नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय में एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक आयोजित की गई. बैठक में सेंट्रल यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूसेट ) को मंजूरी मिल गई है. इसके बाद अब शैक्षणिक सत्र 2022 - 23 स्नातक पाठ्यक्रम में छात्रों का एडमिशन सीयूसेट के तहत होगा. एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य डॉ. वीएस नेगी ने बताया कि आगामी सत्र में सीयूसेट के तहत एडमिशन होगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि कुलपति ने आश्वासन दिया है शिक्षकों के वर्क लोड में किसी भी प्रकार की कोई कटौती नहीं की जाएगी. इसके अलावा ईसी की बैठक में हायर एजुकेशन फाइनेंस एजेंसी (हेफा) के लोन की भी मंजूरी मिल गई है. जिसके तहत डीयू 1000 करोड़ से ज्यादा रुपए का लोन लेगा.
दिल्ली विश्वविद्यालय में आज एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में आगामी शैक्षणिक सत्र में सेंट्रल कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट के तहत एडमिशन की मंजूरी मिल गई है. इससे पहले अकादमिक काउंसिल की बैठक में इसे मंजूरी मिल गई थी. इसके अलावा एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में शिक्षा मंत्रालय की हायर एजुकेशन फाइनेंस एजेंसी से लोन की भी मंजूरी मिली है, जिसके तहत डीयू 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा का लोन लेगा.
इस पर एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य डॉ. सीमा दास ने आपत्ति दर्ज कराई. इस पर उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय है. लोन लेने से यह ग्रांट पर आधारित यूनिवर्सिटी में बदला जा रहा है. उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी के पास इतने संसाधन नहीं है कि वह इस लोन को वापस कर पाएगा. इससे शिक्षा और छात्रों का नुकसान होगा.
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एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्यों के द्वारा एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी की सीट और स्पोर्ट्स कोटा के तहत होने वाले एडमिशन की प्रक्रिया पर स्पष्टता मांगी गई. लेकिन इस पर कुछ साफ नहीं किया गया. इसके अलावा ईसी की बैठक में स्कूल ऑफ एनालिटिक्स को भी मंजूरी मिल गई है.