नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ड्रग्स तस्करी करने वाले एक नाइजीरियन सहित दो लोगों को स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से 6.2 किलोग्राम हेरोइन बरामद की गई है, जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 40 करोड़ रुपये बताई गई है. गिरफ्तार किया गया नाइजीरियन युवक एनसीबी द्वारा 2012 में गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में उसे 20 साल की सजा हो चुकी है. वह पंजाब, दिल्ली के अलावा कोरियर के माध्यम से अन्य देशों में भी ड्रग्स की सप्लाई कर रहा था.
डीसीपी जसमीत सिंह के अनुसार, स्पेशल सेल की टीम को सूचना मिली थी कि ड्रग्स तस्करी में एक नाइजीरियन सहित कुछ लोग शामिल हैं. पश्चिमी दिल्ली में वह ड्रग्स का कारोबार कर रहे हैं. वह दिल्ली, हरियाणा, पंजाब आदि राज्यों में हेरोइन पहुंचा रहे हैं. इस जानकारी पर एसीपी अतर सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर ईश्वर सिंह की टीम ने जानकारी जुटाना शुरू किया. लगभग दो महीने की कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस को सूचना मिली कि इस गैंग से जुड़ा हुआ राकेश मुकरबा चौक के पास आएगा और यहां से वह लुधियाना जाएगा. इस जानकारी पर पुलिस टीम ने मुकरबा चौक के पास जाल बिछाया और राकेश को एक बैग सहित पकड़ लिया. तलाशी में उसके बैग से चार किलो हेरोइन बरामद हुई. इसे लेकर एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया.
राकेश ने पुलिस को बताया कि यह हेरोइन उसने नाइजीरियन नागरिक ओबुमुनीम से ली है. उसके निर्देश पर वह ड्रग्स को पंजाब देने के लिए जा रहा था. उससे मिली जानकारी पर पुलिस ने ओबुमुनीम को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के समय उसने काफी देर तक दरवाजा नहीं खोला और ड्रग्स को टॉयलेट में फ्लश करता रहा. पुलिस जब अंदर दाखिल हुई तो वह ड्रग्स को टॉयलेट में फ्लश कर रहा था. उसके पास से 2.2 किलो हेरोइन बरामद हुई. उसके पास से कोई पासपोर्ट नहीं मिला है.
आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह 2009 में टूरिस्ट वीजा पर भारत आया था, लेकिन यहां से वापस नहीं गया. वह तब से दिल्ली में अवैध रूप से रह रहा है. 2 साल से वह दिल्ली और पंजाब में हेरोइन की सप्लाई कर रहा है. ड्रग्स तस्करी के मामले में वह लगभग आठ साल तक जेल में रहा. वह विभिन्न पार्सल के माध्यम से अलग-अलग देशों में भी हेरोइन भेजता था. वह जनकपुरी में ही रहने वाले एक अन्य नाइजीरियन नागरिक से यह ड्रग्स की खेप लेता था.
ओबुमुनीम को 2012 में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने ड्रग तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया था. वह कोरियर माध्यम से विभिन्न देशों में ड्रग्स की सप्लाई करता था. इस मामले में तीन आरोपियों को 2019 में अदालत ने सजा सुनाई थी. उन्हें 20 साल की सजा और दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था. 8 साल तक जेल में रहने के बाद वह 2020 में जेल से बाहर निकला था. हाई कोर्ट से मिली जमानत के बाद वह बाहर आया और एक बार फिर हेरोइन की तस्करी में शामिल हो गया.
