नई दिल्ली: कोरोना संकट में हर कोई भीड़ से दूर रहना चाहता है ताकि इस बिमारी से बचा जा सके, लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं जो इस संकट काल में भी आपके द्वारा फैलाई हुई गंदगियों को साफ कर रहे हैं ताकि शहर साफ रह सके लेकिन शर्मनाक तो ये है कि संक्रमण के इतने नजदीक होने के बावजूद भी सरकार की तरफ से इन्हें सुरक्षा के कोई उपकरण नहीं मिले हैं.
बच्चों का पेट पालने के लिए नाले में उतरना पड़ता
बरसात से पहले गर्मियों में हर साल दिल्ली में नालों की सफाई होती है, ताकि बारिश के समय शहर में पानी इकट्ठा न हो सके और शहर साफ रहे, इसके लिए लोक निर्माण विभाग अपने कर्मचारियों के अलावा ठेके पर भी मजदूरों की सहायता ले रहे हैं. जो खुद नालों में घुसकर उसके अन्दर के ठोस कचरे को निकालते हैं ताकि गंदे पानी का फ्लो सही बना रह सके, लेकिन सरकार की तरफ से एक मास्क के अलावा इनकी सुरक्षा के लिए कोई उपकरण नहीं दिए जा रहे है. उसे भी नाले में उतरने से पहले खोलना पड़ता है.
शाहदरा जिले में नाले में उतरे इन मजदूरों का कहना है कि कोरोना संकट को देखते हुए डर तो उन्हें भी खूब लगता है, क्योंकि नालों में सभी के घरों का गन्दा पानी आता है. ऐसे में संक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा है. लेकिन क्या करें मज़बूरी है बच्चों का पेट पालना है इसलिए सब कुछ जानते हुए भी नाले में उतारना पड़ता है.