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बांग्लादेश-बंगाल-बिहार-दिल्ली-यूपी तक फैला था हबीबुर्रहमान का नेटवर्क, गिरफ्तार

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Published : Jun 24, 2021, 8:07 PM IST

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बांग्लादेश बॉर्डर (Bangladesh Border) के रास्ते भारत में जाली नोट की सप्लाई करने वाले एक गैंग (Fake Currency Gang) का भंडाफोड़ किया है. इस गैंग के एक सदस्य को पुलिस ने जनवरी महीने में गिरफ्तार किया था. जिसके बाद से स्पेशल सेल की टीम लगातार अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी थी.

special cell busted fake currency gang
जाली नोट के इंटरनेशनल गैंग का भंडाफोड़

नई दिल्ली: बांग्लादेश बॉर्डर के रास्ते भारत की अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचा रहे एक गैंग का स्पेशल सेल (Special Cell) ने पर्दाफाश किया है. स्पेशल सेल ने बांग्लादेश बॉर्डर के रास्ते जाली नोट लेकर उसे विभिन्न राज्यों में सप्लाई करने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार (Fake Currency Supplier Arrested) किया है. कई महीनों से दिल्ली पुलिस उसकी तलाश में छापेमारी कर रही थी. उसके एक गुर्गे को बीते जनवरी माह में चार लाख रुपये के जाली नोट के साथ गिरफ्तार किया गया था.


डीसीपी संजीव यादव के अनुसार जाली नोट को लेकर स्पेशल सेल की टीम काम कर रही थी. उन्हें पता चला कि भारी मात्रा में बांग्लादेश बॉर्डर से भारत में जाली नोट भेजे जा रहे हैं. नोटबंदी से पहले बड़ी मात्रा में जाली नोट भारत में चल रहे थे. कुछ समय के लिए यह धंधा ठप हो गया था, लेकिन इसके बाद एक बार फिर ऐसे गैंग सक्रिय हो गए हैं. वह जाली नोट बेहतरीन क्वालिटी के बनाते हैं ताकि लोगों की पकड़ में न आ सकें. इसे ध्यान में रखते हुए एसीपी जसबीर सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर विवेकानंद पाठक और इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह की टीम काम कर रही थी.

ये भी पढ़ें: द्वारका: 4 लाख के जाली नोटों के साथ आरोपी गिरफ्तार



जनवरी में पकड़ा गया था गैंग का गुर्गा
बीते जनवरी माह में उन्हें सूचना मिली कि ऐसे ही एक गैंग का सदस्य शेख शहजाद आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर जाली नोट की खेप लेकर आएगा. सूचना मिलते ही आनंद विहार रेलवे स्टेशन के पास स्पेशल सेल की टीम ने जाल बिछाया और आरोपी को पकड़ लिया. तलाशी में उसके पास से 4 लाख रुपये के जाली नोट बरामद हुए थे. यह सभी नोट दो हजार रुपये के थे. उसने पुलिस को बताया कि हबीबुर्रहमान से जाली नोट की खेप लेता है और इसे उत्तर प्रदेश और दिल्ली में सप्लाई करता है. पुलिस टीम ने इन जाली नोट को नासिक रोड स्थित करेंसी नोट प्रेस में जमा कराया जहां से पता चला कि नोट पर सिक्योरिटी फीचर्स भी मौजूद थे.

ये भी पढ़ें: बांग्लादेश से भारत में जाली नोटों की तस्करी, स्पेशल सेल ने आरोपी को किया गिरफ्तार



पांच माह बाद गिरफ्तार हुआ आरोपी हबीबुर्रहमान
इस मामले में पुलिस टीम ने हबीबुर्रहमान के खिलाफ गैर जमानती वारंट लिया. लेकिन वह फरार चल रहा था. पुलिस टीम लगातार उसकी तलाश में पश्चिम बंगाल के मालदा में छापेमारी कर रही थी. हाल ही में पुलिस को पता चला कि हबीबुर्रहमान अपने गांव में मौजूद है. इस जानकारी पर तुरंत पुलिस टीम ने छापा मारकर उसे गिरफ्तार कर लिया. उसे मालदा स्थित अदालत में पेश कर 3 दिन की ट्रांजिट रिमांड पर लिया गया. हबीबुर्रहमान ने पुलिस को बताया कि वह बड़े अंतरराष्ट्रीय रैकेट का सदस्य है. वह मालदा का रहने वाला है. मालदा का रहने वाला जमाल उसे इस धंधे में ले गया था. वह मालदा निवासी अस्सीरुदीन से जाली नोट लेकर उसे आगे सप्लाई करता था. बिहार का रहने वाला नवाब, आलम और यूपी निवासी आसिफ भी उससे जाली नोट लेते थे.

ये भी पढ़ें: नोएडा पुलिस के हत्थे चढ़े 7 लुटेरे, तमंचा और जाली नोट बरामद



मालदा का रहने वाला है हबीबुर्रहमान

पुलिस के अनुसार पहले भी कई जाली नोट के गैंग का पर्दाफाश किया गया है. इनसे यह खुलासा हुआ है कि बांग्लादेश बॉर्डर के जरिए जाली नोट भारत में खपाये (Fake Currency Supply) जा रहे हैं. इसके जरिए भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. पुलिस का मानना है कि जाली नोटों से होने वाली कमाई का एक बड़ा हिस्सा आतंकी गतिविधियों में भी इस्तेमाल किया जाता है. गिरफ्तार किया गया हबीबुर्रहमान मालदा का रहने वाला है. 2016 में उसे जाली नोटों की खेप के साथ स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था. जेल से निकलने के बाद उसने एक बार फिर नया गैंग खड़ा किया और जाली नोटों का धंधा करने लगा.

नई दिल्ली: बांग्लादेश बॉर्डर के रास्ते भारत की अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचा रहे एक गैंग का स्पेशल सेल (Special Cell) ने पर्दाफाश किया है. स्पेशल सेल ने बांग्लादेश बॉर्डर के रास्ते जाली नोट लेकर उसे विभिन्न राज्यों में सप्लाई करने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार (Fake Currency Supplier Arrested) किया है. कई महीनों से दिल्ली पुलिस उसकी तलाश में छापेमारी कर रही थी. उसके एक गुर्गे को बीते जनवरी माह में चार लाख रुपये के जाली नोट के साथ गिरफ्तार किया गया था.


डीसीपी संजीव यादव के अनुसार जाली नोट को लेकर स्पेशल सेल की टीम काम कर रही थी. उन्हें पता चला कि भारी मात्रा में बांग्लादेश बॉर्डर से भारत में जाली नोट भेजे जा रहे हैं. नोटबंदी से पहले बड़ी मात्रा में जाली नोट भारत में चल रहे थे. कुछ समय के लिए यह धंधा ठप हो गया था, लेकिन इसके बाद एक बार फिर ऐसे गैंग सक्रिय हो गए हैं. वह जाली नोट बेहतरीन क्वालिटी के बनाते हैं ताकि लोगों की पकड़ में न आ सकें. इसे ध्यान में रखते हुए एसीपी जसबीर सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर विवेकानंद पाठक और इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह की टीम काम कर रही थी.

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जनवरी में पकड़ा गया था गैंग का गुर्गा
बीते जनवरी माह में उन्हें सूचना मिली कि ऐसे ही एक गैंग का सदस्य शेख शहजाद आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर जाली नोट की खेप लेकर आएगा. सूचना मिलते ही आनंद विहार रेलवे स्टेशन के पास स्पेशल सेल की टीम ने जाल बिछाया और आरोपी को पकड़ लिया. तलाशी में उसके पास से 4 लाख रुपये के जाली नोट बरामद हुए थे. यह सभी नोट दो हजार रुपये के थे. उसने पुलिस को बताया कि हबीबुर्रहमान से जाली नोट की खेप लेता है और इसे उत्तर प्रदेश और दिल्ली में सप्लाई करता है. पुलिस टीम ने इन जाली नोट को नासिक रोड स्थित करेंसी नोट प्रेस में जमा कराया जहां से पता चला कि नोट पर सिक्योरिटी फीचर्स भी मौजूद थे.

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पांच माह बाद गिरफ्तार हुआ आरोपी हबीबुर्रहमान
इस मामले में पुलिस टीम ने हबीबुर्रहमान के खिलाफ गैर जमानती वारंट लिया. लेकिन वह फरार चल रहा था. पुलिस टीम लगातार उसकी तलाश में पश्चिम बंगाल के मालदा में छापेमारी कर रही थी. हाल ही में पुलिस को पता चला कि हबीबुर्रहमान अपने गांव में मौजूद है. इस जानकारी पर तुरंत पुलिस टीम ने छापा मारकर उसे गिरफ्तार कर लिया. उसे मालदा स्थित अदालत में पेश कर 3 दिन की ट्रांजिट रिमांड पर लिया गया. हबीबुर्रहमान ने पुलिस को बताया कि वह बड़े अंतरराष्ट्रीय रैकेट का सदस्य है. वह मालदा का रहने वाला है. मालदा का रहने वाला जमाल उसे इस धंधे में ले गया था. वह मालदा निवासी अस्सीरुदीन से जाली नोट लेकर उसे आगे सप्लाई करता था. बिहार का रहने वाला नवाब, आलम और यूपी निवासी आसिफ भी उससे जाली नोट लेते थे.

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मालदा का रहने वाला है हबीबुर्रहमान

पुलिस के अनुसार पहले भी कई जाली नोट के गैंग का पर्दाफाश किया गया है. इनसे यह खुलासा हुआ है कि बांग्लादेश बॉर्डर के जरिए जाली नोट भारत में खपाये (Fake Currency Supply) जा रहे हैं. इसके जरिए भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. पुलिस का मानना है कि जाली नोटों से होने वाली कमाई का एक बड़ा हिस्सा आतंकी गतिविधियों में भी इस्तेमाल किया जाता है. गिरफ्तार किया गया हबीबुर्रहमान मालदा का रहने वाला है. 2016 में उसे जाली नोटों की खेप के साथ स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था. जेल से निकलने के बाद उसने एक बार फिर नया गैंग खड़ा किया और जाली नोटों का धंधा करने लगा.

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