नई दिल्ली: दिल्ली के एम्स अस्पताल में लगातार दूसरे दिन नर्सिंग स्टाफ का प्रदर्शन जारी है. वहीं नर्सिंग स्टाफ के यूनियन प्रेसिडेंट हरीश कालरा ने एम्स प्रशासन और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि हमारे साथ कैंटीन में सौतेला व्यवहार किया जाता है.
जब हम डॉक्टरों की तरह से हर मरीज की पूरी देखभाल कर रहे हैं, तो फिर हमसे सौतेला व्यवहार क्यों? वहीं उनका का यह भी कहना है कि एक एम्स की सफदरजंग हॉस्पिटल की नर्स को समांतर वेतन क्यों नहीं मिलता, जबकि काम दोनों का एक ही है.
'हमारे साथ सौतेला व्यवहार क्यों'
इतना ही नहीं उन्होंने यह भी बताया कि जब हमारी नर्स कैंटीन पर चाय पीने के लिए गई, तो वहां एम्स प्रशासन के बॉडीगार्ड ने धक्का मारकर उसे गिरा दिया. जिससे उसके पैर में गंभीर चोटें आई हैं. जब हम डॉक्टरों की तरह ही पूरी तरह से अपने काम को कर रहे हैं, तो फिर हमारे साथ सौतेला व्यवहार क्यों और हमारी इनके अलावा भी कई मांगे हैं. जिनको अभी तक पूरा नहीं किया जा सका, इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री ने पहले भी हमें आश्वासन दिया था, लेकिन के कारण इन लोगों ने हमारी मांगों को दरकिनार करते हुए कई नियम ला दिए.
नर्सिंग स्टाफ का प्रदर्शन जारी
एम्स अस्पताल में चल रहे नर्सिंग स्टाफ के प्रदर्शन से काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है. जिस तरीके से एम्स अस्पताल में मरीज गंभीर रूप से घायल हैं या भर्ती हैं. उन्हें वह सुविधाएं नहीं मिल पा मिल पा रही, जिसकी वजह से मरीज काफी दिक्कत में है. अभी तक एम्स प्रशासन और सरकार की तरफ से इनसे मिलने के लिए अभी तक कोई नुमाइंदा नहीं आया है. इन लोगों का कहना है कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं की जाती जब तक हम यहां पर धरना प्रदर्शन करते रहेंगे. हम चाहते हैं हमारी मांगे जल्द से जल्द पूरी की जाएं.
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'कोरोना की रफ्तार कम नहीं हुई'
एम्स अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ के अचानक हड़ताल करने की वजह से कई गभीर मरीजों के लिए काफी समस्या बढ़ गई है. उनकों समय पर दवाई या अन्य सुविधाएं नहीं दी रही है. इसकी वजह से एम्स अस्पताल प्रसाशन में भी खलबली मच गई है, लेकिन जिस तरीके से लगातार एम्स अस्पताल और दिल्ली के कई सरकारी अस्पतालों में सरकार और अस्पताल प्रसाशन की तरफ से इस तरीके के फैसले लिए जा रहे है. वह काफी भयाभव स्थिति को पैदा कर सकते हैं, क्योंकि दिल्ली में अभी कोरोना की रफ्तार कम नहीं हुई है. अगर इस तरीके से अस्पताल प्रसाशन औऱ नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टर आए दिन हड़ताल करते रहेंगे, तो फिर दिल्ली में बीमारियों को लेकर हालात बेकाबू हो सकते हैं.