नई दिल्ली: बिजली का गलत बिल आना कोई नई बात नहीं है. अक्सर लोगों के साथ ऐसा हो जाता है. जिसके बाद लोग बिजली कंपनियों के दफ्तर जाकर बिल की रकम कम करवाते हैं. लेकिन अब ऐसे गलत बिलिंग के खिलाफ जुर्माना लगाने की मांग उठने लगी है.
दिल्ली में बिजली कंपनियों की हालत बहुत कुछ सूदखोर महाजन की तरह हो गई है, जिस तरह महाजन का सूद हर समय बढ़ता ही रहता है. ठीक वैसे ही बिजली कंपनियों का बिल भी लगातार बढ़ता ही रहता है, चाहे मीटर चल रहा हो या नहीं. कादीपुर के रहने वाले हरपाल राणा के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है.
हरपाल राणा ने बताया कि उनका बिलजी का मीटर 26 जून 2019 को खराब हो गया. उन्होंने इसकी जानकारी बिजली वितरण कंपनी को दी. जिसने 4 नवंबर 2019 को मीटर दोबारा चालू किया. इस दौरान हरपाल राणा का मीटर बंद रहा था, लेकिन इसके बाद भी कंपनी ने पिछले महीनों के आधार पर करीब 16 हजार रुपये का बिल भेज दिया.
हरपाल राणा ने इस गलत बिलिंग के खिलाफ आवाज उठाई. इस पर कई महीनों की भागदौड़ के बाद उनके बिल को आधा करते हुए उसे करीब आठ हजार रुपये कर दिया गया. लेकिन कंपनी ने जो गलत बिलिंग की, उसपर कोई जुर्माना नहीं लगाया गया.
हरपाल राणा ने कहा कि बिल आधा करने का मतलब साफ है कि कंपनी ने पहले जो बिल भेजा था वो गलत था. इससे गलत बिलिंग की वजह से उपभोक्ता को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. साथ ही बिल सही करवाने के लिए उसे अपना समय, श्रम और धन सब कुछ खर्च करना पड़ता है. तो उपभोगताओं को हुई इस बेवजह की परेशानी के लिए कंपनी पर जुर्माना क्यों न लगाया जाए, जबकि ऐसा नियम भी है.