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देशभर में गणेश चतुर्थी की धूम, बिक रही है इको-फ्रेंडली गणपति की मूर्ति

गणेश चतुर्थी के उत्सव पर लोग गणपति बप्पा को घर लाने की तैयारी कर रहे हैं. लोग गणपति बप्पा की सुंदर मूर्तियों को घर लाकर उनकी पूजा पाठ करते है.

इको फ्रेंडली गणपति etv bharat
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Published : Sep 2, 2019, 5:07 AM IST

नई दिल्ली: देशभर में गणेश चतुर्थी के उत्सव की शुरुआत हो गई है और हर कोई गणपति बप्पा को अपने घर लाने की तैयारी कर रहा है. गणेश उत्सव भाद्रपद मास की चतुर्थी से चतुर्दशी तक मनाया जाता है.

गणेश चतुर्थी की तैयारियां
10 दिन का ये त्योहार गणपति बप्पा के आनंद, स्वागत और उनकी पूजा-अर्चना में गुजरता है. हर कोई गणपति बप्पा को इन 10 दिनों में अपने घर लेकर आता है और उनकी पूरी श्रद्धा भक्ति से पूजा-अर्चना करता है.


बाजारों में रंग बिरंगी अलग-अलग डिजाइन की मूर्तियां
गणेश चतुर्थी के बाद 10 दिन तक गणपति बप्पा के भक्त उनकी मूर्तियों के रूप में बप्पा को अपने घर लेकर आते हैं. इसके लिए कई महीनों से बप्पा की मूर्तियां बनना शुरू हो जाती हैं. बाजारों में रंग बिरंगी और अलग-अलग डिजाइन की मूर्तियां तैयार की जाती हैं.


गरीब लोग बनाते हैं सुंदर-सुंदर मूर्तियां
गणेश चतुर्थी के लिए हर कोई बाजारों में जाकर बप्पा की सुंदर-सुंदर मूर्तियां खरीद रहा है. मूर्तियों को अपने घर लेकर आ रहा है. इसी कड़ी में ईटीवी भारत साउथ दिल्ली के बदरपुर इलाके में पहुंची. जहां पर सड़क किनारे रहने वाले गरीब लोगों ने ही ये मूर्तियां तैयार की हैं. कई महीनों की मेहनत के बाद इन सुंदर-सुंदर गणपति की मूर्तियों को बाजार में लेकर आया जाता है.


छोटे-छोटे कलाकार तैयार करते हैं मूर्तियां
जब ईटीवी भारत इन कलाकारों के बीच पहुंची तो हमने देखा कि यहां कोई मंझे हुए कलाकार नहीं थे बल्कि कई छोटे-छोटे कलाकार भी थे जो कि इन मूर्तियों को बना रहे थे.
ऐसे ही एक कलाकार मधु से ईटीवी भारत ने बात कि जो पूरे दिन इन मूर्तियों को तैयार करती है. मधु ने बताया कि उन्हें बहुत अच्छा लगता है बप्पा को तैयार करना और जब ये त्योहार आता है तो उनके लिए भी एक मौका होता है आमदनी कमाने का.


10 दिनों तक रहती है धूम
इसके अलावा बप्पा को घर ले जाने के लिए आ रहे लोगों से भी हमने बात की जिनका कहना था कि गणेश चतुर्थी का त्योहार उनके लिए बेहद खास होता है क्योंकि वो साल भर से इस त्योहा का इंतजार करते हैं. 10 दिनों तक पूरे घर में और आस पड़ोस में रौनक रहती है. हर कोई बप्पा का स्वागत करता है और पूरे सच्चे मन से उनकी पूजा-अर्चना करता है. बच्चे से लेकर बड़े बूढ़े सब बप्पा की आराधना में लीन हो जाते हैं.


हर कोई घर लेकर आता है बप्पा को
वैसे तो गणेश चतुर्थी का त्योहार मुख्य रूप से महाराष्ट्र, गुजरात और मध्यप्रदेश में मनाया जाता है लेकिन अब बप्पा के भक्त देश भर में है और गणेश चतुर्थी को बड़े धूमधाम से मनाते हैं.इस मौके पर हर कोई बप्पा को अपने घर लेकर आता है और उनकी पूजा-अर्चना करता है .

नई दिल्ली: देशभर में गणेश चतुर्थी के उत्सव की शुरुआत हो गई है और हर कोई गणपति बप्पा को अपने घर लाने की तैयारी कर रहा है. गणेश उत्सव भाद्रपद मास की चतुर्थी से चतुर्दशी तक मनाया जाता है.

गणेश चतुर्थी की तैयारियां
10 दिन का ये त्योहार गणपति बप्पा के आनंद, स्वागत और उनकी पूजा-अर्चना में गुजरता है. हर कोई गणपति बप्पा को इन 10 दिनों में अपने घर लेकर आता है और उनकी पूरी श्रद्धा भक्ति से पूजा-अर्चना करता है.


बाजारों में रंग बिरंगी अलग-अलग डिजाइन की मूर्तियां
गणेश चतुर्थी के बाद 10 दिन तक गणपति बप्पा के भक्त उनकी मूर्तियों के रूप में बप्पा को अपने घर लेकर आते हैं. इसके लिए कई महीनों से बप्पा की मूर्तियां बनना शुरू हो जाती हैं. बाजारों में रंग बिरंगी और अलग-अलग डिजाइन की मूर्तियां तैयार की जाती हैं.


गरीब लोग बनाते हैं सुंदर-सुंदर मूर्तियां
गणेश चतुर्थी के लिए हर कोई बाजारों में जाकर बप्पा की सुंदर-सुंदर मूर्तियां खरीद रहा है. मूर्तियों को अपने घर लेकर आ रहा है. इसी कड़ी में ईटीवी भारत साउथ दिल्ली के बदरपुर इलाके में पहुंची. जहां पर सड़क किनारे रहने वाले गरीब लोगों ने ही ये मूर्तियां तैयार की हैं. कई महीनों की मेहनत के बाद इन सुंदर-सुंदर गणपति की मूर्तियों को बाजार में लेकर आया जाता है.


छोटे-छोटे कलाकार तैयार करते हैं मूर्तियां
जब ईटीवी भारत इन कलाकारों के बीच पहुंची तो हमने देखा कि यहां कोई मंझे हुए कलाकार नहीं थे बल्कि कई छोटे-छोटे कलाकार भी थे जो कि इन मूर्तियों को बना रहे थे.
ऐसे ही एक कलाकार मधु से ईटीवी भारत ने बात कि जो पूरे दिन इन मूर्तियों को तैयार करती है. मधु ने बताया कि उन्हें बहुत अच्छा लगता है बप्पा को तैयार करना और जब ये त्योहार आता है तो उनके लिए भी एक मौका होता है आमदनी कमाने का.


10 दिनों तक रहती है धूम
इसके अलावा बप्पा को घर ले जाने के लिए आ रहे लोगों से भी हमने बात की जिनका कहना था कि गणेश चतुर्थी का त्योहार उनके लिए बेहद खास होता है क्योंकि वो साल भर से इस त्योहा का इंतजार करते हैं. 10 दिनों तक पूरे घर में और आस पड़ोस में रौनक रहती है. हर कोई बप्पा का स्वागत करता है और पूरे सच्चे मन से उनकी पूजा-अर्चना करता है. बच्चे से लेकर बड़े बूढ़े सब बप्पा की आराधना में लीन हो जाते हैं.


हर कोई घर लेकर आता है बप्पा को
वैसे तो गणेश चतुर्थी का त्योहार मुख्य रूप से महाराष्ट्र, गुजरात और मध्यप्रदेश में मनाया जाता है लेकिन अब बप्पा के भक्त देश भर में है और गणेश चतुर्थी को बड़े धूमधाम से मनाते हैं.इस मौके पर हर कोई बप्पा को अपने घर लेकर आता है और उनकी पूजा-अर्चना करता है .

