनजीटी ने कहा कि इसके लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड समन्वय करेंगे. बता दें कि अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल खेती में खाद के रूप में भी प्रयुक्त किया जाता है.