नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने एक फ्लैट खरीददार के पैसे वापस नहीं करने के मामले में सुपरटेक के मैनेजिंग डायरेक्टर मोहित अरोड़ा की तीन साल की सजा देने के राष्ट्रीय उपभोक्ता अदालत के फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी है. जस्टिस अमित बंसल की बेंच ने सुपरटेक को निर्देश दिया कि वो एक हफ्ते के अंदर फ्लैट खरीददार कंवलजीत बत्रा के खाते में 50 लाख रुपये जमा करें. मामले की अगली सुनवाई 4 अक्टूबर को होगी.
बीते 20 सितंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता अदालत ने कंवलजीत बत्रा की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुपरटेक के एमडी मोहित अरोड़ा को तीन साल की कैद की सजा सुनाई थी. उपभोक्ता अदालत के इस आदेश को सुपरटेक ने दिल्ली हाईकोट में चुनौती दी है.
सुपरटेक की ओर से वकील संदीप सेठी ने कहा कि राष्ट्रीय उपभोक्ता अदालत, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 27 के तहत आपराधिक मामला नहीं चला सकती है. उन्होंने कहा कि मोहित अरोड़ा के खिलाफ बिना कोई ट्रायल किए ही उन्हें सजा कैसे दी जा सकती है. तब कोर्ट ने कहा कि आप एक हफ्ते के अंदर 50 लाख रुपये फ्लैट खरीददार के खाते में जमा करें.
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कंवलजीत बत्रा ने सुपरटेक के ग्रेटर नोएडा के प्रोजेक्ट में 2013 में एक विला की बुकिंग की थी, लेकिन सुपरटेक ने उन्हें विला नहीं दिया. बत्रा ने राष्ट्रीय उपभोक्ता अदालत में याचिका दायर कर सुपरटेक को दी गई रकम को वापस देने की मांग की थी. उपभोक्ता अदालत ने सुपरटेक को निर्देश दिया था कि वो विला खरीददार को पैसे वापस करें.
अदालत के बार-बार आदेश के बावजूद जब सुपरटेक के एमडी मोहित अरोड़ा उपस्थित नहीं हुए तब गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया. राष्ट्रीय उपभोक्ता अदालत ने कहा कि अगर सुपरटेक ने फ्लैट खरीददार को पैसे वापस नहीं किए तो उन्हें तीन साल की सजा दी जाए.