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तीन दिन में आत्मदाह की दो कोशिशें, जानें 10 साल के आंकड़े - दिल्ली में आत्मदाह के कारण

देश भर से अक्सर आत्मदाह की खबरें सामने आती हैं. आए दिन लोग आत्मदाह की कोशिश करते हैं. दिल्ली में ही पिछले तीन दिनों के अंदर आत्मदाह की कोशिश के दो मामले सामने आए हैं, जहां एक बुजुर्ग ने धोखाधड़ी का शिकार होने के बाद आत्मदाह की कोशिश की तो वहीं युवती ने न्याय नहीं मिलने के कारण यह कदम उठाया.

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दिल्ली में आत्मदाह की घटना
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Published : Aug 18, 2021, 10:59 PM IST

नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में आत्मदाह के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. बीते तीन दिनों में दो लोगों ने अलग-अलग जगहों पर आत्मदाह की कोशिश की. सोमवार को जहां एक महिला और पुरुष ने सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह करने की कोशिश की, तो वहीं बुधवार को तालकटोरा स्टेडियम के बाहर एक बुजुर्ग ने आत्मदाह की कोशिश की. दिल्ली में पिछले 10 सालों में करीब 325 लोग आत्मदाह कर चुके हैं. इसमें 180 पुरुष और 145 महिलाएं शामिल हैं.

राहत की बात यह है कि साल 2011 के बाद दिल्ली में आत्मदाह के मामले कम हो रहे हैं. साल 2011 में जहां 57 पुरुषों ने आत्मदाह की वहीं महिलाओं की संख्या 46 थी. साल 2019 की बात करें तो 17 पुरुष और 5 महिलाओं ने आत्मदाह की.

आत्मदाह के आंकड़े
आत्मदाह के आंकड़े

बता दें कि बुधवार को तालकटोरा स्टेडियम के पास बुजुर्ग ने आत्मदाह करने की कोशिश की. मौके पर पहुंची पुलिस ने बुजुर्ग को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया है. आग की वजह से बुजुर्ग के शरीर का ज्यादातर हिस्सा झुलस गया है. इस मामले में पुलिस का कहना है कि बुजुर्ग किसी धोखाधड़ी के शिकार हुए हैं. इससे परेशान होकर यह कदम उठाया है. उनकी हालत में सुधार होने के बाद बयान दर्ज किया जाएगा.

ये भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट के बाद अब तालकटोरा स्टेडियम के सामने आत्मदाह की कोशिश

वहीं, सोमवार को एक महिला और पुरुष ने सुप्रीम कोर्ट के गेट के बाहर खुद पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग के हवाले कर दिया था. हालांकि, आसपास मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत आग बुझाई और दोनों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया. सुप्रीम कोर्ट के बाहर खुद को आग लगाने वाली महिला ने आत्मदाह की कोशिश से पहले फेसबुक पर लाइव कर यूपी के एक सांसद पर कथित दुष्कर्म के आरोप लगाए. इस मामले में कहीं सुनवाई नहीं होने और उन पर गैर जमानती धाराओं में केस दर्ज होने के कारण यह कदम उठाने की बात सोशल मीडिया पर कही थी.

प्राथमिक जांच में पुलिस को पता चला है कि युवती दुष्कर्म पीड़िता है. उसने यूपी के मऊ जिला में एक सांसद के खिलाफ़ दुष्कर्म का मामला दर्ज करवा रखा है. वहीं, उसके साथ मौजूद शख्स इस मामले में गवाह है. यह मामला अभी अदालत के समक्ष विचाराधीन है. वहीं, दूसरी तरफ सांसद के भाई ने दोनों के खिलाफ फर्जीवाड़े एवं हनी ट्रैप का मामला दर्ज करवा दिया है. इस मामले में दोनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी है. इसकी वजह से दोनों न्याय के लिए जगह-जगह भटक रहे थे, लेकिन कहीं उनकी सुनवाई नहीं हो रही थी. इसलिए दोनों ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर पहुंचकर खुद को आग के हवाले कर दिया.

