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कोरोना योद्धाओं को भी मिले शहीदों का दर्जा, मेमोरियल बनाने की मांग - केंद्र सरकार

एम्स के डॉक्टर ने इस स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में कोरोना वॉरियर्स के लिए केंद्र सरकार के सामने पांच सूत्रीय मांग रखी है. इसमें कोरोना का इलाज करने के दौरान खुद भी कोरोना की चपेट में आने से मौत होने पर कोरोना वॉरियर्स को शहीद घोषित करना सहित कई मांगे शामिल हैं.

Demand for martyr status to Corona warriors
कोरोना योद्धाओं को शहीद का दर्जा देने की मांग
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Published : Aug 6, 2020, 7:44 PM IST

नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस काफी नजदीक आ रहा है. ऐसे में सीमा पर शहीद होने वाले भारतीय जवानों को सम्मानित किया जाता है. इस बार पहली बार ऐसा हुआ, जब देश एक अनजान वायरस से जंग लड़ रहा है.

कोरोना योद्धाओं को शहीद का दर्जा देने की मांग

ऐसे अदृश्य दुश्मनों से डॉक्टर समेत दूसरे हेल्थ वर्कर्स पूरी बहादुरी और हिम्मत के साथ निपट रहे हैं. इस लड़ाई में भारतीय सेनाओं ने भी हेल्थ वर्कर्स का आसमान से फूलों की वर्षा कर सम्मानित किया है. अब इसके साथ ही कोरोना शहीदों को भी शहादत की पहचान देने की मांग की गई है. देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स के डॉक्टर ने ऐसी मुहिम शुरू की है, जिसके तहत कोरोना की वजह से शहीद होने वाले हेल्थ वर्कर्स को शहीद का दर्जा देने की मांग उठा रहे हैं.

कोरोना मेमोरियल बनाने की मांग

एम्स के कार्डियो रेडियो डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर अमरिंदर सिंह ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से हेल्थ वर्कर्स को भी शहीद का दर्जा देने की मांग की है. डॉ. अमरिंदर ने कहा कि अभी तक 190 हेल्थ वर्कर्स कोरोना के मरीजों का इलाज करते हुए कोरोना इनफेक्शन की शिकार हुए और फिर बाद में उनकी मौत हुई.

उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि जितने भी हेल्थ वर्कर्स कोरोना के मरीजों के इलाज करने के दौरान कोरोना इंफेक्शन से अपनी जान गंवा दी, उनकी यादगार में कारगिल और लद्दाख मेमोरियल की तर्ज पर कोरोना मेमोरियल बनाया जाए.

यह मेमोरियल दिल्ली में एम्स या कहीं भी बनाया जाए ताकि आने वाले समय में अगली पीढ़ी के लोग जान सकें कि जब कोरोना महामारी आई थी तो कितने लोगों ने इसका मुकाबला करते हुए अपनी शहादत दी थी.

Demand for martyr status to Corona warriors
कोरोना योद्धाओं को शहीद का दर्जा देने की मांग

यह भी हैं प्रमुख मांगें

हमारी दूसरी मांग है कि इस तरीके से दिल्ली सरकार द्वारा कोरोना वॉरियर्स की मौत होने पर एक करोड़ रुपये की सहायता राशि परिवार को दी जाती है. उसी तरह से केंद्र सरकार भी यह सहायता राशि कोरोना शहीद के परिवार को दें.

उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि कोरोना का इलाज करने के दौरान इन हेल्थ वर्कर्स की डेथ हुई है, उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाए. शहीद का दर्जा देने के साथ-साथ उन्हें राजकीय सम्मान भी दिया जाए. हमारी चौथी मांग है कि कोरोना वॉरियर्स को राष्ट्रीय पुरस्कार साल में एक बार दिया जाए. यह स्वतंत्रता दिवस के दिन या डॉक्टर्स डे के दिन पुरस्कार दी जा सकती है.

