नई दिल्ली: हरियाणा के विभिन्न जिलों से मध्य प्रदेश पैदल जा रहे 150 से अधिक मजदूरों को शुक्रवार सुबह हरियाणा पुलिस ने दिल्ली के बदरपुर बॉर्डर पार करने से रोक दिया. जिसके बाद सभी मजदूर बॉर्डर स्थित बस स्टेंड के पास एकजुट हो गए. जिसकी जानकारी पाकर दिल्ली के संगम विहार क्षेत्र की निगम पार्षद माया विष्ट के साथ बीजेपी मंडल अध्यक्ष मुकेश प्रधान के साथ मौके पर पहुंची. जिसके बाद पार्षद ने सभी मजदूरों को खाना और पानी वितरित किया.
वहीं मामले की जानकारी दिल्ली पुलिस को मिलने के बाद पुलिस ने सभी मजदूरों को डीटीसी बस से नेहरू प्लेस के चिराग एंक्लेव स्थित कौटिल्य पब्लिक स्कूल में बने शेल्टर होम में भेज दिया.
अंबाला में की गई थी स्क्रीनिंग
मजदूरों ने बताया कि उनका हरियाणा के अंबाला में स्क्रीनिंग की गई थी और वहां के एक कैंप में 15 दिनों तक रखा गया था. साथ ही वहां के जिला प्रशासन से संबंधित कंपनियों और बिल्डरों को काम देने की बातें कही थी. प्रशासन ने सभी को जल्द से जल्द काम दिलाने का आश्वासन दिया था. लेकिन, जब कोई काम नहीं मिला और स्थिति भूखे रहने की आ गई, तब मजदूरों ने अपने-अपने पत्नी और बच्चों के साथ वहां से पैदल ही मध्यप्रदेश स्थित अपने मूल जिलों की ओर निकल गए.
रात में करते थे सफर तय
मजदूरों ने बताया कि दिन में वह सफर तय नहीं करते थे, चूंकि दिन में धूप और गर्मी अधिक रहती है. इसलिए दिनभर वह सब आराम करते थे. जहां आसपास स्थित गांव व कॉलोनियों में रह रहे स्थानीय लोग व समाजसेवियों से खाना-पानी मांग कर भूख-प्यास मिटाते थे फिर रात में चोरी-छिपे दिल्ली बदरपुर बॉर्डर तक पहुंचे.
बदरपुर थाना के अधिकारियों ने बताया कि सभी मजदूरों की स्क्रीनिंग की जाएगी, फिर ट्रेन से इनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी.