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यमुना विहार में सड़क और मेट्रो स्टेशन के बीच बनेगा फ्लाइओवर, स्मूद हाे जाएगा ट्रैफिक

वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया किस प्रोजेक्ट के बारे में बता रहे हैं कि इससे न केवल जनता के टैक्स के पैसों की बचत होगी बल्कि सघन आबादी वाले इस क्षेत्र में जमीन का भी बेहतर इस्तेमाल हो पाएगा. यह प्रोजेक्ट दाे साल के भीतर पूरा हो जाएगा, जिससे आस-पास के क्षेत्र की जनता को लम्बे ट्रैफिक जाम से नहीं जूझना पड़ेगा. उनका कीमती समय भी बचेगा.

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Published : Nov 9, 2021, 10:54 PM IST

फ्लाइओवर
फ्लाइओवर

नई दिल्ली : केजरीवाल सरकार ने मंगलवार को यमुना विहार में प्रस्तावित मेट्रो स्टेशनों और मौजपुर-मजलिस पार्क कॉरिडोर के भजनपुरा स्टेशन में निचले डेक पर PWD फ्लाई ओवर और ऊपरी हिस्से में मेट्रो लाइन के बीच इंटीग्रेटेड डिज़ाइन के निर्माण काे मंजूरी दे दी है. स्वीकृति देते हुए 220.10 करोड़ रुपये के अनुमानित बजट पर मुहर लगाई गई है. दावा है कि PWD और दिल्ली मेट्रो (DMRC) के साथ मिलकर काम करने से इस प्रोजेक्ट की लागत कम हुई है. दिल्ली के टैक्सपेयर्स के 180 करोड़ रुपयों की बचत होगी.

मंगलवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Deputy Chief Minister Manish Sisodia) की उपस्थिति में एक्सपेंडिचर फाइनेंस कमिटी (Expenditure Finance Committee) की बैठक में ये निर्णय लिये गये. उपमुख्यमंत्री ने साझा किया कि यह 1457 मीटर लंबा 20 मीटर चौड़ा छह लेन का फ्लाईओवर होगा, जो दो क्रॉसिंग करावल नगर (यमुना विहार / भजनपुरा) और घोंडा चौक (बृजपुरी) को कवर करेगा. उन्होंने कहा कि इन जगहों पर ट्रैफिक की समस्या को खत्म करने व वर्तमान सड़क की क्षमता को बढ़ाने में ये प्रोजेक्ट काफी मददगार सिद्ध होगा.

बैठक में शामिल उपमुख्यमंत्री.
बैठक में शामिल उपमुख्यमंत्री.

पढ़ेंः यात्रीगण ध्यान देंः दिल्ली मेट्रो रेल में यात्रा के दौरान नुकसान हाेता है ताे आप उपभाेक्ता फाेरम में कर सकते हैं केस


उन्होंने बताया कि डीएमआरसी और PWD के इस संयुक्त प्रयास से फ्लाईओवर के निर्माण में करदाताओं के लगभग 140 करोड़ रुपये और मेट्रो के निर्माण में 40 करोड़ रुपये की बचत होगी. पहले यूटिलिटीज को शिफ्ट करने के साथ फ्लाईओवर के निर्माण की लागत 359.70 करोड़ रुपये थी, लेकिन इंटीग्रेटेड डिज़ाइन के कारण ये लागत लगभग 140 करोड़ रुपये कम होकर 220.10 करोड़ रुपये रह गई है. इसी तरह 1457 मीटर के मेट्रो लाइन की लागत भी 105 करोड़ रुपये थी, जो घटकर 67 करोड़ रुपये रह गई है, इससे लगभग 40 करोड़ रुपये बचेंगे.

पढ़ेंः डेंगू के डंक से दिल्ली बेहाल, 9 मौतों के बावजूद निर्देश देने व हॉट स्पॉट खोजने में MCD व्यस्त

ईएफसी की बैठक में द्वारका में चौथे चरण के तहत नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में छह ब्लाक बिल्डिंग के निर्माण की 230.61 करोड़ रुपये की परियोजना को भी मंजूरी दी गई है. उपमुख्यमंत्री व वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि यूनिवर्सिटी में विद्यार्थियों की संख्या 2006-07 से 2000 छात्रों से बढ़कर 2020-23 सत्र में तीन गुणा बढ़कर 7700 हो गई है. उन्होंने कहा कि नए बिल्डिंग ब्लॉक्स के बनने के बाद यूनिवर्सिटी में छात्रों की बढ़ी हुई संख्या के अनुसार सुविधाएं देने में मदद मिलेगी और विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाएं देना केजरीवाल सरकार की प्राथमिकता है.

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नई दिल्ली : केजरीवाल सरकार ने मंगलवार को यमुना विहार में प्रस्तावित मेट्रो स्टेशनों और मौजपुर-मजलिस पार्क कॉरिडोर के भजनपुरा स्टेशन में निचले डेक पर PWD फ्लाई ओवर और ऊपरी हिस्से में मेट्रो लाइन के बीच इंटीग्रेटेड डिज़ाइन के निर्माण काे मंजूरी दे दी है. स्वीकृति देते हुए 220.10 करोड़ रुपये के अनुमानित बजट पर मुहर लगाई गई है. दावा है कि PWD और दिल्ली मेट्रो (DMRC) के साथ मिलकर काम करने से इस प्रोजेक्ट की लागत कम हुई है. दिल्ली के टैक्सपेयर्स के 180 करोड़ रुपयों की बचत होगी.

मंगलवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Deputy Chief Minister Manish Sisodia) की उपस्थिति में एक्सपेंडिचर फाइनेंस कमिटी (Expenditure Finance Committee) की बैठक में ये निर्णय लिये गये. उपमुख्यमंत्री ने साझा किया कि यह 1457 मीटर लंबा 20 मीटर चौड़ा छह लेन का फ्लाईओवर होगा, जो दो क्रॉसिंग करावल नगर (यमुना विहार / भजनपुरा) और घोंडा चौक (बृजपुरी) को कवर करेगा. उन्होंने कहा कि इन जगहों पर ट्रैफिक की समस्या को खत्म करने व वर्तमान सड़क की क्षमता को बढ़ाने में ये प्रोजेक्ट काफी मददगार सिद्ध होगा.

बैठक में शामिल उपमुख्यमंत्री.
बैठक में शामिल उपमुख्यमंत्री.

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उन्होंने बताया कि डीएमआरसी और PWD के इस संयुक्त प्रयास से फ्लाईओवर के निर्माण में करदाताओं के लगभग 140 करोड़ रुपये और मेट्रो के निर्माण में 40 करोड़ रुपये की बचत होगी. पहले यूटिलिटीज को शिफ्ट करने के साथ फ्लाईओवर के निर्माण की लागत 359.70 करोड़ रुपये थी, लेकिन इंटीग्रेटेड डिज़ाइन के कारण ये लागत लगभग 140 करोड़ रुपये कम होकर 220.10 करोड़ रुपये रह गई है. इसी तरह 1457 मीटर के मेट्रो लाइन की लागत भी 105 करोड़ रुपये थी, जो घटकर 67 करोड़ रुपये रह गई है, इससे लगभग 40 करोड़ रुपये बचेंगे.

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