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आधे सेंटीमीटर पर हुआ इंकार...दो साल बाद, खत्म इंतजार

दिल्ली पुलिस के एक सिपाही को अपनी आधी सेंटीमीटर लंंबाई के लिये लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी (delhi police constable fight for half centimeter height). कैट (central administrative tribuna) ने उसकी शिकायत को सही माना और दिल्ली पुलिस को यह आदेश दिया.

दिल्ली पुलिस सिपाही लंबाई लड़ाई
दिल्ली पुलिस सिपाही लंबाई लड़ाई
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Published : Dec 16, 2021, 4:52 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस के एक सिपाही को अपनी लंबाई साबित करने के लिए नौकरी के 10 साल बाद दो साल लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी (delhi police constable fight for half centimeter height). सिपाही के पद पर भर्ती होते समय तो दिल्ली पुलिस ने उसकी लंबाई को 170 सेंटीमीटर मानी, लेकिन जब उसने 10 साल बाद सब इंस्पेक्टर पद के लिए आवेदन किया तो उसकी लंबाई को एसएससी ने आधा सेंटीमीटर कम बता दिया. लगभग दो साल लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद अब केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (central administrative tribuna) ने उसकी लंबाई को 170 सेंटीमीटर मानते हुए दिल्ली पुलिस को आदेश जारी किए हैं.


जानकारी के अनुसार, सोनीपत का रहने वाला अजय वर्ष 2009 में दिल्ली पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुआ था. वर्ष 2018 में दिल्ली पुलिस द्वारा सब इंस्पेक्टर/असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर पद के लिए परीक्षा का आयोजन किया गया. अजय ने भी इसमें भाग लिया. उसने पहला पेपर पास कर लिया. इसके बाद उसे मेडिकल के लिए बुलाया गया. इस मेडिकल में उसे बताया गया कि उसकी लंबाई 169 सेंटीमीटर है, जबकि चयन के लिए लंबाई 170 सेंटीमीटर होनी चाहिए. उसने इस मेडिकल जांच के खिलाफ अपील की. दोबारा से उसका मेडिकल किया गया जिसमें, उसे बताया गया कि उसकी लंबाई 169.5 सेंटीमीटर है. चयन के लिए इस बार भी आधा सेंटीमीटर उसकी लंबाई को कम बताया गया.

दिल्ली पुलिस सिपाही लंबाई लड़ाई

अधिवक्ता अनिल सिंघल ने बताया कि दिल्ली पुलिस में सिपाही की भर्ती के लिए 170 सेंटीमीटर लंबाई होना अनिवार्य है. ऐसे में 2009 में जब उसका चयन किया गया तो उसकी लंबाई 170 सेंटीमीटर थी. लगभग 10 साल बाद एसएससी द्वारा उसे कहा गया कि उसकी लंबाई आधा सेंटीमीटर कम है. उन्होंने दिल्ली पुलिस में अजय की लंबाई को लेकर आरटीआई लगाई जिसमें बताया गया कि उसकी लंबाई 170 सेंटीमीटर है. एसएससी ने जब इसे नहीं माना तो सिपाही अजय ने अपने अधिवक्ता अनिल सिंघल के माध्यम से कैट (केंद्रीय प्रसाशनिक अधिकरण) का रूख किया. कैट ने एम्स के मेडिकल बोर्ड को उसकी लंबाई मापने के आदेश दिए.

केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण
केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण



ये भी पढ़ेंः दिल्ली में अब तक ओमीक्रोन के 10 मामले, कोई गंभीर नहीं

सितंबर 2019 में एम्स की तरफ से जमा की गई रिपोर्ट में बताया गया कि उसकी लंबाई 170 सेंटीमीटर से ज्यादा है. इस पर दिल्ली पुलिस की तरफ से अधिवक्ता ने आपत्ति जताते हुए कहा कि एम्स द्वारा दी गई रिपोर्ट में केवल एक ही डॉक्टर के हस्ताक्षर हैं. इसकी वजह से उसकी लंबाई को 170 सेंटीमीटर नहीं माना जा सकता. इस मामले में एम्स के मेडिकल सुपरिटेंडेंट की तरफ से अक्टूबर 2021 में रिपोर्ट फाइल की गई. इसमें बताया गया कि उन्होंने दो मेडिकल एक्सपर्ट की कमेटी बनाई थी. इसमें डॉक्टर राजेश और डॉक्टर सूरज शामिल थे. इसमें डॉक्टर सूरज के हस्ताक्षर भी मौजूद हैं.


ये भी पढ़ेंः #Positive Bharat Podcast: बेटी के इंसाफ के लिए काटे कोर्ट कचहरी के चक्कर, सुनिए निर्भया की मां आशा देवी की कहानी


कैट ने इस रिपोर्ट को सही मानते हुए यह स्वीकार किया है कि उसकी लंबाई 170 सेंटीमीटर है. यह भी माना गया है कि वह दिल्ली पुलिस में 10 साल से इसलिए नौकरी कर रहा है, क्योंकि उसकी लंबाई 170 सेंटीमीटर है. इसलिए यह मानना गलत होगा कि उसकी लंबाई 170 सेंटीमीटर से कम है. उन्होंने एसएससी को आदेश दिए हैं कि 2018 में आयोजित की गई प्रतियोगिता में उसकी लंबाई को 170 सेंटीमीटर मानकर आगे के लाभ उसे दिए जाएं. एक माह में इस आदेश का पालन कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश भी कैट द्वारा दिए गए हैं.

