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सुसाइड पॉइंट बन रहे मेट्रो स्टेशन! खुदकुशी के मामले हुए दोगुने

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Published : Oct 17, 2019, 2:44 PM IST

दिल्ली मेट्रो के आगे कूदकर जान देने वालों की घटनाएं लगातार बढ़ रही है. इसकी वजह से ना केवल डीएमआरसी बल्कि मेट्रो पुलिस भी काफी परेशान है. खुदकुशी के सबसे ज्यादा मामले समयपुर बादली से हुड्डा सिटी सेंटर के बीच चलने वाली येलो लाइन और द्वारका से नोएडा/वैशाली के बीच चलने वाली ब्लू लाइन पर घटित हो रही हैं.

सुसाइड पॉइंट बन रहे मेट्रो स्टेशन! खुदकुशी के मामले हुए दोगुने

नई दिल्ली: लाखों लोगों को उनके गंतव्य तक समय पर पहुंचाने वाली दिल्ली मेट्रो सुसाइड सुसाइड पॉइंट बनती जा रही है. मेट्रो के आगे कूदकर जान देने की घटनायें लगातार बढ़ रही हैं. बीते साल के मुकाबले बात करें तो खुदकुशी की घटना लगभग दोगुनी हो गई हैं. इसकी वजह से ना केवल डीएमआरसी बल्कि मेट्रो पुलिस भी काफी परेशान है.

खुदकुशी के मामले हुए दोगुने

खुदकुशी की घटनाओं के आंकड़े
जानकारी के मुताबिक साल 2017 में मेट्रो में खुदकुशी की 19 घटनाएं पूरे साल भर में हुई थी. इसके बाद इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए तमाम प्रयास किए गए और 2018 में इसका असर भी देखने को मिला.

साल 2018 में मेट्रो में खुदकुशी के कुल 12 मामले ही सामने आए थे. वहीं साल 2019 की बात करें तो बीते 15 अक्टूबर तक 20 लोग मेट्रो स्टेशन पर अब तक खुदकुशी कर चुके हैं.

वही लगभग आधा दर्जन लोग खुदकुशी का प्रयास भी कर चुके हैं. यह आंकड़ा डीएमआरसी और मेट्रो पुलिस को परेशान करने के लिए काफी है.

मेट्रो पुलिस के सूत्रों ने बताया कि खुदकुशी के सबसे ज्यादा मामले समयपुर बादली से हुड्डा सिटी सेंटर के बीच चलने वाली येलो लाइन और द्वारका से नोएडा/वैशाली के बीच चलने वाली ब्लू लाइन पर घटित हो रही हैं.
दरअसल यह दोनों लाइन काफी लंबी है और इन पर स्क्रीन डोर भी नहीं लगे हुए हैं. इसकी वजह से लोगों के लिए यहां मेट्रो के सामने कूदना आसान होता है.

सभी स्टेशनों पर नहीं लगा सकते स्क्रीन डोर
डीएमआरसी ने हाल ही में अदालत में हलफनामा दिया है, जिसमें उन्होंने बताया था कि वह सभी स्टेशनों पर स्क्रीन डोर नहीं लगा सकते.
ऐसा करने से मेट्रो की लागत काफी बढ़ जाएगी और इससे यात्रियों के किराए में भी इजाफा करना पड़ेगा. ऐसा करने से यात्रियों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा जो फिलहाल उचित नहीं होगा.


कर्मचारियों को किया गया अलर्ट
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए न केवल पुलिस बल्कि डीएमआरसी के कर्मचारियों को भी जागरूक किया जा रहा है.
उन्हें प्लेटफार्म पर खड़े रहने के दौरान ऐसे लोगों की पहचान करना सिखाया जा रहा है जो मेट्रो के सामने कूद सकते हैं.


