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दिल्ली दंगा: आरोपियों को चार्जशीट की प्रति लौटाने का निर्देश, 'गवाहों की सुरक्षा जरूरी'

कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगों में साजिश रचने के मामले के 15 आरोपियों को निर्देश दिया है कि वे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की ओर से दायर चार्जशीट की प्रति लौटाएं.

Instructions to return the copy of the charge sheet filed in case of Delhi riots
दिल्ली दंगों के मामले में दाखिल चार्जशीट की प्रति लौटाने का निर्देश
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Published : Oct 10, 2020, 8:51 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगों में साजिश रचने के मामले के 15 आरोपियों को निर्देश दिया है कि वे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की ओर से दायर चार्जशीट की प्रति लौटाएं. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने कहा कि चार्जशीट में 15 गवाहों के नाम और पते का खुलासा किया गया है.

दिल्ली दंगों के मामले में दाखिल चार्जशीट की प्रति लौटाने का निर्देश


गवाहों की सुरक्षा जरूरी


दरअसल सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने बताया कि गवाहों में से तीन से कुछ लोगों की ओर से संपर्क करने की कोशिश की गई थी. ऐसे में गवाहों की सुरक्षा और उनकी पहचान सुरक्षित रखने के लिए आरोपियों से चार्जशीट वापस लिया जाए. कोर्ट ने आरोपियों के वकीलों से कहा कि वे 17 हजार पन्नों की एफआईआर से संबंधित पेन ड्राईव सौंप दें। कोर्ट ने आरोपियों के वकीलों को निर्देश दिया कि अगर उन्होंने चार्जशीट का कोई प्रिंट रखा है तो उसे नष्ट करें. कोर्ट ने कहा कि आरोपियों को चार्जशीट की नई प्रति नए पेन ड्राईव में सौंपा जाएगा.


15 लोगों को बनाया गया है आरोपी



कोर्ट ने कहा कि चार्जशीट दाखिल करने में जांच अधिकारी ने गलती की है और इससे गवाहों की पहचान औऱ उनकी सुरक्षा प्रभावित होगी. पिछले 16 सितंबर को स्पेशल सेल ने दिल्ली हिंसा में साजिश रचने के मामले में यूएपीए और आर्म्स एक्ट के तहत चार्जशीट दाखिल किया था. चार्जशीट में 15 लोगों को आरोपी बनाया गया है. चार्जशीट में डिजिटल साक्ष्यों, व्हाट्सऐप चैट और कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स के आधार पर केंद्र सरकार से अभियोजन चलाने की अनुमति ली गई है.


विरोध प्रदर्शनों के लिए बनाए गए थे 25 व्हाट्सऐप ग्रुप


पिछले 17 सितंबर को कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. चार्जशीट में 24 फरवरी के व्हाट्स ऐप चैट का हवाला दिया गया है जिस दिन उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगों की शुरुआत हुई थी. उस समय मुख्य साजिशकर्ता जमीनी कार्यकर्ताओं को दिशानिर्देश जारी कर रहे थे. साजिशकर्ताओं ने व्हाट्सऐप के जरिए सीलमपुर और जाफराबाद में हिंसा को भड़काने का काम किया था. 25 स्थानों पर विरोध प्रदर्शनों के लिए 25 व्हाट्सऐप ग्रुप बनाए गए थे. ये साजिशकर्ता ये जताने की कोशिश कर रहे थे कि वे नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में होनेवाले प्रदर्शनों के ग्रुप हैं लेकिन इन ग्रुप के जरिये वे हिंसा को भड़काने के लिए लोगों को उकसा रहे थे.



कौन-कौन हैं आरोपी


स्पेशल सेल ने ताहिर हुसैन को मुख्य आरोपी बनाया है. ताहिर हुसैन के अलावा जिन्हें आरोपी बनाया गया है. उनमें मोहम्मद परवेज अहमद, मोहम्मद इलियास, खालिद सैफी, शादाब अहमद, नताशा नरवाल, देवांगन कलीता, तसलीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान और अतहर खान के नाम शामिल हैं. इस चार्जशीट में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और जामिया यूनिवर्सिटी के छात्र शरजील इमाम का नाम शामिल नहीं है. बता दें कि दिल्ली दंगों में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और काफी लोग घायल हुए थे। उमर खालिद को एक दूसरे एफआईआर में आरोपी बनाया गया है और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है.

नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगों में साजिश रचने के मामले के 15 आरोपियों को निर्देश दिया है कि वे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की ओर से दायर चार्जशीट की प्रति लौटाएं. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने कहा कि चार्जशीट में 15 गवाहों के नाम और पते का खुलासा किया गया है.

दिल्ली दंगों के मामले में दाखिल चार्जशीट की प्रति लौटाने का निर्देश


गवाहों की सुरक्षा जरूरी


दरअसल सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने बताया कि गवाहों में से तीन से कुछ लोगों की ओर से संपर्क करने की कोशिश की गई थी. ऐसे में गवाहों की सुरक्षा और उनकी पहचान सुरक्षित रखने के लिए आरोपियों से चार्जशीट वापस लिया जाए. कोर्ट ने आरोपियों के वकीलों से कहा कि वे 17 हजार पन्नों की एफआईआर से संबंधित पेन ड्राईव सौंप दें। कोर्ट ने आरोपियों के वकीलों को निर्देश दिया कि अगर उन्होंने चार्जशीट का कोई प्रिंट रखा है तो उसे नष्ट करें. कोर्ट ने कहा कि आरोपियों को चार्जशीट की नई प्रति नए पेन ड्राईव में सौंपा जाएगा.


15 लोगों को बनाया गया है आरोपी



कोर्ट ने कहा कि चार्जशीट दाखिल करने में जांच अधिकारी ने गलती की है और इससे गवाहों की पहचान औऱ उनकी सुरक्षा प्रभावित होगी. पिछले 16 सितंबर को स्पेशल सेल ने दिल्ली हिंसा में साजिश रचने के मामले में यूएपीए और आर्म्स एक्ट के तहत चार्जशीट दाखिल किया था. चार्जशीट में 15 लोगों को आरोपी बनाया गया है. चार्जशीट में डिजिटल साक्ष्यों, व्हाट्सऐप चैट और कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स के आधार पर केंद्र सरकार से अभियोजन चलाने की अनुमति ली गई है.


विरोध प्रदर्शनों के लिए बनाए गए थे 25 व्हाट्सऐप ग्रुप


पिछले 17 सितंबर को कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. चार्जशीट में 24 फरवरी के व्हाट्स ऐप चैट का हवाला दिया गया है जिस दिन उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगों की शुरुआत हुई थी. उस समय मुख्य साजिशकर्ता जमीनी कार्यकर्ताओं को दिशानिर्देश जारी कर रहे थे. साजिशकर्ताओं ने व्हाट्सऐप के जरिए सीलमपुर और जाफराबाद में हिंसा को भड़काने का काम किया था. 25 स्थानों पर विरोध प्रदर्शनों के लिए 25 व्हाट्सऐप ग्रुप बनाए गए थे. ये साजिशकर्ता ये जताने की कोशिश कर रहे थे कि वे नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में होनेवाले प्रदर्शनों के ग्रुप हैं लेकिन इन ग्रुप के जरिये वे हिंसा को भड़काने के लिए लोगों को उकसा रहे थे.



कौन-कौन हैं आरोपी


स्पेशल सेल ने ताहिर हुसैन को मुख्य आरोपी बनाया है. ताहिर हुसैन के अलावा जिन्हें आरोपी बनाया गया है. उनमें मोहम्मद परवेज अहमद, मोहम्मद इलियास, खालिद सैफी, शादाब अहमद, नताशा नरवाल, देवांगन कलीता, तसलीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान और अतहर खान के नाम शामिल हैं. इस चार्जशीट में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और जामिया यूनिवर्सिटी के छात्र शरजील इमाम का नाम शामिल नहीं है. बता दें कि दिल्ली दंगों में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और काफी लोग घायल हुए थे। उमर खालिद को एक दूसरे एफआईआर में आरोपी बनाया गया है और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है.

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