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सिर पर मैला ढोने को रोकने वाले कानून लागू करने की मांग, केन्द्र को पक्षकार बनाने की अनुमति - दिल्ली हाईकोर्ट जवाब मांगा केन्द्र सरकार

सिर पर मैला ढोने को रोकने वाले कानून को लागू करने वाली याचिका में दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र को पक्षकार बनाने की अनुमति दे दी है. साथ ही केन्द्र सरकार से इस मामले में 13 सितंबर तक जवाब मांगा है.

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सिर पर मैला ढोना
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Published : Aug 5, 2021, 10:01 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने मैला ढोने से रोकने के लिए बनाए गए कानून को कड़ाई से पालन करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग करने वाली याचिका में केंद्र सरकार को पक्षकार बनाने की अनुमति दे दी है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार को 13 सितंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.


सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को पक्षकार बनाने की याचिकाकर्ता और वकील अमित साहनी की याचिका स्वीकार कर ली. अमित साहनी ने कोर्ट से कहा कि केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने पिछले 28 जुलाई को राज्यसभा में बयान दिया था कि बीते पांच वर्षों में मैला ढोने और सीवर लाइन में काम के दौरान कोई मौत का मामला सामने नहीं आया है. उसके बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी पक्षकार बनाने की अनुमति देते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया.

ये भी पढ़ें: दूसरी लहर के दौरान मुफ्त ऑक्सीजन वितरण करने वालों पर नहीं होगी कार्रवाई : दिल्ली सरकार


केंद्र सरकार को पक्षकार बनाने की मांग पहले से लंबित उस याचिका में दायर किया गया है, जिसमें प्रिवेंशन ऑफ एम्प्लायमेंट एज मैनुअल स्कैवेंजर्स एंड देयर रिहैबिलेशन एक्ट को कड़ाई से लागू करने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि नगर निकायों को इस कानून को कड़ाई से लागू करने का दिशानिर्देश जारी किया जाए ताकि सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान होने वाली मौतों को रोका जा सके.

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने मैला ढोने से रोकने के लिए बनाए गए कानून को कड़ाई से पालन करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग करने वाली याचिका में केंद्र सरकार को पक्षकार बनाने की अनुमति दे दी है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार को 13 सितंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.


सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को पक्षकार बनाने की याचिकाकर्ता और वकील अमित साहनी की याचिका स्वीकार कर ली. अमित साहनी ने कोर्ट से कहा कि केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने पिछले 28 जुलाई को राज्यसभा में बयान दिया था कि बीते पांच वर्षों में मैला ढोने और सीवर लाइन में काम के दौरान कोई मौत का मामला सामने नहीं आया है. उसके बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी पक्षकार बनाने की अनुमति देते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया.

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केंद्र सरकार को पक्षकार बनाने की मांग पहले से लंबित उस याचिका में दायर किया गया है, जिसमें प्रिवेंशन ऑफ एम्प्लायमेंट एज मैनुअल स्कैवेंजर्स एंड देयर रिहैबिलेशन एक्ट को कड़ाई से लागू करने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि नगर निकायों को इस कानून को कड़ाई से लागू करने का दिशानिर्देश जारी किया जाए ताकि सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान होने वाली मौतों को रोका जा सके.

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