हाल में हुई खुदकुशी की घटनाएं
⦁ 15 अक्टूबर- उत्तम नगर ईस्ट मेट्रो स्टेशन से नीचे कूदकर राजीव नामक शख्स ने खुदकुशी कर ली
⦁ 15 अक्टूबर- न्यू अशोक नगर मेट्रो स्टेशन पर अमित सोनी नामक युवक ने मेट्रो के आगे आकर अपनी जान दे दी
⦁ 15 अक्टूबर - द्वारका मोड़ मेट्रो स्टेशन पर एक शख्स ने मेट्रो के सामने छलांग लगाई, लेकिन मेट्रो से टकराकर वह प्लेटफार्म पर जा गिरा. हादसे में वह घायल हो गया.
⦁ 9 अक्टूबर- उत्तम नगर ईस्ट मेट्रो स्टेशन पर एक बुजुर्ग ने मेट्रो के सामने लगाई छलांग, हालत गंभीर
⦁ 26 सितंबर- उत्तम नगर वेस्ट स्टेशन पर मेट्रो ले सामने बुजुर्ग ने लगाई छलांग, चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर बुजुर्ग को बचाया
⦁ 16 सितंबर- जीटीबी नगर मेट्रो स्टेशन पर मेट्रो के सामने कूदकर युवती ने की खुफकुशी
⦁ 11 सितंबर- आदर्श नगर मेट्रो स्टेशन पर 55 वर्षीय व्यक्ति ने मेट्रो के सामने कूदकर की खुदकुशी
⦁ 7 सितंबर- मॉडल टाउन स्टेशन पर मेट्रो के सामने कूदकर महिला सोनाक्षी गर्ग ने दी जान
⦁ 2 सितंबर- झंडेवालान स्टेशन पर 45 वर्षीय मीरा देवी ने मेट्रो के सामने कूदकर की खुदकुशी.

नई दिल्ली: लाखों लोगों को उनके गंतव्य तक समय पर पहुंचाने वाली दिल्ली मेट्रो सुसाइड सुसाइड पॉइंट बनती जा रही है. मेट्रो के आगे कूदकर जान देने की घटनायें लगातार बढ़ रही हैं. बीते साल के मुकाबले बात करें तो खुदकुशी की घटना लगभग दोगुनी हो गई हैं. इसकी वजह से ना केवल डीएमआरसी बल्कि मेट्रो पुलिस भी काफी परेशान है.

खुदकुशी के मामले हुए दोगुने

खुदकुशी की घटनाओं के आंकड़े
जानकारी के मुताबिक साल 2017 में मेट्रो में खुदकुशी की 19 घटनाएं पूरे साल भर में हुई थी. इसके बाद इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए तमाम प्रयास किए गए और 2018 में इसका असर भी देखने को मिला.

साल 2018 में मेट्रो में खुदकुशी के कुल 12 मामले ही सामने आए थे. वहीं साल 2019 की बात करें तो बीते 15 अक्टूबर तक 20 लोग मेट्रो स्टेशन पर अब तक खुदकुशी कर चुके हैं.

वही लगभग आधा दर्जन लोग खुदकुशी का प्रयास भी कर चुके हैं. यह आंकड़ा डीएमआरसी और मेट्रो पुलिस को परेशान करने के लिए काफी है.

मेट्रो पुलिस के सूत्रों ने बताया कि खुदकुशी के सबसे ज्यादा मामले समयपुर बादली से हुड्डा सिटी सेंटर के बीच चलने वाली येलो लाइन और द्वारका से नोएडा/वैशाली के बीच चलने वाली ब्लू लाइन पर घटित हो रही हैं.
दरअसल यह दोनों लाइन काफी लंबी है और इन पर स्क्रीन डोर भी नहीं लगे हुए हैं. इसकी वजह से लोगों के लिए यहां मेट्रो के सामने कूदना आसान होता है.

सभी स्टेशनों पर नहीं लगा सकते स्क्रीन डोर
डीएमआरसी ने हाल ही में अदालत में हलफनामा दिया है, जिसमें उन्होंने बताया था कि वह सभी स्टेशनों पर स्क्रीन डोर नहीं लगा सकते.
ऐसा करने से मेट्रो की लागत काफी बढ़ जाएगी और इससे यात्रियों के किराए में भी इजाफा करना पड़ेगा. ऐसा करने से यात्रियों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा जो फिलहाल उचित नहीं होगा.


