नई दिल्ली: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद कर्नाटक कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार ने जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, उन्होंने कोर्ट से जमानत देने की मांग की है. पिछले 25 सितंबर को राउज एवेन्यू कोर्ट ने डीके शिवकुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
राउज एवेन्यू कोर्ट ने रद्द की थी याचिका
राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज अजय कुमार ने अपने फैसले में कहा था कि जांच अभी अहम मोड़ पर है और डीके शिवकुमार को अभी जमानत देना जांच पर असर डाल सकता है. कोर्ट ने कहा था कि डीके शिवकुमार एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं, गवाहों और साक्ष्यों को प्रभावित कर सकते हैं. कोर्ट ने कहा था कि ईडी ने कुछ दस्तावेज दिखाए हैं जिनमें 317 खातों की सूची और संपत्तियां भी शामिल हैं. कोर्ट ने कहा था कि जांच एजेंसी को स्वतंत्र तरीके से जांच करने का मौका मिलना चाहिए. कोर्ट ने कहा था कि जमानत याचिका पर विचार करते समय व्यक्तिगत स्वतंत्रता का ध्यान रखा गया.
सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से केएम नटराज ने कहा था कि डीके शिवकुमार की समाज में गहरी पैठ है, लेकिन इससे बड़ी गहरी साजिश इस केस में नजर आती है. जिसका खुलासा जरूरी है. जमानत देने पर वो सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं. इनकम टैक्स जांच के दौरान कुछ गवाहों ने बयान दिये, लेकिन सात-आठ महीने बाद वो पलट गए. जाहिर है, उनको आरोपी पक्ष की ओर से प्रभावित किया गया.
डीके शिवकुमार की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि ईडी के अधिकारी बार-बार बड़ी रकम के बरामद होने की बात कर रहे हैं, लेकिन इसे साबित करने वाले दस्तावेज और सबूत कहां हैं? हर दिन ईडी के अधिकारी रकम को बढ़ाते रहते हैं. हमें बन्द रखने के लिए ईडी केस को ग्लोरीफाई कर रही है.
सिंघवी ने कहा था कि अब आखिर कौन से दस्तावेजों के साथ मैं छेड़छाड़ कर सकता हूं. सारे दस्तावेज तो ईडी के कब्जे में है. ईडी रेड कर सारे दस्तावेजों को पहले ही अपने कब्जे में ले चुकी है. मैंने कोई दस्तावेजों की हेराफेरी नहीं की है, कोई राष्ट्रीय सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है.
पिछले 17 सितंबर को कोर्ट ने डीके शिवकुमार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. 3 सितंबर को ईडी ने डीके शिवकुमार को गिरफ्तार किया था.