नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की तरफ से नजफगढ़ ड्रेन पर एक पुल का निर्माण हो रहा था. जिसकी लागत 100 करोड़ से भी ज्यादा की थी. पुल को समय पर बनाये जाने की शर्त भी सरकार की तरफ से की गई थी. काम खूब जोरों शोरों से हो रहा था. ऐसा प्रतीत हो रहा था कि यह पुल समय पर तैयार हो जायेगा. लेकिन कोरोना ने सबकी उम्मीद पर पानी फेर दी.
ये भी पढ़ें:-कोरोना का प्रसार रोकने के लिए तेजी से निर्णायक कदम उठाएं : प्रधानमंत्री
ये भी पढ़ें:-अगर रक्षक ही अपराधी बन जाए तो सुरक्षा कौन करेगा : फडणवीस
प्रोजेक्ट बन्द हो गया
लॉकडाउन के कारण लेबर वापस अपने घर चले गये. कोरोना के बाद जैसे तैसे लेबरों को लाया गया और काम शुरू भी हुये लेकिन सरकारी सिस्टम में अब खराबी आ गई है. समय पर पैसा न मिलने के कारण प्रोजेक्ट बन्द हो गया हैं. जिन्हें आठ महीनों में बनाकर तैयार करना था. वो आठ महीनों से रुके हुए हैं.
बजट कब फ्लड डिपार्टमेंट को मिलेगा
अब केजरीवाल सरकार ने बजट भी पास कर दी है. यह बजट कब फ्लड डिपार्टमेंट को मिलेगा और कब ठेकेदार तक पहुंचेगा कुछ पता नहीं. वहीं ठेकेदारों को भी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. काम बंद होने से लेबर को संभाल कर रखना या दोबारा बुलाना किसी चुनौती से कम नहीं है. काम रुकने पर हर मशीनरी का किराया लगता ही रहता है. कम्पनी का कहना है कि काम स्टार्ट करने पर डबल खर्च होता है.