नई दिल्ली: पूरी दुनिया कोरोना महामारी की चपेट में है. जिससे अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हुई है. अब देश अनलॉक की तरफ बढ़ गया है. धीरे-धीरे सभी सेक्टरों को अलग-अलग नियमों के साथ खोलने और काम शुरू करने की छूट दी जा रही है. हालांकि एक उद्योग जिसे सरकार ने पूरी तरह से नजरअंदाज किया है, वो है जिम उद्योग. जिसके बाद परेशानी झेल रहे असंगठित फिटनेस और जिम उद्योग सरकार के सामने अपनी चिंताओं को व्यक्त करने के लिए एक साथ आए हैं. डीजीए का गठन इस दिशा में एक रचनात्मक कदम है.
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डीजीए ने दिल्ली सरकार से की बात
दिल्ली जिम एसोसिएशन को उद्योग के कुछ प्रसिद्ध लोगों के साथ बनाया गया है. डीजीए ने अपने सदस्यों के साथ एक चर्चा की और दिल्ली सरकार से बातचीत की. डीजीए ने बताया कि देश में एक लाख 25 हजार जिम हैं. बड़े और छोटे दोनों भारतीय स्वास्थ्य क्लबों के ब्रांड जो देश में काम कर रहे हैं. अकेले दिल्ली में लगभग 5500 जिम हैं. ऐसे में जहां देश अनलॉक की ओर बढ़ रहा है तो वहीं इनकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
लाखों लोगों की आर्थिक निर्भरता जिम पर है. ऐसे कई व्यवसाय हैं, जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जिम से जुड़े हुए हैं. GYM मालिकों के बीच घोर निराशा है, क्योंकि इस ओर कोई कदम नहीं उठाया गया. यहां तक कि इस उद्योग से 6 लोगों ने आत्महत्या भी कर ली.
DGA के अध्यक्ष भूपेंद्र शर्मा ने सरकार के सामने जीएसटी समेत अन्य मान्य बिंदुओ को भी रखा. उन्होंने कहा कि हम सरकार तक अपनी पहुंच बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं और हम सामाजिक सुरक्षा के सभी सुरक्षा मानदंडों और नियमों का पालन करेंगे. उद्योग खुला और काम करने वाला होना चाहिए और सभी जिम्मेदार नागरिकों की तरह, हमें भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहिए.