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द्वारका में पुलिस पढ़ाएगी लड़कों को संस्कार का पाठ - द्वारका पुलिस की संस्कारशाला

डीसीपी द्वारका एंटो अल्फोंस के अनुसार इस अभियान के तहत द्वारका पुलिस स्कूलों, झुग्गियों और कॉलोनियों रहने वाले लड़कों और युवकों को यह बता रही है कि महिलाओं-लड़कियों-बच्चियों का सम्मान करना चाहिए.

Delhi Police will teach student and youth over girl crime
संस्कारशाला लगाती पुलिस
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Published : Jan 14, 2020, 6:15 PM IST

नई दिल्ली: द्वारका जिला पुलिस अब युवकों और बच्चों को संस्कार का पाठ पढ़ाएगी. द्वारका पुलिस ने महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों जैसे ईव टीजिंग, मोलेस्टेशन आदि को रोकने के लिए और नौनिहालों को बचपन से अच्छी बातों की जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए एक अभियान की शुरुआत की है. इसमें द्वारका के सभी सरकारी स्कूलों, झुग्गियों और द्वारका की रिसेटेलमेंट कॉलोनियों में 'संस्कारशाला' नामक अभियान की शुरुआत की गई है.

संस्कारशाला लगाती पुलिस

स्कूलों-झुग्गियों-युवकों को समझाएंगे कानून
डीसीपी द्वारका एंटो अल्फोंस के अनुसार इस अभियान के तहत द्वारका पुलिस स्कूलों, झुग्गियों और कॉलोनियों रहने वाले लड़कों और युवकों को यह बता रही है कि महिलाओं-लड़कियों-बच्चियों का सम्मान करना चाहिए, उनके प्रति मोलस्टेशन, ईव टीजिंग जैसी गंदी हरकते नहीं करनी चाहिए. अगर ऐसा करते हैं तो इसमें क्या-क्या दंड के प्रावधान हैं.

एसएचओ भी करेंगे जागरूक
अभियान को सफल बनाने के लिए सभी एसएसओ को रोजाना सरकारी स्कूल में जाने के दिए निर्देश दिए गए हैं. इस अभियान को सफल बनाने के लिए द्वारका डीसीपी ने द्वारका के सभी एसएचओ को यह निर्देश दिया है कि वह रोजाना अपने-अपने इलाके के सरकारी स्कूलों में जाकर लड़कों को बताएंगे की समाज में महिलाओं के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए.

सब-डिवीजन लेवल पर एसीपी संभालेंगे कमान
इसके अलावा द्वारका जिला के सभी एसीपी सप्ताह में एक बार सब डिवीजन लेवल पर कार्यक्रम आयोजित कर इस अभियान के बारे में बता रहे हैं. द्वारका के एडिशनल डीसीपी भी डिस्ट्रिक्ट लेवल पर महीने में एक बार कार्यक्रम का आयोजन कर इस अभियान को के बारे में लोगों को बताएंगे.

कवि पुलिसकर्मी भी दे रहे शिक्षा
साथ ही द्वारका जिला के कवि पुलिसकर्मी मनीष मधुकर भी टीम के साथ इलाकों व गलियों में जाकर संस्कारशाला की क्लास लगाकर लड़कों को शिक्षित करने में जुटे हुए हैं

सम्मान की आदत बनेगी जीवन का हिस्सा
द्वारका डीसीपी का मानना है कि इस तरह के अभियान से कम उम्र बच्चों को अच्छी सीख और महिलाओं का सम्मान करने की अच्छी आदत उनके जीवन का हिस्सा बनेगी.

नई दिल्ली: द्वारका जिला पुलिस अब युवकों और बच्चों को संस्कार का पाठ पढ़ाएगी. द्वारका पुलिस ने महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों जैसे ईव टीजिंग, मोलेस्टेशन आदि को रोकने के लिए और नौनिहालों को बचपन से अच्छी बातों की जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए एक अभियान की शुरुआत की है. इसमें द्वारका के सभी सरकारी स्कूलों, झुग्गियों और द्वारका की रिसेटेलमेंट कॉलोनियों में 'संस्कारशाला' नामक अभियान की शुरुआत की गई है.

संस्कारशाला लगाती पुलिस

स्कूलों-झुग्गियों-युवकों को समझाएंगे कानून
डीसीपी द्वारका एंटो अल्फोंस के अनुसार इस अभियान के तहत द्वारका पुलिस स्कूलों, झुग्गियों और कॉलोनियों रहने वाले लड़कों और युवकों को यह बता रही है कि महिलाओं-लड़कियों-बच्चियों का सम्मान करना चाहिए, उनके प्रति मोलस्टेशन, ईव टीजिंग जैसी गंदी हरकते नहीं करनी चाहिए. अगर ऐसा करते हैं तो इसमें क्या-क्या दंड के प्रावधान हैं.