अधिवक्ता अनिल सिंघल
अधिवक्ता अनिल सिंघल

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नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस के एक सिपाही को अपनी लंबाई साबित करने के लिए नौकरी के 10 साल बाद दो साल लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी (delhi police constable fight for half centimeter height). सिपाही के पद पर भर्ती होते समय तो दिल्ली पुलिस ने उसकी लंबाई को 170 सेंटीमीटर मानी, लेकिन जब उसने 10 साल बाद सब इंस्पेक्टर पद के लिए आवेदन किया तो उसकी लंबाई को एसएससी ने आधा सेंटीमीटर कम बता दिया. लगभग दो साल लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद अब केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (central administrative tribuna) ने उसकी लंबाई को 170 सेंटीमीटर मानते हुए दिल्ली पुलिस को आदेश जारी किए हैं.


जानकारी के अनुसार, सोनीपत का रहने वाला अजय वर्ष 2009 में दिल्ली पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुआ था. वर्ष 2018 में दिल्ली पुलिस द्वारा सब इंस्पेक्टर/असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर पद के लिए परीक्षा का आयोजन किया गया. अजय ने भी इसमें भाग लिया. उसने पहला पेपर पास कर लिया. इसके बाद उसे मेडिकल के लिए बुलाया गया. इस मेडिकल में उसे बताया गया कि उसकी लंबाई 169 सेंटीमीटर है, जबकि चयन के लिए लंबाई 170 सेंटीमीटर होनी चाहिए. उसने इस मेडिकल जांच के खिलाफ अपील की. दोबारा से उसका मेडिकल किया गया जिसमें, उसे बताया गया कि उसकी लंबाई 169.5 सेंटीमीटर है. चयन के लिए इस बार भी आधा सेंटीमीटर उसकी लंबाई को कम बताया गया.

दिल्ली पुलिस सिपाही लंबाई लड़ाई

अधिवक्ता अनिल सिंघल ने बताया कि दिल्ली पुलिस में सिपाही की भर्ती के लिए 170 सेंटीमीटर लंबाई होना अनिवार्य है. ऐसे में 2009 में जब उसका चयन किया गया तो उसकी लंबाई 170 सेंटीमीटर थी. लगभग 10 साल बाद एसएससी द्वारा उसे कहा गया कि उसकी लंबाई आधा सेंटीमीटर कम है. उन्होंने दिल्ली पुलिस में अजय की लंबाई को लेकर आरटीआई लगाई जिसमें बताया गया कि उसकी लंबाई 170 सेंटीमीटर है. एसएससी ने जब इसे नहीं माना तो सिपाही अजय ने अपने अधिवक्ता अनिल सिंघल के माध्यम से कैट (केंद्रीय प्रसाशनिक अधिकरण) का रूख किया. कैट ने एम्स के मेडिकल बोर्ड को उसकी लंबाई मापने के आदेश दिए.

केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण
केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण



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सितंबर 2019 में एम्स की तरफ से जमा की गई रिपोर्ट में बताया गया कि उसकी लंबाई 170 सेंटीमीटर से ज्यादा है. इस पर दिल्ली पुलिस की तरफ से अधिवक्ता ने आपत्ति जताते हुए कहा कि एम्स द्वारा दी गई रिपोर्ट में केवल एक ही डॉक्टर के हस्ताक्षर हैं. इसकी वजह से उसकी लंबाई को 170 सेंटीमीटर नहीं माना जा सकता. इस मामले में एम्स के मेडिकल सुपरिटेंडेंट की तरफ से अक्टूबर 2021 में रिपोर्ट फाइल की गई. इसमें बताया गया कि उन्होंने दो मेडिकल एक्सपर्ट की कमेटी बनाई थी. इसमें डॉक्टर राजेश और डॉक्टर सूरज शामिल थे. इसमें डॉक्टर सूरज के हस्ताक्षर भी मौजूद हैं.


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कैट ने इस रिपोर्ट को सही मानते हुए यह स्वीकार किया है कि उसकी लंबाई 170 सेंटीमीटर है. यह भी माना गया है कि वह दिल्ली पुलिस में 10 साल से इसलिए नौकरी कर रहा है, क्योंकि उसकी लंबाई 170 सेंटीमीटर है. इसलिए यह मानना गलत होगा कि उसकी लंबाई 170 सेंटीमीटर से कम है. उन्होंने एसएससी को आदेश दिए हैं कि 2018 में आयोजित की गई प्रतियोगिता में उसकी लंबाई को 170 सेंटीमीटर मानकर आगे के लाभ उसे दिए जाएं. एक माह में इस आदेश का पालन कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश भी कैट द्वारा दिए गए हैं.

अधिवक्ता अनिल सिंघल
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