Intro:देशभर में गणेश चतुर्थी के उत्सव की शुरुआत हो गई है और हर कोई गणपति बप्पा को अपने घर लाने की तैयारी कर रहा है गणेश उत्सव भाद्रपद मास की चतुर्थी से चतुर्दशी तक का यह उत्सव मनाया जाता है 10 दिन का यह त्यौहार गणपति बप्पा के आनंद और स्वागत और उनकी पूजा-अर्चना में गुजरता है हर कोई गणपति बप्पा को इन 10 दिनों में अपने घर लेकर आता है और उनकी पूरी श्रद्धा भक्ति से पूजा-अर्चना करता है


Body:बाजारों में रंग बिरंगी अलग-अलग डिजाइन की मूर्तियां
गणेश चतुर्थी के 10 दिन के त्यौहार के लिए बप्पा के भक्त उनकी मूर्तियों के रूप में बप्पा को अपने घर लेकर आते हैं और इसके लिए कई महीनों से बप्पा की मूर्तियां बनना शुरू हो जाती हैं बाजारों में रंग बिरंगी और अलग-अलग डिजाइन की मूर्तियां तैयार की जाती हैं जिसे कई कलाकार अलग अलग तरीके से तैयार करते हैं.

गरीब लोग बनाते हैं सुंदर सुंदर मूर्तियां
गणेश चतुर्थी के लिए हर कोई बाजारों में जाकर बप्पा की सुंदर-सुंदर मूर्तियां खरीद रहा है और अपने घर लेकर आ रहा है इसी कड़ी में हम साउथ दिल्ली के बदरपुर इलाके में पहुंचे जहां पर सड़क किनारे रहते गरीब लोगों ने ही यह मूर्तियां तैयार की हैं और कई महीनों की मेहनत के बाद इन सुंदर सुंदर गणपति की मूर्तियों को बाजार में लेकर आए हैं.

छोटे-छोटे कलाकार तैयार करते हैं मूर्तियां
जब हम इन कलाकारों के बीच पहुंचे तो हमने देखा कि यहां कोई मंझे हुए कलाकार नहीं थे बल्कि कई छोटे-छोटे कलाकार भी थे जो कि इन मूर्तियों को बना रहे थे ऐसे ही एक कलाकार मधु से हमने बात की जो पूरे दिन इन मूर्तियों को तैयार करती है मधु ने बताया कि उन्हें बहुत अच्छा लगता है बप्पा को तैयार करना और जब यह त्यौहार आता है तो उनके लिए भी एक मौका होता है आमदनी कमाने का.

10 दिनों तक रहती है धूम
इसके अलावा बप्पा को घर ले जाने के लिए आ रहे लोगों से भी हमने बात की जिनका कहना था कि गणेश चतुर्थी का त्योहार उनके लिए बेहद खास होता है क्योंकि वह साल भर से हार का इंतजार करते हैं 10 दिनों तक पूरे घर में और आस पड़ोस में रौनक रहती है हर कोई बप्पा का स्वागत करता है और पूरे सच्चे मन से उनकी पूजा-अर्चना करता है बच्चे से लेकर बड़े बूढ़े सब बप्पा की आराधना में लीन हो जाते हैं


Conclusion:हर कोई घर लेकर आता है बप्पा को
वैसे तो गणेश चतुर्थी का त्योहार मुख्य रूप से महाराष्ट्र, गुजरात और मध्यप्रदेश में मनाया जाता है लेकिन अब बप्पा के भक्त देश भर में है और गणेश चतुर्थी को बड़े धूमधाम से मनाते हैं इस मौके पर हर कोई बप्पा को अपने घर लेकर आता है और उनकी पूजा-अर्चना करता है चाहे वह फिर बच्चे हो दंपत्ति हो या फिर पड़ोस के या फिर ऑफिस में भी गणपति ओ को लेकर आया जाता है और उनकी पूजा-अर्चना की जाती है
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