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JNU: 'राम के नाम' डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग पर प्रशासन और छात्रसंघ आमने-सामने

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर टेफल्स में स्क्रीनिंग होने जा रही 'राम के नाम' डॉक्यूमेंट्री (Ram ke naam documentary) को विश्वविद्यालय प्रशासन ने तत्काल रदद् करने का ऑर्डर जारी किया है. डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग शनिवार रात 9:30 बजे होनी थी.

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Published : Dec 4, 2021, 4:51 PM IST

Updated : Dec 4, 2021, 9:33 PM IST

नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर टेफल्स में शनिवार रात 9:30 बजे 'राम के नाम' डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग होनी थी. वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने डॉक्यूमेंट्री स्क्रीनिंग को तत्काल रद्द करने का ऑर्डर जारी कर दिया है. डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग जेएनयू छात्रसंघ कर रहा था. वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन के स्क्रीनिंग को रद्द करने के ऑर्डर का जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष ने विरोध जताया है और कहा कि यह कार्यक्रम आज रात 9:30 बजे आयोजित किया जाएगा. इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पहली बार नहीं हो रही है. इससे पहले साल 2019 (Ram ke naam screened 2019) में भी यह फिल्म यहां दिखाई गई थी.



विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा जारी किए गए डॉक्यूमेंट्री 'राम के नाम' की स्क्रीनिंग (Screening of documentary ram ke naam) को रद्द करने को लेकर जारी किए गए आदेश का जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष ने विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया है कि डॉक्यूमेंट्री स्क्रीनिंग अनधिकृत है और इससे माहौल बिगड़ सकता है. इस दौरान उन्होंने कहा कि 'राम के नाम' डॉक्यूमेंट्री (Screening of documentary ram ke naam) यह दिखाती है कि बीजेपी किस तरह से देश भर में सेकुलरिज्म के नाम पर घृणा फैला रही है. वहीं जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि डॉक्यूमेंट्री स्क्रीनिंग नहीं रुकेगी और यह आज रात 9:30 बजे टेफल्स में आयोजित की जाएगी.

जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइसी घोष ने जारी किया वीडियो.
जेएनयू रजिस्ट्रार प्रोफेसर रविकेश कुमार ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम को लेकर कोई भी अनुमति नहीं ली गई है. उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से विश्वविद्यालय का शांतिपूर्ण माहौल बिगड़ सकता है. साथ ही तत्काल कार्यक्रम रद्द करने के आदेश जारी कर दिये गए हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगर इसके बावजूद भी संबंधित व्यक्ति कार्यक्रम रद्द नहीं करता है तो विश्वविद्यालय के नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि अगर डॉक्यूमेंट्री के स्क्रीनिंग के दौरान कुछ भी घटना घटती है तो उसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन और दिल्ली पुलिस जिम्मेदार होगी.
स्क्रीनिंग से पहले जारी पोस्टर.
स्क्रीनिंग से पहले जारी पोस्टर.

'राम के नाम' डॉक्यूमेंट्री के निदेशक आनंद पटवर्धन ने जेएनयू छात्रसंघ को प्रशासन के द्वारा डॉक्यूमेंट्री न दिखाने की रोक के बावजूद दिखाने के फैसले पर बधाई दी है. उन्होंने कहा कि छात्रों को इस डॉक्यूमेंट्री को देखने का पूरा अधिकार है. डॉक्यूमेंट्री को CBFC के द्वारा यू सर्टिफिकेट (ram ke naam U certifacate from cbfc) मिला हुआ है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि वर्ष 1992 में 'राम के नाम' को बेस्ट इन्वेस्टिगेटिव डॉक्यूमेंट्री का नेशनल अवार्ड भी मिला हुआ है. साथ ही कहा कि यह डॉक्यूमेंट्री दूरदर्शन पर भी दिखाई गई है. वहीं 'राम के नाम' डॉक्यूमेंट्री के निदेशक आनंद पटवर्धन ने कहा कि डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को रोका नहीं जा सकता है. उन्होंने कहा कि जब इस देश में पूरी तरह से फासिज्म आ जाएगा तब इसे रोक पाएंगे अभी तक पूरी तरह से देश में फासिज्म नहीं आया है.

नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर टेफल्स में शनिवार रात 9:30 बजे 'राम के नाम' डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग होनी थी. वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने डॉक्यूमेंट्री स्क्रीनिंग को तत्काल रद्द करने का ऑर्डर जारी कर दिया है. डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग जेएनयू छात्रसंघ कर रहा था. वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन के स्क्रीनिंग को रद्द करने के ऑर्डर का जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष ने विरोध जताया है और कहा कि यह कार्यक्रम आज रात 9:30 बजे आयोजित किया जाएगा. इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पहली बार नहीं हो रही है. इससे पहले साल 2019 (Ram ke naam screened 2019) में भी यह फिल्म यहां दिखाई गई थी.



विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा जारी किए गए डॉक्यूमेंट्री 'राम के नाम' की स्क्रीनिंग (Screening of documentary ram ke naam) को रद्द करने को लेकर जारी किए गए आदेश का जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष ने विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया है कि डॉक्यूमेंट्री स्क्रीनिंग अनधिकृत है और इससे माहौल बिगड़ सकता है. इस दौरान उन्होंने कहा कि 'राम के नाम' डॉक्यूमेंट्री (Screening of documentary ram ke naam) यह दिखाती है कि बीजेपी किस तरह से देश भर में सेकुलरिज्म के नाम पर घृणा फैला रही है. वहीं जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि डॉक्यूमेंट्री स्क्रीनिंग नहीं रुकेगी और यह आज रात 9:30 बजे टेफल्स में आयोजित की जाएगी.

जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइसी घोष ने जारी किया वीडियो.
जेएनयू रजिस्ट्रार प्रोफेसर रविकेश कुमार ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम को लेकर कोई भी अनुमति नहीं ली गई है. उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से विश्वविद्यालय का शांतिपूर्ण माहौल बिगड़ सकता है. साथ ही तत्काल कार्यक्रम रद्द करने के आदेश जारी कर दिये गए हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगर इसके बावजूद भी संबंधित व्यक्ति कार्यक्रम रद्द नहीं करता है तो विश्वविद्यालय के नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि अगर डॉक्यूमेंट्री के स्क्रीनिंग के दौरान कुछ भी घटना घटती है तो उसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन और दिल्ली पुलिस जिम्मेदार होगी.
स्क्रीनिंग से पहले जारी पोस्टर.
स्क्रीनिंग से पहले जारी पोस्टर.

'राम के नाम' डॉक्यूमेंट्री के निदेशक आनंद पटवर्धन ने जेएनयू छात्रसंघ को प्रशासन के द्वारा डॉक्यूमेंट्री न दिखाने की रोक के बावजूद दिखाने के फैसले पर बधाई दी है. उन्होंने कहा कि छात्रों को इस डॉक्यूमेंट्री को देखने का पूरा अधिकार है. डॉक्यूमेंट्री को CBFC के द्वारा यू सर्टिफिकेट (ram ke naam U certifacate from cbfc) मिला हुआ है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि वर्ष 1992 में 'राम के नाम' को बेस्ट इन्वेस्टिगेटिव डॉक्यूमेंट्री का नेशनल अवार्ड भी मिला हुआ है. साथ ही कहा कि यह डॉक्यूमेंट्री दूरदर्शन पर भी दिखाई गई है. वहीं 'राम के नाम' डॉक्यूमेंट्री के निदेशक आनंद पटवर्धन ने कहा कि डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को रोका नहीं जा सकता है. उन्होंने कहा कि जब इस देश में पूरी तरह से फासिज्म आ जाएगा तब इसे रोक पाएंगे अभी तक पूरी तरह से देश में फासिज्म नहीं आया है.

Last Updated : Dec 4, 2021, 9:33 PM IST
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