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बकरीद में बचे हैं कुछ दिन, बकरों से सजने लगा है बाजार

ईद उल अदहा में कुछ दिन ही बाकी रह गए है. ईद के लिए बकरा विक्रताओं ने दिल्ली पहुंचना शरू कर दिया है. हालांकि ईद में वक्त होने के कारण अभी बजार काफी ठंडा है.

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Published : Jul 26, 2019, 2:49 PM IST

Updated : Jul 26, 2019, 3:22 PM IST

नई दिल्ली: मुसलमानों का पवित्र त्यौहार बकरीद के दिन करीब आने लगे हैं. जैसे जैसे ईद के दिन करीब आते जाएंगे वैसे ही बजारों में बकरों की खरीद फरोख्त सिलसिला भी बढ़ता जाएगा. ऐसे में बकरा विक्रेता भी दिल्ली पहुंचने लगे है.

बकरीद में बचे हैं कुछ दिन, बकरों से सजने लगा है बाजार

बाजार ठंडा पड़ा है
बकरीद के दिन करीब आते ही दिल्ली में बकरों की खरीदारी का सिलसिला शुरू होने लगा है. ईद के आने में अभी वक्त है. जिसके चलते बजार ठंडा पड़ा है. इसके बाद भी बकरा विक्रता ग्राहकों के इंतजार में हैं.

विक्रेताओं को उम्मीद है कि जैसे ही कावड़ियों के आने जाने का सिलसिला खत्म होगा, वैसे ही खरीदार भी बाजार का रुख करने लगेंगे.

बकरे बेचने में होती है दिक्कत
यमुनापार में बकरों की खरीद फरोख्त के लिए दूर दराज से आने वाले विक्रेताओं के लिए सबसे ज्यादा दिक्कत इस बात की होती है कि यहां बकरों को बेचने के लिए कोई फिक्स ठिकाना नहीं है. बात की जाए तो सीलमपुर मेन रोड के पास एक टूटे बस स्टैंड की जगह और जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के सामने पीली मिट्टी पर बकरे बेचने वाले खड़े होते हैं.
मौसम खराब होने के चलते यह जगह बकरों के लिए ज्यादा महफूज़ नहीं है. इन दोनों जगहों पर भी यह लोग सिर्फ पुलिस के रहमों करम पर ही खड़े हो पाते हैं, जिस दिन पुलिस वाले अपनी नजर फेर लेते हैं इन लोगों का यह ठिकाना भी खत्म हो जाता है. फिर गली मोहल्ले में जा-जा कर बकरे बेचने को व्यापारी मजबूर हो जाते हैं.

बाहर से नहीं आ पा रही गाड़ियां
एक तरफ जहां बकरों की बिक्री का बाजार ठंडा हैं वहीं मुंबई, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की तरफ से आने वाली बकरों की गाड़ियां भी अभी नहीं पहुंच पा रही हैं. जिसके चलते बाजार में बकरों की संख्या बेहद कम है. इससे बकरों का बाजार काफी महंगा है.

फिलहाल बजारों में विंडो शॉपिंग ग्राहक
बाजार में बकरों के दाम बहुत ज्यादा चढ़े हुए हैं. जिसकी वजह से इनदिनों बाजार में खरीदार बेहद कम हैं, इतना जरूर है कि बाजार में घूमकर बकरों के भाव पूछने (विंडो शॉपिंग) ग्रहाकों की संख्या काफी ज्यादा है. बरेली से आए एक बकरा विक्रेता ने बताया कि वह अभी तो चंद बकरे ही लेकर आये हैं, जैसे ही बाजार बढ़ेगा वैसे ही उनके बंदे बकरों की गाड़ी लेकर दिल्ली पहुंच जाएंगे.

अभी क्योंकि सावन महीना चल रहा है और कावड़ियों का आवागमन भी सभी प्रमुख मार्गों पर हो रहा है, जिसे ध्यान में रखते हुए फिलहाल बकरों के साथ दिल्ली आने वालों की संख्या बेहद कम है. देखना होगा कि आने वाले समय में बकरों के बाजार में किस तरह से रौनक बढ़ेगी.

