नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली के विजय मोहल्ला मौजपुर इलाके में मौजूद ईडीएमसी का प्राइमरी स्कूल इन दिनों अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. दरअसल महज तीन कमरों में चलने वाले इस स्कूल में मासूम बच्चों को दरी पर बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर होना पड़ रहा है. स्थानीय निगम पार्षद की लाख कोशिशों के बाद भी इस स्कूल को नई बिल्डिंग नहीं मिल पा रही है. जिसकी वजह से एक कमरे में दो-दो क्लासों के बच्चे दरी पर बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं.
अभिभावकों को है निगम पार्षद से उम्मीद
ईटीवी भारत ने ईडीएमसी के इस स्कूल का दौरा किया और क्लासों में जाकर देखा कि कैसे बच्चे जमीन पर बिछी दरियों पर बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं. इस दौरान स्कूल के टीचर और बच्चों के कई अभिभावकों से भी बातचीत हुई. जिन्होंने अपने मासूम बच्चों को जमीन पर बैठकर पढ़ाने को अपनी मजबूरी बताया.
संकरी गली में बने इस स्कूल की पुरानी बिल्डिंग में महज तीन कमरे बने हैं. जबकि एक छोटा कमरा प्रिंसिपल का बना है. जो खराब हालत में है. स्कूल के दूसरे कमरों की बात की जाए तो वहां जमीन पर बिछी दरियों पर बच्चे बैठे हुए पढ़ाई कर रहे हैं. जबकि स्कूल की टीचर्स इस हालत में बच्चों को पढ़ाने को मजबूर हैं. स्कूल पहुंचे कुछ अभिभावकों ने बात करते हुए बताया कि निगम पार्षद से उम्मीद है कि उनकी कोशिश से जल्द ही स्कूल की नई बिल्डिंग बन जाएगी.
एक ही कमरे में चलती हैं दो-दो क्लासें
उत्तर पूर्वी दिल्ली की सीलमपुर विधानसभा के मौजपुर वार्ड में ईडीएमसी का एक स्कूल ऐसा है जिसे स्थानीय निगम पार्षद भी अपनी लाख कोशिशों के बाद भी बनवा नहीं पा रहे हैं. जिसकी वजह से यहां के बच्चों को जमीन पर बैठकर पढ़ने को मजबूर होना पड़ रहा है. महज तीन कमरों में चलने वाले इस निगम स्कूल में एक कमरे में दो-दो क्लासें चलती हैं.
स्थानीय निगम पार्षद रेशमा नदीम ने बताया कि वह पिछले कई सालों से इस स्कूल की नई बिल्डिंग बनवाने के लिए निगम अफसरों के चक्कर काट रही हैं. हैरत की बात तो यह है फाइल एक अफसर से दूसरे अफसर के दफ्तर घूम रही है. लेकिन फाइल क्लियर नहीं होने की वजह से इस स्कूल को नई बिल्डिंग नहीं मिल पा रही है.
भेदभाव के चलते नहीं बन रही इमारत
निगम पार्षद रेशमा नदीम ने कहा कि हमसे पहले पार्षद ने इस स्कूल की बिल्डिंग बनवाने की कोशिश नहीं की अगर की होती तो आज यहां नई बिल्डिंग बनी होती. उन्होंने कोशिश की और स्कूल को नई इमारत दिलाने में जुट गई. कई साल से स्कूल की फाइल निगम अफसरों के यहां घूम रही है, क्योंकि निगम में बीजेपी की सरकार है और वह आप की पार्षद हैं, ऐसे में लगता है कि भेदभाव के चलते ही उनके इलाके में इस स्कूल का निर्माण नहीं होने दिया जा रहा है.