स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री करें ये घोषणा

डॉ. अमरिंदर सिंह ने बताया कि उनकी पांचवीं मांग है कि कोरोना वॉरियर की मौत होने पर उनकी पति या पत्नी को उनके पूरे सेवाकाल के दौरान उनकी पूरी सैलरी दी जाए. साथ ही परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाए. हम चाहते हैं कि स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के नाम संबोधित करने के दौरान हमारी इन पांच मांगों की घोषणा करें.

नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस काफी नजदीक आ रहा है. ऐसे में सीमा पर शहीद होने वाले भारतीय जवानों को सम्मानित किया जाता है. इस बार पहली बार ऐसा हुआ, जब देश एक अनजान वायरस से जंग लड़ रहा है.

कोरोना योद्धाओं को शहीद का दर्जा देने की मांग

ऐसे अदृश्य दुश्मनों से डॉक्टर समेत दूसरे हेल्थ वर्कर्स पूरी बहादुरी और हिम्मत के साथ निपट रहे हैं. इस लड़ाई में भारतीय सेनाओं ने भी हेल्थ वर्कर्स का आसमान से फूलों की वर्षा कर सम्मानित किया है. अब इसके साथ ही कोरोना शहीदों को भी शहादत की पहचान देने की मांग की गई है. देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स के डॉक्टर ने ऐसी मुहिम शुरू की है, जिसके तहत कोरोना की वजह से शहीद होने वाले हेल्थ वर्कर्स को शहीद का दर्जा देने की मांग उठा रहे हैं.

कोरोना मेमोरियल बनाने की मांग

एम्स के कार्डियो रेडियो डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर अमरिंदर सिंह ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से हेल्थ वर्कर्स को भी शहीद का दर्जा देने की मांग की है. डॉ. अमरिंदर ने कहा कि अभी तक 190 हेल्थ वर्कर्स कोरोना के मरीजों का इलाज करते हुए कोरोना इनफेक्शन की शिकार हुए और फिर बाद में उनकी मौत हुई.

उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि जितने भी हेल्थ वर्कर्स कोरोना के मरीजों के इलाज करने के दौरान कोरोना इंफेक्शन से अपनी जान गंवा दी, उनकी यादगार में कारगिल और लद्दाख मेमोरियल की तर्ज पर कोरोना मेमोरियल बनाया जाए.

यह मेमोरियल दिल्ली में एम्स या कहीं भी बनाया जाए ताकि आने वाले समय में अगली पीढ़ी के लोग जान सकें कि जब कोरोना महामारी आई थी तो कितने लोगों ने इसका मुकाबला करते हुए अपनी शहादत दी थी.

Demand for martyr status to Corona warriors
कोरोना योद्धाओं को शहीद का दर्जा देने की मांग

यह भी हैं प्रमुख मांगें

हमारी दूसरी मांग है कि इस तरीके से दिल्ली सरकार द्वारा कोरोना वॉरियर्स की मौत होने पर एक करोड़ रुपये की सहायता राशि परिवार को दी जाती है. उसी तरह से केंद्र सरकार भी यह सहायता राशि कोरोना शहीद के परिवार को दें.

उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि कोरोना का इलाज करने के दौरान इन हेल्थ वर्कर्स की डेथ हुई है, उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाए. शहीद का दर्जा देने के साथ-साथ उन्हें राजकीय सम्मान भी दिया जाए. हमारी चौथी मांग है कि कोरोना वॉरियर्स को राष्ट्रीय पुरस्कार साल में एक बार दिया जाए. यह स्वतंत्रता दिवस के दिन या डॉक्टर्स डे के दिन पुरस्कार दी जा सकती है.

स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री करें ये घोषणा

डॉ. अमरिंदर सिंह ने बताया कि उनकी पांचवीं मांग है कि कोरोना वॉरियर की मौत होने पर उनकी पति या पत्नी को उनके पूरे सेवाकाल के दौरान उनकी पूरी सैलरी दी जाए. साथ ही परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाए. हम चाहते हैं कि स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के नाम संबोधित करने के दौरान हमारी इन पांच मांगों की घोषणा करें.

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