नई दिल्ली : गर्मी से लोग बेहाल हैं. दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में आसमान से तपती आफत बरस रही है. दिन चढ़ते ही सूरज आग उगलने लगता है. ऐसे में लोगों में हीट वेव और सन सट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. स्वास्थ्य महकमा और मौसम विभाग आए दिन अलर्ट और एडवाइजरी जारी कर रहा है. 10 अप्रैल तक पारा लगातार चढ़ने की मौसम विभाग ने आशंका जताई है. ऐसे में दिल्ली वालों को अपना खास ख्याल रखने की जरूरत है.
डॉक्टर बताती हैं कि हीट स्ट्रोक या लू लगने का सबसे पहला लक्षण सिर में दर्द होना या फिर चक्कर व बेहोशी जैसे हालत होना है. सांस लेने में तकलीफ होती है या फिर स्थिति ज्यादा खराब होने पर कोमा जैसे हालात भी हो सकते हैं. इस तरह के हालात में अत्यधिक शारीरिक मेहनत करने से बचें और पानी थोड़े थोड़े अंतराल पर लगातार पीयें साथ ही इस मौसम में सूती के कपड़े और वह भी ढीले-ढाले पहनें.
रेलवे अस्पताल की डॉक्टर प्रमिता सिंह बताती हैं कि गर्मी बच्चों, बूढ़ों और नौजवानों को क्यों कम या ज्यादा असर करती है. उनका कहना है कि बुजुर्गों और बच्चों की सेहत का खास तौर से गर्मियों में खास ख्याल रखने की जरूरत होती है. क्योंकि बच्चों का बॉडी सरफेस तुलनात्मक रूप से कम होता है. जिससे शरीर की गर्मी को बाहर निकालने में ज्यादा समय लगता है. इसी तरह बुजुर्गों में चमड़ी ढीली और नसें टाइट होने की वजह से शरीर की गर्मी कम निकल पाती है. एथलीट्स और बॉडी बिल्डर्स के साथ भी ऐसा ही होता है. लिहाजा इन लोगों को गर्मियों में ज्यादा हाइड्रेटेड रहने की जरूरत है. इन्हें आम लोगों की तुलना में बार-बार और ज्यादा पानी पीना चाहिए.
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ज्यादा मेहनत करने से शरीर से पानी ज्यादा निकलता है. इसलिए इस कमी को पूरा करते रहना चाहिए. हीट वेव औऱ सन स्ट्रोक का खतरा बच्चों और बुजुर्गों में सबसे ज्यादा होता है. लिहाजा इन्हें ज्यादा पानी पीना चाहिए. बेहतर होगा कि धूप में घर के अंदर रहें. बाहर जाने से हर हाल में बचें. अगर बहुत जरूरी हो तो शरीर को अच्छी तरह ढककर और नाक-मुंह पर कमड़ा जरूर लपेटें. ताकि गर्म हवा सीधे चेहरे और फेफड़े तक न पहुंचे. गर्मियों में हीट वेव नम सन स्ट्रोक से बचाव के लिए लोगों को रसदार फल, तरबूज़, ककड़ी और खीरे का ज्यादा सेवन करना चाहिए. ये शरीर में पानी की मात्रा बनाए रखने में सहायक होते हैं. साथ ही इनमें मिलने वाले मिनरल्स अधिक लाभकारी सिद्ध होते हैं. इसके अलावा गर्मियों में तय मात्रा से थोड़ा कम भोजन करना भी सेहतमंद रहने के लिए बेहतर है.