नई दिल्ली : देश की राजनीति में क्योटो और पेरिस के जुमलों ने अपनी ऐसी जगह बनाई कि जनता को बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं. दिल्ली में भीषण गर्मी के बीच पेयजल किल्लत भी कई इलाकों में देखी जा रही है. वेस्ट दिल्ली के हरिनगर में बीते 15 दिनों से लोग बूंद-बूंद पानी को मोहताज हैं.
दिल्ली के अधिकतर इलाकों में लोग पानी खरीदकर पीने को मजबूर हैं. इसी तरह सुभाष नगर में पानी की घोर किल्लत है. यहां के लोग लंबे अर्से से पानी खरीदकर पीने को मजबूर हैं. लोगों का कहना है कि जल बोर्ड और जनप्रतिनिधियों से बार बार शिकायत की, लेकिन अब तक पानी की कोई व्यवस्था नहीं की जा सकी है.
चुनावी मौसम में हर घर पर नेताओं की दस्तक होती है, लेकिन भीषण गर्मी में लोग पीने के लिए पानी नहीं पा रहे हैं. फिर भी उनकी कोई सुनने वाला नहीं है. तमाम सरकारी दावों की हकीकत दिल्ली के कई इलाकों में देखने को मिल जाती है. बारिश में जलभराव और गर्मियों में पानी की किल्लत दिल्ली की पहचान बनती जा रही है.
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गंदगी और पेयजल किल्लत दिल्ली का पीछा नहीं छोड़ रही है. सरकारें आज तक पानी की उचित व्यवस्था नहीं कर पाईं और नगर निगम आज तक गंदगी से निजात नहीं दिला सके. फिर भी दावे दिल्ली को पेरिस बनाने के किए जा रहे हैं.