ये भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट के बाहर एक महिला-पुरुष ने की आत्मदाह की कोशिश

खुद को आग लगाने से पूर्व दोनों फेसबुक पर लाइव कर रहे थे. इस लाइव में दोनों ने बताया कि किस तरह से दुष्कर्म पीड़िता और दोस्त को झूठे मामले में फंसाया जा रहा है. फेसबुक लाइव में पीड़िता ने यूपी सांसद अतुल राय पर आरोपों की झड़ी लगा दी. वहीं, युवक कह रहा है कि यूपी आईजी अमिताभ ठाकुर, संबंधित जिले के एसएसपी अमित पाठक सीओ अमरिश सिंह, दरोगा संजय राय और उसके पुत्र विवेक राय पर आरोप लगाए हैं. मामले में दोनों ने एक जज की कथित भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं.

नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में आत्मदाह के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. बीते तीन दिनों में दो लोगों ने अलग-अलग जगहों पर आत्मदाह की कोशिश की. सोमवार को जहां एक महिला और पुरुष ने सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह करने की कोशिश की, तो वहीं बुधवार को तालकटोरा स्टेडियम के बाहर एक बुजुर्ग ने आत्मदाह की कोशिश की. दिल्ली में पिछले 10 सालों में करीब 325 लोग आत्मदाह कर चुके हैं. इसमें 180 पुरुष और 145 महिलाएं शामिल हैं.

राहत की बात यह है कि साल 2011 के बाद दिल्ली में आत्मदाह के मामले कम हो रहे हैं. साल 2011 में जहां 57 पुरुषों ने आत्मदाह की वहीं महिलाओं की संख्या 46 थी. साल 2019 की बात करें तो 17 पुरुष और 5 महिलाओं ने आत्मदाह की.

आत्मदाह के आंकड़े
आत्मदाह के आंकड़े

बता दें कि बुधवार को तालकटोरा स्टेडियम के पास बुजुर्ग ने आत्मदाह करने की कोशिश की. मौके पर पहुंची पुलिस ने बुजुर्ग को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया है. आग की वजह से बुजुर्ग के शरीर का ज्यादातर हिस्सा झुलस गया है. इस मामले में पुलिस का कहना है कि बुजुर्ग किसी धोखाधड़ी के शिकार हुए हैं. इससे परेशान होकर यह कदम उठाया है. उनकी हालत में सुधार होने के बाद बयान दर्ज किया जाएगा.

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वहीं, सोमवार को एक महिला और पुरुष ने सुप्रीम कोर्ट के गेट के बाहर खुद पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग के हवाले कर दिया था. हालांकि, आसपास मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत आग बुझाई और दोनों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया. सुप्रीम कोर्ट के बाहर खुद को आग लगाने वाली महिला ने आत्मदाह की कोशिश से पहले फेसबुक पर लाइव कर यूपी के एक सांसद पर कथित दुष्कर्म के आरोप लगाए. इस मामले में कहीं सुनवाई नहीं होने और उन पर गैर जमानती धाराओं में केस दर्ज होने के कारण यह कदम उठाने की बात सोशल मीडिया पर कही थी.

प्राथमिक जांच में पुलिस को पता चला है कि युवती दुष्कर्म पीड़िता है. उसने यूपी के मऊ जिला में एक सांसद के खिलाफ़ दुष्कर्म का मामला दर्ज करवा रखा है. वहीं, उसके साथ मौजूद शख्स इस मामले में गवाह है. यह मामला अभी अदालत के समक्ष विचाराधीन है. वहीं, दूसरी तरफ सांसद के भाई ने दोनों के खिलाफ फर्जीवाड़े एवं हनी ट्रैप का मामला दर्ज करवा दिया है. इस मामले में दोनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी है. इसकी वजह से दोनों न्याय के लिए जगह-जगह भटक रहे थे, लेकिन कहीं उनकी सुनवाई नहीं हो रही थी. इसलिए दोनों ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर पहुंचकर खुद को आग के हवाले कर दिया.

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खुद को आग लगाने से पूर्व दोनों फेसबुक पर लाइव कर रहे थे. इस लाइव में दोनों ने बताया कि किस तरह से दुष्कर्म पीड़िता और दोस्त को झूठे मामले में फंसाया जा रहा है. फेसबुक लाइव में पीड़िता ने यूपी सांसद अतुल राय पर आरोपों की झड़ी लगा दी. वहीं, युवक कह रहा है कि यूपी आईजी अमिताभ ठाकुर, संबंधित जिले के एसएसपी अमित पाठक सीओ अमरिश सिंह, दरोगा संजय राय और उसके पुत्र विवेक राय पर आरोप लगाए हैं. मामले में दोनों ने एक जज की कथित भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं.

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