नई दिल्ली: लॉकडाउन के समय में नजफगढ़ पुलिस द्वारा पिछले 53 दिनों से गरीब और जरुरतमंदों का पेट भरने की लिए एक पहल शुरू की गई है. जिसको सफल बनाने के लिए बड़े-बड़े खिलाड़ियों से लेकर मजिस्ट्रेट और डीसीपी भी आगे आए हैं. इतना ही नहीं गांव के प्रधान और स्थानीय निवासियों द्वारा भी गरीबों को खाना खिलाया जा रह है. लॉकडाउन के दौरान नजफगढ़ की बदलती छवि को देखते हुए ETV BHARAT ने खास बातचीत की.
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर इस वायरस से बच सकते हैं
नजफगढ़ एसएचओ ने हमारी टीम को बताया कि यहां रह रहे प्रवासी मजदूरों ने लॉकडाउन 1, 2 और 3 में बहुत संयम और धैर्य दिखाया है, लेकिन लॉकडाउन 4 लगने के बाद अब लोग पलायन करना शुरू करेंगे. ऐसे में उन्हें रोकने के लिए खाना वितरण के दौरान पुलिस द्वारा उन्हें जागरूक भी किया जा रहा है ताकि वह लोग यहां रुके रहे क्योंकि इस वायरस से बचने के लिए एकमात्र उपाय है सोशल डिस्टेंसिंग जिसका पालन कर हम सभी इस वायरस से बच सकते हैं.
जरूरत का सामान कराया जा रहा है उपलब्ध
वहीं नजफगढ़ के प्रधान ने बताया कि लॉकडाउन लगने के बाद से दिल्ली पुलिस लोगों की बहुत सेवा कर रही है. लेकिन, नजफगढ़ पुलिस द्वारा नजफगढ़ के इलाके के लोगों को लॉकडाउन के बाद से लोगों को खाना खिलाने के साथ-साथ उनकी छोटी-छोटी आवश्यकताओं को भी पूरा कर रही है. लोगों को मास्क सैनिटाइजर के अलावा दूध फल और अन्य जरूरी सामान भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं.
वहीं खाना लेने आए लोगों ने भी हमारी टीम को बताया कि पुलिस द्वारा मदद की जा रही है. जिसका वह बहुत धन्यवाद करते हैं और पुलिस द्वारा किए जा रहे इस प्रयास के कारण यह लोग दिल्ली में रुक पाए हैं. उनका यह भी कहना है कि जब तक नजफगढ़ पुलिस खाना खिलाती रहेगी, तब तक वह दिल्ली से पलायन करने के लिए सोचेंगे भी नहीं.