नई दिल्ली: नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुड़गांव में बड़ी संख्या में रहने वाले स्वास्थ्य पेशेवरों के सामने सबसे बड़ी परेशानी बॉर्डर पार कर हॉस्पिटल पहुंचने की है. कोरोना वॉरियर्स को यूपी और हरियाणा बॉर्डर पर रोक जा रहा है. एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के महासचिव डॉ राजकुमार श्रीनिवास ने ट्वीट कर अपनी निराशा प्रकट करते हुए कहा कि केंद्र सरकार हेल्थ वर्कर्स के लिए ताली और थाली बाजवा सकती है, लेकिन उनकी समस्यओं को दूर कर कोरोना के साथ फ्रंट वॉर करने का रास्ता साफ नहीं कर सकती है.
श्रीनिवास ने कहा कि हेल्थ वर्कर्स को लगातार बॉर्डर पर रोका जा रहा है. वहां भी जहां बीजेपी की सरकार है. हरियाणा और यूपी बॉर्डर पर डॉक्टरों को रोक जा रहा है. हम उन डॉक्टरों से घर पर ही रहने की अपील करते हैं जिन्हें बॉर्डर पर रोका जा रहा है. बता दें कि पिछले कई दिनों से दिल्ली के अलग-अलग हॉस्पिटल्स में काम करने वाले स्वास्थ्य पेशेवरों ने यह मुद्दा अपने अस्पताल के एमएस और स्वास्थ्य मंत्रालय के सामने उठा रहे हैं लेकिन फिर भी समस्या जस की तस बनी हुई है.
'दिक्कतों का सामना कर रहे स्वास्थ्य पेशेवर'
सफदरजंग रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. मनीष ने बताया कि स्वास्थ्य पेशेवरों की सबसे बड़ी दिक्कत यूपी और हरियाणा बॉर्डर पार कर घर पहुंचना और फिर घर से वापस अस्पताल आना है. दूसरे राज्यों की सीमा में प्रवेश करने और वहां से काम पर दिल्ली जाने से रोका जा रहा है.
डॉ. मनीष ने बताया कि यूपी और हरियाणा बॉर्डर पर तैनात पुलिस अधिकारी स्वास्थ्य पेशेवरों को मौखिक अल्टीमेटम देकर उन्हें बॉर्डर पार नहीं करने की चेतावनी दे रहे हैं. कई-कई घंटों तक अनावश्यक रूप से रोक दिया जा रहा है. इससे कोरोना से जंग कर रहे स्वास्थ्य पेशेवरों का मनोबल गिर रहा है.
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उन्हें आदेश प्राप्त है कि हम किसी को भी बॉर्डर पार नहीं करने दें. सारे पास भी रद्द कर दिए गए हैं, इसलिए पास के बावजूद बॉर्डर पास नहीं करने दिया जाएगा. अस्पताल के फैकल्टी और दूसरे स्वास्थ्य पेशेवरों को भी बॉर्डर पर रोका जा रहा है. डॉ मनीष ने जल्दी ही एमएस से इस मामले को सुलझा कर स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए विशेष पास जारी करने की मांग की है ताकि स्वास्थ्य पेशेवरों को बॉर्डर पर ना रोका जा सके