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किसानों के प्रदर्शन ने बंद कराई दुकान तो, लोकल फॉर वोकल का मिला सहारा - किसानों के प्रदर्शन ने बंद कराई दुकान

दिल्ली के बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन से केवल बॉर्डर से सटे लोगों को ही परेशानी नहीं हो रही है. बल्कि दिल्ली के भीतर भी बहुत लोग हैं, जिन पर इस प्रदर्शन का असर पड़ रहा है.

farmers protest closed shop in delhi
खिलौने की दुकान
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Published : Jan 15, 2021, 2:22 AM IST

नई दिल्ली: राजधानी के दिल्ली के बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन से केवल बॉर्डर से सटे लोगों को ही परेशानी नहीं हो रही है. बल्कि दिल्ली के भीतर भी बहुत लोग हैं, जिन पर इस प्रदर्शन का असर पड़ रहा है. ऐसे ही एक शख्स हैं जाफराबाद के पप्पू.

किसानों के प्रदर्शन ने बंद कराई दुकान


बंद हो गई सब्जी की दुकान

जीटीबी अस्पताल से दिल्ली स्टेट कैंसर अस्पताल की तरफ चलेंगे तो आपको रेड लाइट से थोड़ी ही दूरी पर सड़क पर रंग बिरंगे हाथी घोड़े नजर आ जाएंगे, जो एकबार भी आपका ध्यान अपनी तरफ खींच ही लेंगे. यहां इन खूबसूरत हाथी और घोड़े बेचने वाले पप्पू बताते हैं कि पहले वे जाफराबाद में सब्जी की दुकान लगाते थे. लेकिन पहले दंगे, फिर लॉकडॉउन और अब किसानों का प्रदर्शन. इन सब की मार कारण सब्जी की दुकान घाटे में चली गई, जिसे बंद करनी पड़ गई, जिसके बाद अब गुजारे के लिए उन्हें सड़क किनारे खिलौने बेचने पड़ रहे हैं.



खिलौने संभाल रहे हैं परिवार

पप्पू बताते हैं कि अब लोग घरों से निकलने भी लगे हैं और खरीददारी भी कर रहे हैं. वहीं प्रधानमंत्री के लोकल फॉर वोकल की अपील के बाद लोग चाईनीज के बजाए, ऐसे खिलौनों को ज्यादा पसंद करने लगे हैं. ऐसे में उनकी गाड़ी भी धीरे-धीरे चलने लगी है.

नई दिल्ली: राजधानी के दिल्ली के बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन से केवल बॉर्डर से सटे लोगों को ही परेशानी नहीं हो रही है. बल्कि दिल्ली के भीतर भी बहुत लोग हैं, जिन पर इस प्रदर्शन का असर पड़ रहा है. ऐसे ही एक शख्स हैं जाफराबाद के पप्पू.

किसानों के प्रदर्शन ने बंद कराई दुकान


बंद हो गई सब्जी की दुकान

जीटीबी अस्पताल से दिल्ली स्टेट कैंसर अस्पताल की तरफ चलेंगे तो आपको रेड लाइट से थोड़ी ही दूरी पर सड़क पर रंग बिरंगे हाथी घोड़े नजर आ जाएंगे, जो एकबार भी आपका ध्यान अपनी तरफ खींच ही लेंगे. यहां इन खूबसूरत हाथी और घोड़े बेचने वाले पप्पू बताते हैं कि पहले वे जाफराबाद में सब्जी की दुकान लगाते थे. लेकिन पहले दंगे, फिर लॉकडॉउन और अब किसानों का प्रदर्शन. इन सब की मार कारण सब्जी की दुकान घाटे में चली गई, जिसे बंद करनी पड़ गई, जिसके बाद अब गुजारे के लिए उन्हें सड़क किनारे खिलौने बेचने पड़ रहे हैं.



खिलौने संभाल रहे हैं परिवार

पप्पू बताते हैं कि अब लोग घरों से निकलने भी लगे हैं और खरीददारी भी कर रहे हैं. वहीं प्रधानमंत्री के लोकल फॉर वोकल की अपील के बाद लोग चाईनीज के बजाए, ऐसे खिलौनों को ज्यादा पसंद करने लगे हैं. ऐसे में उनकी गाड़ी भी धीरे-धीरे चलने लगी है.

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