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जामिया गोली कांड: आरोपी पर नहीं चल सकता सख्त मुकदमा, सामने आई यह कानूनी अड़चन

जामिया में हुए गोली कांड मामले में पकड़े गए आरोपी के खिलाफ सख्त मुकदमा नहीं चल सकता है. क्रिमिनल एडवोकेट दीपक चौधरी ने बताया कि किसी भी नाबालिग पर बालिग के तहत मुकदमा चलाने के लिए उसका गंभीर अपराध में शामिल होना आवश्यक है.

jamia shooter case will be treated as juvenile
जामिया गोली कांड
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Published : Jan 31, 2020, 5:32 PM IST

नई दिल्ली: जामिया गोली कांड में पकड़े गए आरोपी के खिलाफ दिल्ली पुलिस बाल न्यायालय के समक्ष उसे बालिग मानते हुए मामला चलाने की अपील करना चाहती थी, लेकिन इसमें कानूनी पेच आ गया है. इसकी वजह से पुलिस पकड़े गए नाबालिग पर बालिग की तरह मुकदमा नहीं चला सकती है. उस पर नाबालिग की तरह ही मुकदमा चलाया जाएगा, जिसके चलते उस पर सख्त कार्रवाई नहीं होगी.

आरोपी पर नहीं चल सकता सख्त मुकदमा
जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस ने जामिया में गोली चलाने वाले जिस नाबालिग को पकड़ा है, वह आगामी अप्रैल में 18 साल का होने वाला है. निर्भया कांड के बाद सरकार द्वारा जेजे एक्ट में संशोधन किया गया था, ताकि गंभीर अपराध करने वाले नाबालिगों पर सख्त कार्रवाई हो. इसमें यह प्रावधान किया गया था कि अगर 16 से 18 वर्ष का कोई नाबालिग गंभीर अपराध करता है तो उस पर बालिग की तरह मुकदमा चलाया जा सकता है. इसी के तहत दिल्ली पुलिस के खिलाफ पकड़े गए नाबालिग के खिलाफ बालिग मानते हुए मुकदमा चलाना चाहती थी, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पाया.
Crime Branch
क्राइम ब्रांच
आरोपी पर फिट नहीं संशोधित कानूनक्रिमिनल एडवोकेट दीपक चौधरी ने बताया कि किसी भी नाबालिग पर बालिग के तहत मुकदमा चलाने के लिए उसका गंभीर अपराध में शामिल होना आवश्यक है. इस मामले में उसके खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमे में कम से कम 7 साल की सजा होनी चाहिए. जामिया गोलीकांड में दिल्ली पुलिस ने आर्म्स एक्ट और हत्या प्रयास के तहत मामला दर्ज किया है. इन दोनों ही धाराओं में कम से कम 7 साल की सजा का प्रावधान नहीं है. इसके चलते उसे नाबालिग मानते हुए ही बाल न्यायालय में मुकदमा चलाया जाएगा.
Delhi Police
दिल्ली पुलिस
शरजील को सिखाना चाहता था सबकपुलिस को पूछताछ के दौरान आरोपी नाबालिग ने बताया है कि वह गिरफ्तार किए गए शरजील को सबक सिखाना चाहता था. उसने जिस तरीके से असम को भारत से अलग करने की बात कही थी, वह इससे बेहद नाराज था. इसी वजह से वह दिल्ली आया था ताकि वह शरजील पर हमला कर सके.

नई दिल्ली: जामिया गोली कांड में पकड़े गए आरोपी के खिलाफ दिल्ली पुलिस बाल न्यायालय के समक्ष उसे बालिग मानते हुए मामला चलाने की अपील करना चाहती थी, लेकिन इसमें कानूनी पेच आ गया है. इसकी वजह से पुलिस पकड़े गए नाबालिग पर बालिग की तरह मुकदमा नहीं चला सकती है. उस पर नाबालिग की तरह ही मुकदमा चलाया जाएगा, जिसके चलते उस पर सख्त कार्रवाई नहीं होगी.