कर्मचारियों को किया गया अलर्ट
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए न केवल पुलिस बल्कि डीएमआरसी के कर्मचारियों को भी जागरूक किया जा रहा है.
उन्हें प्लेटफार्म पर खड़े रहने के दौरान ऐसे लोगों की पहचान करना सिखाया जा रहा है जो मेट्रो के सामने कूद सकते हैं.


हाल में हुई खुदकुशी की घटनाएं
⦁ 15 अक्टूबर- उत्तम नगर ईस्ट मेट्रो स्टेशन से नीचे कूदकर राजीव नामक शख्स ने खुदकुशी कर ली
⦁ 15 अक्टूबर- न्यू अशोक नगर मेट्रो स्टेशन पर अमित सोनी नामक युवक ने मेट्रो के आगे आकर अपनी जान दे दी
⦁ 15 अक्टूबर - द्वारका मोड़ मेट्रो स्टेशन पर एक शख्स ने मेट्रो के सामने छलांग लगाई, लेकिन मेट्रो से टकराकर वह प्लेटफार्म पर जा गिरा. हादसे में वह घायल हो गया.
⦁ 9 अक्टूबर- उत्तम नगर ईस्ट मेट्रो स्टेशन पर एक बुजुर्ग ने मेट्रो के सामने लगाई छलांग, हालत गंभीर
⦁ 26 सितंबर- उत्तम नगर वेस्ट स्टेशन पर मेट्रो ले सामने बुजुर्ग ने लगाई छलांग, चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर बुजुर्ग को बचाया
⦁ 16 सितंबर- जीटीबी नगर मेट्रो स्टेशन पर मेट्रो के सामने कूदकर युवती ने की खुफकुशी
⦁ 11 सितंबर- आदर्श नगर मेट्रो स्टेशन पर 55 वर्षीय व्यक्ति ने मेट्रो के सामने कूदकर की खुदकुशी
⦁ 7 सितंबर- मॉडल टाउन स्टेशन पर मेट्रो के सामने कूदकर महिला सोनाक्षी गर्ग ने दी जान
⦁ 2 सितंबर- झंडेवालान स्टेशन पर 45 वर्षीय मीरा देवी ने मेट्रो के सामने कूदकर की खुदकुशी.

Intro:इस खबर के लिए मेट्रो सुसाइड के दो विसुअल wrap से भेज रहा हूँ. उसको स्टोरी में जोड़ दीजिएगा.

नई दिल्ली
लाखों लोगों को उनके गंतव्य स्थान तक समय पर पहुंचाने वाली दिल्ली मेट्रो सुसाइड पॉइंट की तरह बनती जा रही है. मेट्रो के आगे कूदकर जान देने की घटनायें लगातार बढ़ रही हैं. बीते वर्ष के मुकाबले बात करें तो खुदकुशी की घटना लगभग दोगुनी हो गई हैं. इसकी वजह से ना केवल डीएमआरसी बल्कि मेट्रो पुलिस भी काफी परेशान है. इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए डीएमआरसी और मेट्रो पुलिस मिलकर इस तरह की घटनाओं को रोकने की योजना बना रही है.


Body:जानकारी के अनुसार वर्ष 2017 में मेट्रो में खुदकुशी की 19 घटनाएं पूरे साल भर में हुई थी. इसके बाद इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए तमाम प्रयास किए गए और 2018 में इसका असर भी देखने को मिला. वर्ष 2018 में मेट्रो में खुदकुशी के कुल 12 मामले ही सामने आए थे. वहीं वर्ष 2019 की बात करें तो बीते 15 अक्टूबर तक 20 लोग मेट्रो स्टेशन पर अब तक खुदकुशी कर चुके हैं. वही लगभग आधा दर्जन लोग खुदकुशी का प्रयास भी कर चुके हैं. यह आंकड़ा डीएमआरसी और मेट्रो पुलिस को परेशान करने के लिए काफी है.



इन दोनों लाइन पर होती है खुदकुशी की सबसे ज्यादा घटनाएं
मेट्रो पुलिस के सूत्रों ने बताया कि खुदकुशी के सबसे ज्यादा मामले समयपुर बादली से हुड्डा सिटी सेंटर के बीच चलने वाली येलो लाइन और द्वारका से नोएडा/वैशाली के बीच चलने वाली ब्लू लाइन पर घटित हो रही हैं. दरअसल यह दोनों लाइन काफी लंबी है और इन पर स्क्रीन डोर भी नहीं लगे हुए हैं. इसकी वजह से लोगों के लिए यहां मेट्रो के सामने कूदना आसान होता है. वहीं तीसरे फेज में बनाई गई पिंक लाइन और मैजेंटा लाइन की बात करें तो इन पर खुदकुशी का एक भी मामला सामने नहीं आया है. इसकी वजह सभी स्टेशनों पर लगे हुए स्क्रीन डोर हैं. यह स्क्रीन डोर मेट्रो के प्लेटफार्म पर लग जाने के बाद ही खुलते हैं जिसकी वजह से इसके ट्रैक पर कोई भी नहीं कूद सकता.


सभी स्टेशनों पर नहीं लगा सकते स्क्रीन डोर
डीएमआरसी ने हाल ही में अदालत में हलफनामा दिया है, जिसमें उन्होंने बताया था कि वह सभी स्टेशनों पर स्क्रीन डोर नहीं लगा सकते. ऐसा करने से मेट्रो की लागत काफी बढ़ जाएगी और इससे यात्रियों के किराए में भी इजाफा करना पड़ेगा. ऐसा करने से यात्रियों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा जो फिलहाल उचित नहीं होगा.


कर्मचारियों को किया गया अलर्ट

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए न केवल पुलिस बल्कि डीएमआरसी के कर्मचारियों को भी जागरूक किया जा रहा है. उन्हें प्लेटफार्म पर खड़े रहने के दौरान ऐसे लोगों की पहचान करना सिखाया जा रहा है जो मेट्रो के सामने कूद सकते हैं. इसके अलावा डीएमआरसी भी लोगों से अपील कर रही है कि उन्हें किसी प्रकार की मानसिक परेशानी है तो वह इसका इलाज कराएं, इसका हल खुदकुशी नहीं है.



Conclusion:हाल में हुई खुदकुशी की घटनाएं
15 अक्टूबर- उत्तम नगर ईस्ट मेट्रो स्टेशन से नीचे कूदकर राजीव नामक शख्स ने खुदकुशी कर ली
15 अक्टूबर- न्यू अशोक नगर मेट्रो स्टेशन पर अमित सोनी नामक युवक ने मेट्रो के आगे आकर अपनी जान दे दी
15 अक्टूबर - द्वारका मोड़ मेट्रो स्टेशन पर एक शख्स ने मेट्रो के सामने छलांग लगाई, लेकिन मेट्रो से टकराकर वह प्लेटफार्म पर जा गिरा. हादसे में वह घायल हो गया.
9 अक्टूबर- उत्तम नगर ईस्ट मेट्रो स्टेशन पर एक बुजुर्ग ने मेट्रो के सामने लगाई छलांग, हालत गंभीर
26 सितंबर- उत्तम नगर वेस्ट स्टेशन पर मेट्रो ले सामने बुजुर्ग ने लगाई छलांग, चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर बुजुर्ग को बचाया
16 सितंबर- जीटीबी नगर मेट्रो स्टेशन पर मेट्रो के सामने कूदकर युवती ने की खुफकुशी
11 सितंबर- आदर्श नगर मेट्रो स्टेशन पर 55 वर्षीय व्यक्ति ने मेट्रो के सामने कूदकर की खुदकुशी
7 सितंबर- मॉडल टाउन स्टेशन पर मेट्रो के सामने कूदकर महिला सोनाक्षी गर्ग ने दी जान
2 सितंबर- झंडेवालान स्टेशन पर 45 वर्षीय मीरा देवी ने मेट्रो के सामने कूदकर की खुदकुशी.


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