नई दिल्ली: हाईकोर्ट ने हाल ही में पारित ट्रिपल तलाक कानून के खिलाफ दायर याचिका पर सोमवार को संक्षिप्त सुनवाई की. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि हम इस याचिका पर 18 अगस्त को भी सुनवाई जारी रखेंगे. कोर्ट ने कहा कि हम अभी इस मामले में कोई नोटिस जारी नहीं कर रहे हैं.
'3 साल की सजा के प्रावधान को चुनौती'
याचिका सामाजिक कार्यकर्ता और वकील शाहिद अली ने दायर किया है. याचिका में ट्रिपल तलाक कानून के प्रावधानों को चुनौती दी गई है. याचिका में 3 साल की सजा के प्रावधान को चुनौती दी गई है. याचिका में मुस्लिम वुमन (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज) एक्ट 2019 की धारा 3 और 4 को चुनौती दी गई है.
'सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लघंन है'
याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिपल तलाक को असंवैधानिक करार दिया है, लेकिन केंद्र सरकार उससे भी एक कदम आगे बढ़ गई और तीन तलाक कहने को अपराध करार दिया.
याचिका में कहा गया है कि इस मामले में पति और पत्नी के बीच मध्यस्थता का भी कोई प्रावधान नहीं किया गया है. ये भी कहा गया है कि केंद्र सरकार की ओर से ऐसा प्रावधान करना सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लघंन है.