एसएचओ भी करेंगे जागरूक
अभियान को सफल बनाने के लिए सभी एसएसओ को रोजाना सरकारी स्कूल में जाने के दिए निर्देश दिए गए हैं. इस अभियान को सफल बनाने के लिए द्वारका डीसीपी ने द्वारका के सभी एसएचओ को यह निर्देश दिया है कि वह रोजाना अपने-अपने इलाके के सरकारी स्कूलों में जाकर लड़कों को बताएंगे की समाज में महिलाओं के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए.

सब-डिवीजन लेवल पर एसीपी संभालेंगे कमान
इसके अलावा द्वारका जिला के सभी एसीपी सप्ताह में एक बार सब डिवीजन लेवल पर कार्यक्रम आयोजित कर इस अभियान के बारे में बता रहे हैं. द्वारका के एडिशनल डीसीपी भी डिस्ट्रिक्ट लेवल पर महीने में एक बार कार्यक्रम का आयोजन कर इस अभियान को के बारे में लोगों को बताएंगे.

कवि पुलिसकर्मी भी दे रहे शिक्षा
साथ ही द्वारका जिला के कवि पुलिसकर्मी मनीष मधुकर भी टीम के साथ इलाकों व गलियों में जाकर संस्कारशाला की क्लास लगाकर लड़कों को शिक्षित करने में जुटे हुए हैं

सम्मान की आदत बनेगी जीवन का हिस्सा
द्वारका डीसीपी का मानना है कि इस तरह के अभियान से कम उम्र बच्चों को अच्छी सीख और महिलाओं का सम्मान करने की अच्छी आदत उनके जीवन का हिस्सा बनेगी.

Intro:द्वारका जिला पुलिस ने महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों जैसे ईव टीजिंग, मोलेस्टेशन आदि को रोकने के लिए औऱ बच्चों में शुरू से अच्छी चीजों की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए एक अभियान की शुरुआत की है. द्वारका के सभी सरकारी स्कूलों, झुग्गियों और द्वारका की रिसेटेलमेंट कॉलोनियों में "संस्कारशाला" नामक अभियान की शुरुआत की गई है.

Body:पुलिस स्कूलों, झुग्गियों और कॉलोनियों ने जाकर समझा रही है....

डीसीपी द्वारका एंटो अल्फोंस के अनुसार इस अभियान के तहत द्वारका पुलिस स्कूलों, झुग्गियों और कॉलोनियों रहने वाले लड़कों और युवकों को यह बता रही है कि महिलाओं-लड़कियों-बच्चियों का सम्मान करना चाहिए, उनके प्रति मोलस्टेशन, ईव टीजिंग जैसी गंदी हरकते नहीं करनी चाहिए. अगर ऐसा करते हैं तो इसमें क्या क्या दंड कर प्रावधान हैं.

अभियान को सफल बनाने के लिए सभी एसएसओ को रोजाना सरकारी स्कूल में जाने के दिए निर्देश..

इस अभियान को सफल बनाने के लिए द्वारका डीसीपी ने द्वारका के सभी एसएचओ को यह निर्देश दिया है कि वह रोजाना अपने अपने इलाके के सरकारी स्कूलों में जाकर लड़कों को बताएंगे की समाज में महिलाओं के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए.

सब डिवीजन लेवल पर भी एसीपी करेंगे कार्यक्रम...

इसके अलावा द्वारका जिला के सभी एसीपी सप्ताह में एक बार सब डिवीजन लेवल पर कार्यक्रम आयोजित कर इस अभियान के बारे बता रहे हैं. द्वारका के एडिशनल डीसीपी भी डिस्ट्रिक्ट लेवल पर महीने में एक बार कार्यक्रम का आयोजन कर इस अभियान को के बारे में लोगों को बताएंगे.

कवि पुलिसकर्मी ने भी गलियों में जाकर लड़को को किया शिक्षित..

साथ ही द्वारका जिला के कवि पुलिसकर्मी मनीष मधुकर भी टीम के साथ इलाकों में, गलियों में जाकर संस्कारशाला की क्लास लगाकर लड़कों को शिक्षित करने में जुटे हुए हैं

Conclusion:इस अभियान से अच्छी सीख और सम्मान करने की आदत बनेगी जीवन का हिस्सा.

द्वारका डीसीपी का मानना है कि इस तरह के अभियान से कम उम्र बच्चों को अच्छी सीख और महिलाओं का सम्मान करने की अच्छी आदत उनके जीवन का हिस्सा बनेगी.
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