आरोपी पर नहीं चल सकता सख्त मुकदमा
जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस ने जामिया में गोली चलाने वाले जिस नाबालिग को पकड़ा है, वह आगामी अप्रैल में 18 साल का होने वाला है. निर्भया कांड के बाद सरकार द्वारा जेजे एक्ट में संशोधन किया गया था, ताकि गंभीर अपराध करने वाले नाबालिगों पर सख्त कार्रवाई हो. इसमें यह प्रावधान किया गया था कि अगर 16 से 18 वर्ष का कोई नाबालिग गंभीर अपराध करता है तो उस पर बालिग की तरह मुकदमा चलाया जा सकता है. इसी के तहत दिल्ली पुलिस के खिलाफ पकड़े गए नाबालिग के खिलाफ बालिग मानते हुए मुकदमा चलाना चाहती थी, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पाया.
Crime Branch
क्राइम ब्रांच
आरोपी पर फिट नहीं संशोधित कानूनक्रिमिनल एडवोकेट दीपक चौधरी ने बताया कि किसी भी नाबालिग पर बालिग के तहत मुकदमा चलाने के लिए उसका गंभीर अपराध में शामिल होना आवश्यक है. इस मामले में उसके खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमे में कम से कम 7 साल की सजा होनी चाहिए. जामिया गोलीकांड में दिल्ली पुलिस ने आर्म्स एक्ट और हत्या प्रयास के तहत मामला दर्ज किया है. इन दोनों ही धाराओं में कम से कम 7 साल की सजा का प्रावधान नहीं है. इसके चलते उसे नाबालिग मानते हुए ही बाल न्यायालय में मुकदमा चलाया जाएगा.
Delhi Police
दिल्ली पुलिस
शरजील को सिखाना चाहता था सबकपुलिस को पूछताछ के दौरान आरोपी नाबालिग ने बताया है कि वह गिरफ्तार किए गए शरजील को सबक सिखाना चाहता था. उसने जिस तरीके से असम को भारत से अलग करने की बात कही थी, वह इससे बेहद नाराज था. इसी वजह से वह दिल्ली आया था ताकि वह शरजील पर हमला कर सके.
Intro:स्पेशल
नई दिल्ली
जामिया गोली कांड में पकड़े गए आरोपी के खिलाफ दिल्ली पुलिस बाल न्यायालय के समक्ष उसे बालिग मानते हुए मामला चलाने की अपील करना चाहती थी. लेकिन इसमें कानूनी पेच आ गया है. इसकी वजह से पुलिस पकड़े गए नाबालिक पर बालिग की तरह मुकदमा नहीं चला सकती है. उस पर नाबालिग की तरह ही मुकदमा चलाया जाएगा जिसके चलते उस पर सख्त कार्यवाही नहीं होगी.


Body:जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस ने जामिया में गोली चलाने वाले जिस नाबालिक को पकड़ा है, वह आगामी अप्रैल में 18 साल का होने वाला है. निर्भया कांड के बाद सरकार द्वारा जेजे एक्ट में संशोधन किया गया था ताकि गंभीर अपराध करने वाले नाबालिगों पर सख्त कार्यवाही हो. इसमें यह प्रावधान किया गया था कि अगर 16 से 18 वर्ष का कोई नाबालिक गंभीर अपराध करता है तो उस पर बालिग की तरह मुकद्दमा चलाया जा सकता है. इसी के तहत दिल्ली पुलिस के खिलाफ पकड़े गए नाबालिग के खिलाफ बालिग मानते हुए मुकदमा चलाना चाहती थी, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पाया.



आरोपी पर फिट नहीं संसोधित कानून
क्रिमिनल एडवोकेट दीपक चौधरी ने बताया कि किसी भी नाबालिग पर बालिग के तहत मुकदमा चलाने के लिए उसका गंभीर अपराध में शामिल होना आवश्यक है. इस मामले में उसके खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमे में कम से कम सजा 7 साल की होनी चाहिए. जामिया गोलीकांड में दिल्ली पुलिस ने आर्म्स एक्ट और हत्या प्रयास के तहत मामला दर्ज किया है. इन दोनों ही धाराओं में कम से कम 7 साल की सजा का प्रावधान नहीं है. इसके चलते उसे नाबालिग मानते हुए ही बाल न्यायालय में मुकदमा चलाया जाएगा.


Conclusion:शरजील को सिखाना चाहता था सबक
पुलिस को पूछताछ के दौरान आरोपी नाबालिग ने बताया है कि वह गिरफ्तार किए गए शरजील को सबक सिखाना चाहता था. उसने जिस तरीके से असम को भारत से अलग करने की बात कही थी, वह इससे बेहद नाराज था. इसी वजह से वह दिल्ली आया था ताकि वह शरजील पर हमला कर सके.
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