नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस लगातार पुलिस में इनोवेशन और टेक्नॉलॉजी शामिल करके अपने बल का आधुनिकीकरण कर रही है. जिससे वो क्राइम, लॉ एंड ऑर्डर, ट्रैफिक मैनेजमेंट, इंटेलिजेंस कलेक्शन सहित बेहतर जन सेवाएं प्रदान करने में सक्षम हो सकें. इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न शोध संगठनों और विश्वविद्यालयों से हितधारकों को शामिल किया जा रहा है. इसी दिशा में 14 जून 2022 को दिल्ली पुलिस और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं.
दिल्ली पुलिस के कमिश्नर की उपस्थिति में, एमओयू पर दिल्ली पुलिस कि तरफ से स्पेशल सीपी, टेक एंड प्रोजेक्ट इम्प्लीमेंटेशन, एसबीके सिंह द्वारा हस्ताक्षर किया गया. जबकि आईआईटी दिल्ली की ओर से प्रो. रंगन बनर्जी, निदेशक आईआईटी, दिल्ली ने हस्ताक्षर किया. दिल्ली पुलिस और आईआईटी दिल्ली के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन नई तकनीक की खोज है. मौजूदा प्रौद्योगिकी आधारित परियोजनाओं का मूल्यांकन, भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रौद्योगिकी आधारित समाधान के विकास और दिल्ली पुलिस की तकनीकी समितियों में उपयुक्त संसाधन व्यक्ति को शामिल करने का मार्ग प्रशस्त करेगा.
कई अन्य समाधानों के बीच उपरोक्त प्रक्रिया नई संचार प्रणालियों, ड्रोन फोरेंसिक, एक ही मंच पर सीसीटीवी फ़ीड के एकीकरण, पार्किंग समस्याओं को हल करने के लिए प्रौद्योगिकियों के समावेश, बुलेट प्रतिरोध (बीआर) जैकेट और बीआर वेस्ट आदि के लिए तकनीकी विशिष्टताओं के समाधान तैयार करेगी. इस मौके पर आईआईटी के निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी ने जोर देते हुए कहा कि सोसाइटी के इस्तेमाल के लिए प्रौद्योगिकी और संसाधनों पर फोकस किया जाना चाहिए और आईआईटी दिल्ली इस दिशा में काम करेगा. दिल्ली पुलिस को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए भविष्य में दिल्ली पुलिस के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकी और प्रणालियों का विकास किया जाएगा.
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इस अवसर पर सीपी दिल्ली ने कहा कि इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से आईआईटी दिल्ली, दिल्ली पुलिस को नवीन तकनीकों को अपनाने और स्वदेशी डिजिटल ट्रंकिंग संचार प्रणाली, सीसीटीवी एकीकरण प्लेटफॉर्म विकसित करने में मदद करेगा, जो पीएम के 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण के अनुरूप है. व्यवस्था बनाए रखना, नागरिकों के मन में सुरक्षा पैदा करना, दिए गए सीमित संसाधनों में मोबाइल फोन के दुरुपयोग की रोकथाम और वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (वीओआइपी) एक विशाल चुनौती है, जिसे डिजिटल के क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकियों के समावेश से नियंत्रित किया जा सकता है. संचार, आतंकवादी गतिविधियों की रोकथाम और व्यवस्था बनाए रखना. आईआईटी दिल्ली इन क्षेत्रों में और भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), मशीन लर्निंग (एमएल), ड्रोन प्रौद्योगिकियों, यातायात प्रबंधन और कानून और व्यवस्था के रखरखाव जैसे प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में दिल्ली पुलिस की सहायता कर सकता है.