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सर्किल रेट कम होने से दिल्ली के प्रॉपर्टी बाजार में जागी उम्मीद - दिल्ली में प्रॉपर्टी के सर्किल रेट

दिल्ली में प्रॉपर्टी के सर्किल रेट 20 प्रतिशत तक कम होने से प्रॉपर्टी मार्केट में एक बार फिर से उम्मीद की किरण दिख रही है. हालांकि कई विशेषज्ञों का मानना है कि इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा.

Hope of rise in Delhi property market due to lower circle rate
प्रॉपर्टी
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Published : Feb 9, 2021, 4:16 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में प्रॉपर्टी के सर्किल रेट 20 प्रतिशत तक कम होने से प्रॉपर्टी मार्केट में एक बार फिर से उम्मीद की किरण दिख रही है. हालांकि बाजार से जुड़े लोगों का मानना है कि इससे बहुत ज्यादा फायदा नहीं होगा.

छोटे खरीदारों को फायदा

दिलशाद कॉलोनी में प्रॉपर्टी का काम करने वाले सईद अखलाक मेहदी बताते हैं कि वर्ष 2014 से पहले तक प्रॉपर्टी के रेट ज्यादा और सर्किल रेट कम थे, लेकिन उसके बाद प्रॉपर्टी बाजार में आई गिरावट की वजह से सर्किल रेट ज्यादा हो गया. जिसकी वजह से लोगों को सस्ती प्रॉपर्टी खरीदने के बाद भी ज्यादा स्टाम्प ड्यूटी देनी पड़ती थी. ऐसे में अब सर्किल रेट कम होने से लोगों को करीब 40 हजार रुपये तक की बचत होगी. इससे जो लोग पिछले काफी समय से मकान बदलने या प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट करने के इच्छुक थे, वह आगे आएंगे. वहीं स्थानीय निवासियों का भी मानना है कि रजिस्ट्री शुल्क में आई कमी उन्हें लंबित फैसलों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करेगी.

दिल्ली के प्रॉपर्टी बाजार में जागी उम्मीद
स्टांप ड्यूटी कम करने से पड़ेगा ज्यादा फर्क
वहीं, इसी इलाके में बिल्डर का काम करने वाले विजय अरोड़ा बताते हैं कि सर्किल रेट कम होने से बाजार में थोड़ी चहल पहल तो बढ़ेगी, लेकिन इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा. वहीं अगर सरकार ने सर्किल रेट के बजाए स्टांप ड्यूटी में कमी की होती तो, उसका बाजार पर ज्यादा फर्क पड़ता. इसी इलाके के दूसरे बिल्डर आशुतोष दीक्षित का कहना है कि दिल्ली में अब नई प्रॉपर्टी नहीं है. जो प्रॉपर्टी है, रीसेल की है. वहीं एनसीआर में बड़ी संख्या में नई और दिल्ली के मुकाबले सस्ती प्रॉपर्टी है. इसलिए अब ग्राहक का रुझान एनसीआर की तरफ ज्यादा है. ऐसे में सरकार का यह फैसला प्रोपर्टी बाजार की रुकी हुई गाड़ी को खिसकान में मदद तो कर सकता है, लेकिन इससे गाड़ी चलेगी नहीं.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में प्रॉपर्टी के सर्किल रेट 20 प्रतिशत तक कम होने से प्रॉपर्टी मार्केट में एक बार फिर से उम्मीद की किरण दिख रही है. हालांकि बाजार से जुड़े लोगों का मानना है कि इससे बहुत ज्यादा फायदा नहीं होगा.

छोटे खरीदारों को फायदा

दिलशाद कॉलोनी में प्रॉपर्टी का काम करने वाले सईद अखलाक मेहदी बताते हैं कि वर्ष 2014 से पहले तक प्रॉपर्टी के रेट ज्यादा और सर्किल रेट कम थे, लेकिन उसके बाद प्रॉपर्टी बाजार में आई गिरावट की वजह से सर्किल रेट ज्यादा हो गया. जिसकी वजह से लोगों को सस्ती प्रॉपर्टी खरीदने के बाद भी ज्यादा स्टाम्प ड्यूटी देनी पड़ती थी. ऐसे में अब सर्किल रेट कम होने से लोगों को करीब 40 हजार रुपये तक की बचत होगी. इससे जो लोग पिछले काफी समय से मकान बदलने या प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट करने के इच्छुक थे, वह आगे आएंगे. वहीं स्थानीय निवासियों का भी मानना है कि रजिस्ट्री शुल्क में आई कमी उन्हें लंबित फैसलों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करेगी.

दिल्ली के प्रॉपर्टी बाजार में जागी उम्मीद
स्टांप ड्यूटी कम करने से पड़ेगा ज्यादा फर्क
वहीं, इसी इलाके में बिल्डर का काम करने वाले विजय अरोड़ा बताते हैं कि सर्किल रेट कम होने से बाजार में थोड़ी चहल पहल तो बढ़ेगी, लेकिन इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा. वहीं अगर सरकार ने सर्किल रेट के बजाए स्टांप ड्यूटी में कमी की होती तो, उसका बाजार पर ज्यादा फर्क पड़ता. इसी इलाके के दूसरे बिल्डर आशुतोष दीक्षित का कहना है कि दिल्ली में अब नई प्रॉपर्टी नहीं है. जो प्रॉपर्टी है, रीसेल की है. वहीं एनसीआर में बड़ी संख्या में नई और दिल्ली के मुकाबले सस्ती प्रॉपर्टी है. इसलिए अब ग्राहक का रुझान एनसीआर की तरफ ज्यादा है. ऐसे में सरकार का यह फैसला प्रोपर्टी बाजार की रुकी हुई गाड़ी को खिसकान में मदद तो कर सकता है, लेकिन इससे गाड़ी चलेगी नहीं.
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