नई दिल्ली: मुसलमानों का पवित्र त्यौहार बकरीद के दिन करीब आने लगे हैं. जैसे जैसे ईद के दिन करीब आते जाएंगे वैसे ही बजारों में बकरों की खरीद फरोख्त सिलसिला भी बढ़ता जाएगा. ऐसे में बकरा विक्रेता भी दिल्ली पहुंचने लगे है.

बकरीद में बचे हैं कुछ दिन, बकरों से सजने लगा है बाजार

बाजार ठंडा पड़ा है
बकरीद के दिन करीब आते ही दिल्ली में बकरों की खरीदारी का सिलसिला शुरू होने लगा है. ईद के आने में अभी वक्त है. जिसके चलते बजार ठंडा पड़ा है. इसके बाद भी बकरा विक्रता ग्राहकों के इंतजार में हैं.

विक्रेताओं को उम्मीद है कि जैसे ही कावड़ियों के आने जाने का सिलसिला खत्म होगा, वैसे ही खरीदार भी बाजार का रुख करने लगेंगे.

बकरे बेचने में होती है दिक्कत
यमुनापार में बकरों की खरीद फरोख्त के लिए दूर दराज से आने वाले विक्रेताओं के लिए सबसे ज्यादा दिक्कत इस बात की होती है कि यहां बकरों को बेचने के लिए कोई फिक्स ठिकाना नहीं है. बात की जाए तो सीलमपुर मेन रोड के पास एक टूटे बस स्टैंड की जगह और जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के सामने पीली मिट्टी पर बकरे बेचने वाले खड़े होते हैं.
मौसम खराब होने के चलते यह जगह बकरों के लिए ज्यादा महफूज़ नहीं है. इन दोनों जगहों पर भी यह लोग सिर्फ पुलिस के रहमों करम पर ही खड़े हो पाते हैं, जिस दिन पुलिस वाले अपनी नजर फेर लेते हैं इन लोगों का यह ठिकाना भी खत्म हो जाता है. फिर गली मोहल्ले में जा-जा कर बकरे बेचने को व्यापारी मजबूर हो जाते हैं.

बाहर से नहीं आ पा रही गाड़ियां
एक तरफ जहां बकरों की बिक्री का बाजार ठंडा हैं वहीं मुंबई, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की तरफ से आने वाली बकरों की गाड़ियां भी अभी नहीं पहुंच पा रही हैं. जिसके चलते बाजार में बकरों की संख्या बेहद कम है. इससे बकरों का बाजार काफी महंगा है.

फिलहाल बजारों में विंडो शॉपिंग ग्राहक
बाजार में बकरों के दाम बहुत ज्यादा चढ़े हुए हैं. जिसकी वजह से इनदिनों बाजार में खरीदार बेहद कम हैं, इतना जरूर है कि बाजार में घूमकर बकरों के भाव पूछने (विंडो शॉपिंग) ग्रहाकों की संख्या काफी ज्यादा है. बरेली से आए एक बकरा विक्रेता ने बताया कि वह अभी तो चंद बकरे ही लेकर आये हैं, जैसे ही बाजार बढ़ेगा वैसे ही उनके बंदे बकरों की गाड़ी लेकर दिल्ली पहुंच जाएंगे.

अभी क्योंकि सावन महीना चल रहा है और कावड़ियों का आवागमन भी सभी प्रमुख मार्गों पर हो रहा है, जिसे ध्यान में रखते हुए फिलहाल बकरों के साथ दिल्ली आने वालों की संख्या बेहद कम है. देखना होगा कि आने वाले समय में बकरों के बाजार में किस तरह से रौनक बढ़ेगी.