ड्रग्स तस्करी में नाइजीरियन सहित दो गिरफ्तार, 40 करोड़ की हेरोइन बरामद
आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह 2009 में टूरिस्ट वीजा पर भारत आया था, लेकिन यहां से वापस नहीं गया. वह तब से दिल्ली में अवैध रूप से रह रहा है. 2 साल से वह दिल्ली और पंजाब में हेरोइन की सप्लाई कर रहा है. ड्रग्स तस्करी के मामले में वह लगभग आठ साल तक जेल में रहा. वह विभिन्न पार्सल के माध्यम से अलग-अलग देशों में भी हेरोइन भेजता था. वह जनकपुरी में ही रहने वाले एक अन्य नाइजीरियन नागरिक से यह ड्रग्स की खेप लेता था.
नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ड्रग्स तस्करी करने वाले एक नाइजीरियन सहित दो लोगों को स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से 6.2 किलोग्राम हेरोइन बरामद की गई है, जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 40 करोड़ रुपये बताई गई है. गिरफ्तार किया गया नाइजीरियन युवक एनसीबी द्वारा 2012 में गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में उसे 20 साल की सजा हो चुकी है. वह पंजाब, दिल्ली के अलावा कोरियर के माध्यम से अन्य देशों में भी ड्रग्स की सप्लाई कर रहा था.
डीसीपी जसमीत सिंह के अनुसार, स्पेशल सेल की टीम को सूचना मिली थी कि ड्रग्स तस्करी में एक नाइजीरियन सहित कुछ लोग शामिल हैं. पश्चिमी दिल्ली में वह ड्रग्स का कारोबार कर रहे हैं. वह दिल्ली, हरियाणा, पंजाब आदि राज्यों में हेरोइन पहुंचा रहे हैं. इस जानकारी पर एसीपी अतर सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर ईश्वर सिंह की टीम ने जानकारी जुटाना शुरू किया. लगभग दो महीने की कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस को सूचना मिली कि इस गैंग से जुड़ा हुआ राकेश मुकरबा चौक के पास आएगा और यहां से वह लुधियाना जाएगा. इस जानकारी पर पुलिस टीम ने मुकरबा चौक के पास जाल बिछाया और राकेश को एक बैग सहित पकड़ लिया. तलाशी में उसके बैग से चार किलो हेरोइन बरामद हुई. इसे लेकर एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया.
राकेश ने पुलिस को बताया कि यह हेरोइन उसने नाइजीरियन नागरिक ओबुमुनीम से ली है. उसके निर्देश पर वह ड्रग्स को पंजाब देने के लिए जा रहा था. उससे मिली जानकारी पर पुलिस ने ओबुमुनीम को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के समय उसने काफी देर तक दरवाजा नहीं खोला और ड्रग्स को टॉयलेट में फ्लश करता रहा. पुलिस जब अंदर दाखिल हुई तो वह ड्रग्स को टॉयलेट में फ्लश कर रहा था. उसके पास से 2.2 किलो हेरोइन बरामद हुई. उसके पास से कोई पासपोर्ट नहीं मिला है.
आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह 2009 में टूरिस्ट वीजा पर भारत आया था, लेकिन यहां से वापस नहीं गया. वह तब से दिल्ली में अवैध रूप से रह रहा है. 2 साल से वह दिल्ली और पंजाब में हेरोइन की सप्लाई कर रहा है. ड्रग्स तस्करी के मामले में वह लगभग आठ साल तक जेल में रहा. वह विभिन्न पार्सल के माध्यम से अलग-अलग देशों में भी हेरोइन भेजता था. वह जनकपुरी में ही रहने वाले एक अन्य नाइजीरियन नागरिक से यह ड्रग्स की खेप लेता था.
ओबुमुनीम को 2012 में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने ड्रग तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया था. वह कोरियर माध्यम से विभिन्न देशों में ड्रग्स की सप्लाई करता था. इस मामले में तीन आरोपियों को 2019 में अदालत ने सजा सुनाई थी. उन्हें 20 साल की सजा और दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था. 8 साल तक जेल में रहने के बाद वह 2020 में जेल से बाहर निकला था. हाई कोर्ट से मिली जमानत के बाद वह बाहर आया और एक बार फिर हेरोइन की तस्करी में शामिल हो गया.