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Delhi में इलेक्ट्रिक शवदाह गृहों की मरम्मत और नए शवदाह गृह बनाने की मांग पर नोटिस जारी

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Published : May 28, 2021, 4:02 PM IST

कोरोना (Corona) से होने वाली मौतों के मद्देनजर दिल्ली (Delhi) में इलेक्ट्रिक शवदाह गृहों (Electric Crematoriums) और नए शवदाह गृह बनाने की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. जिस पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार, दिल्ली सरकार और नगर निगमों को नोटिस जारी किया है.

delhi high court
दिल्ली हाईकोर्ट

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली में कोरोना से बड़ी संख्या में लोगों की मौत के मद्देनजर अलग-अलग हिस्सों में इलेक्ट्रिक (Electric Crematoriums) या सीएनजी संचालित खराब शवदाह गृहों की मरम्मत और नए शवदाह गृह बनाए जाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार (Central Government), दिल्ली सरकार (Delhi Government) और नगर निगमों (MCD) को नोटिस जारी किया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच 27 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

याचिका सामाजिक कार्यकर्ता सुनील कुमार अलेदिया ने दायर की है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील कमलेश कुमार मिश्रा ने कहा कि दिल्ली के कई इलेक्ट्रिक शवदाह गृह (Electric Crematoriums) खराब हो गए हैं. उन्हें न सिर्फ मरम्मत करने की जरूरत है, बल्कि और इलेक्ट्रिक शवदाह गृह (Electric Crematoriums) का निर्माण करने की जरूरत है. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार और दिल्ली के सभी नगर निगम अपनी वेबसाइट पर अपने-अपने इलाकों के श्मशान घाट और कब्रगाह का ब्यौरा दें ताकि आम लोगों को इसकी जानकारी मिल सके.

सराय काले खां में एक इलेक्ट्रिक शवदाह गृह काम नहीं कर रहा

याचिका में कहा गया है कि सराय काले खां (Sarai Kale Khan) स्थित दो इलेक्ट्रिक शवदाह गृहों (Electric Crematoriums) में से एक ही शवदाह गृह काम कर रहा है. लकड़ी वाले शवदाह गृह में शवों को पूरी तरह जलाने में करीब 12 घंटे लग जाते हैं जबकि इलेक्ट्रिक शवदाह गृह (Electric Crematoriums) में शव तीन घंटे में जल जाते हैं. ऐसे में शवों की संख्या काफी ज्यादा होने पर लोग स्वाभाविक तौर पर इलेक्ट्रिक शवदाह गृह का विकल्प चुनते हैं.

ये भी पढ़ें: लावारिस शवों के अंतिम संस्कार की भूमि, अब बनेगा दिल्ली का सबसे बड़ा श्मशान


इलेक्ट्रिक शवदाह गृहों में तीन घंटे के बाद ही अस्थियां मिल जाती हैं

याचिका में कहा गया है कि लकड़ी वाले शवदाह गृह में शवों को पूरी तरह जलने में काफी समय लगने की वजह से मृतकों के रिश्तेदार उनकी अस्थियों को लेने के लिए अगले दिन आते हैं, जबकि इलेक्ट्रिक शवदाह गृहों (Electric Crematoriums) में तीन घंटे के बाद ही अस्थियां मिल जाती हैं. इससे इलेक्ट्रिक शवदाह गृह का विकल्प चुनने वाले को अस्थियों को लेने के लिए श्मशान घाट पर दोबारा नहीं आना पड़ता है. याचिका में कहा गया है कि जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate) जारी करनेवाले रजिस्ट्रार जनरल के निर्देश दिया जाए कि वो इन प्रमाण पत्रों को ऑनलाइन जारी करने का दिशानिर्देश जारी करें.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली में कोरोना से बड़ी संख्या में लोगों की मौत के मद्देनजर अलग-अलग हिस्सों में इलेक्ट्रिक (Electric Crematoriums) या सीएनजी संचालित खराब शवदाह गृहों की मरम्मत और नए शवदाह गृह बनाए जाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार (Central Government), दिल्ली सरकार (Delhi Government) और नगर निगमों (MCD) को नोटिस जारी किया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच 27 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

याचिका सामाजिक कार्यकर्ता सुनील कुमार अलेदिया ने दायर की है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील कमलेश कुमार मिश्रा ने कहा कि दिल्ली के कई इलेक्ट्रिक शवदाह गृह (Electric Crematoriums) खराब हो गए हैं. उन्हें न सिर्फ मरम्मत करने की जरूरत है, बल्कि और इलेक्ट्रिक शवदाह गृह (Electric Crematoriums) का निर्माण करने की जरूरत है. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार और दिल्ली के सभी नगर निगम अपनी वेबसाइट पर अपने-अपने इलाकों के श्मशान घाट और कब्रगाह का ब्यौरा दें ताकि आम लोगों को इसकी जानकारी मिल सके.

सराय काले खां में एक इलेक्ट्रिक शवदाह गृह काम नहीं कर रहा

याचिका में कहा गया है कि सराय काले खां (Sarai Kale Khan) स्थित दो इलेक्ट्रिक शवदाह गृहों (Electric Crematoriums) में से एक ही शवदाह गृह काम कर रहा है. लकड़ी वाले शवदाह गृह में शवों को पूरी तरह जलाने में करीब 12 घंटे लग जाते हैं जबकि इलेक्ट्रिक शवदाह गृह (Electric Crematoriums) में शव तीन घंटे में जल जाते हैं. ऐसे में शवों की संख्या काफी ज्यादा होने पर लोग स्वाभाविक तौर पर इलेक्ट्रिक शवदाह गृह का विकल्प चुनते हैं.

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इलेक्ट्रिक शवदाह गृहों में तीन घंटे के बाद ही अस्थियां मिल जाती हैं

याचिका में कहा गया है कि लकड़ी वाले शवदाह गृह में शवों को पूरी तरह जलने में काफी समय लगने की वजह से मृतकों के रिश्तेदार उनकी अस्थियों को लेने के लिए अगले दिन आते हैं, जबकि इलेक्ट्रिक शवदाह गृहों (Electric Crematoriums) में तीन घंटे के बाद ही अस्थियां मिल जाती हैं. इससे इलेक्ट्रिक शवदाह गृह का विकल्प चुनने वाले को अस्थियों को लेने के लिए श्मशान घाट पर दोबारा नहीं आना पड़ता है. याचिका में कहा गया है कि जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate) जारी करनेवाले रजिस्ट्रार जनरल के निर्देश दिया जाए कि वो इन प्रमाण पत्रों को ऑनलाइन जारी करने का दिशानिर्देश जारी करें.

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