Intro:मुसलमानों के पवित्र त्यौहार ईद उल अज़हा(बकरीद) के दिन करीब आने लगे हैं वैसे ही बकरों की खरीद फरोख्त के लिए बकरा विक्रेताओं का दिल्ली पहुंचने का सिलसिला भी शुरू होने लगा है, हालांकि अभी बाजार पूरी तरह से ठंडा है उसके बावजूद बिक्री की आस लगाए विक्रेता अपने अपने बकरों के साथ बाजार में ग्राहकों के इंतजार में मौजूद हैं. विक्रेताओं को उम्मीद है कि जैसे ही कावड़ियों के आने जाने का सिलसिला खत्म होगा वैसे ही खरीदार भी बाजार का रुख करने लगेंगे.


Body:ईद उल अज़हा (बकरीद) के दिन करीब आते ही दिल्ली में बकरों की खरीद फरोख्त का सिलसिला भी शुरू होने लगा है, हालांकि अभी ईद में ज्यादा दिन होने की वजह से खरीदार बेहद कम हैं वहीं अभी बकरा बेचने वाले भी अभी आने ही शुरू हुए हैं तो लोग बकरों को देखने और उनके भाव पता करने ही बाजार पहुंच रहे हैं. समझा जा रहा है कि जैसे जैसे दिन बढ़ेंगे वैसे ही बाजार में बकरों की रौनक भी बढ़ने लगेगी.

यमुनापार में बकरों की खरीद फरोख्त के लिए दूर दराज से आने वाले विक्रेताओं के लिए सबसे ज्यादा दिक्कत इस बात की होती है कि यहां बकरों को बेचने के लिए कोई फिक्स ठिकाना नहीं है.बात की जाए तो सीलमपुर मैन रोड के पास एक टूटे बस स्टैंड की जगह और जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के सामने पीली मिट्टी पर बकरे बेचने वाले खड़े हैं,मौसम खराब होने के चलते यह जगह बकरों के लिए ज्यादा महफूज़ नहीं है.इन दोनों जगहों पर भी यह लोग सिर्फ पुलिस के रहमो करम पर ही खड़े हो पाते हैं, जिस दिन पुलिस वाले अपनी नजर फेर लेते हैं इन लोगों का यह ठिकाना भी खत्म हो जाता है, फिर इन लोगों को गली मोहल्ले फिर फिर कर बकरे बेचने को मजबूर होना पड़ता है.

बाहर से नहीं आ पा रही हैं बकरों की गाड़ियां
एक तरफ जहां बकरों की बिक्री का बाजार ठंडा हैं वहीं मुंबई, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की तरफ से आने वाली बकरों की गाड़ियां भी अभी नहीं पहुंच या रही हैं जिसके चलते पहले तो बाजार में बकरों की संख्या बेहद कम है दुआरे जो हैं वह बहुत ज्यादा भाव लगा रहे हैं.

फिलहाल पहुंच रहे हैं विंडो शॉपिंग करने वाले
बाजार में बकरों के दाम बहुत ज्यादा चढ़े हुए हैं जिसकी वजह से इनदिनों बाजार में खरीदार बेहद कम हैं, इतना जरूर है कि बाजार में घूमकर बकरों के भाव पूछने (विंडो शॉपिंग) वालों की संख्या कुछ ज्यादा ही है. बरेली से आये एक बकरा विक्रेता ने बताया कि वह अभी तो चंद बकरे ही लेकर आये है, जैसे ही बाजार बढ़ेगा वैसे ही उनके बंदे बकरों की गाड़ी लेकर दिल्ली पहुंच जाएंगे.


Conclusion:बकरीद करीब आते देख दूर दराज से दिल्ली आने वाले बकरा विक्रेताओं के दिल्ली पहुंचने का सिलसिला भी शुरू होने लगा है.
अभी क्योंकि सावन मास चल रहा है और कावड़ियों का आवागमन भी सभी प्रमुख मार्गों पर हो रहा है, जिसे ध्यान में रखते हुए फिलहाल बकरों के साथ दिल्ली आने वालों की संख्या बेहद कम है, देखना होगा कि आने वाले समान में बकरों के बाजार में किस तरह से रौनक बढ़ेगी.


बाईट 1
सलीम,
फैजाबाद से आया विक्रेता

बाईट 2
मुन्ना,
बरेली से आया बकरा विक्रेता
Last Updated : Jul 26, 2019, 3:22 PM IST
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