नई दिल्ली: बुधवार को पूर्वी दिल्ली नगर निगम की स्थाई समिति की बैठक में गोकुलपुर में निगम द्वारा बनाए गए 65 पुलिया के बदले 167 पुलिया का भुगतान करने का मामला छाया रहा. पक्ष विपक्ष के सदस्यों ने एक स्वर में कहा कि इस तरह के मामलों से निगम की छवि खराब हो रही है.
सभी सदस्यों ने पूरे मामले की जांच करने की मांग है. निगमायुक्त विकास आनंद ने सदस्यों को आश्वस्त किया कि यह मामला अब उनके संज्ञान में आ गया है. इसकी निष्पक्ष जांच कराई जाएगी. समिति की बैठक में यह मामला उठाते हुए भाजपा पार्षद बिपिन बिहारी ने कहा कि हम लोग जहां निगम की छवि बनाने के लिए दिन रात काम कर रहे हैं. वहीं ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जो बताते हैं कि निगम में अधिकारी किस स्तर तक भ्रष्ट हैं.
बिपिन बिहारी सिंह ने कहा कि गोकुलपुर विधानसभा में 167 पुलिया निगम रिकॉर्ड में बनाई गई है. जिसका भुगतान सभी नियमों को ताक पर रखकर किया गया है. जबकि सामने आया है कि वहां सिर्फ 65 पुलिया ही बनाये गए थे. जबकी गुणवत्ता विभाग ने ही इन सभी पुलिया के सैंपल लिए होंगे. उन्हें तो पता ही होगा. आगे उन्होंने कहा कि निगम अधिनियम के तहत कोई भी काम करने के बाद बिल 90 दिन के अंदर जमा कराने होते हैं. लेकिन इस तरह के मामले सामने आए हैं, जिसमें पता चला है कि बिल 90 दिन की बजाय 3 से 5 साल के बीच दिए गए हैं और बिलों का भुगतान भी कर दिया गया है.
यह भी पढ़ें:- कमिश्नर के कर के प्रस्ताव को स्थाई समिति के सदस्यों ने बताया जनता पर बोझ
बिपिन बिहारी ने कहा कि निगम के अधिकारियों ने कुछ कामों का तो भुगतान 3 से 15 दिन के अंदर ही कर दिया है. जबकि 28 दिन के अंदर गुणवत्त विभाग सैंपल उठाता है और एक महीने बाद उसके बिल पास किए जाते हैं. इससे साफ पता चलता है कि निगम में कितना भ्रष्टाचार है. निगम में नेता सदन सतपाल सिंह व स्थाई समिति उपाध्यक्ष दीपक मल्होत्रा ने भी कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हम नहीं चुप बैठने वाले हैं और ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
यह भी पढ़ें:- दक्षिणी दिल्ली जिला प्रशासन की ओर से 'लाडली उत्सव' का आयोजन