नई दिल्ली: वैसे तो सभी आम आदमी पार्टी के नेता अपने-अपने इलाकों से रैली की शक्ल में यहां नामांकन करने पहुंचे, लेकिन घोंडा विधानसभा से 'आप' प्रत्याशी श्रीदत्त शर्मा अपना नामांकन नहीं भर सकें.
शनिवार को अपना नामांकन करने पहुंचे श्रीदत्त श्रर्मा जब तक अपने आरओ के कार्यालय में पहुंचे, तब तक तीन बजे चुके थे. श्रीदत शर्मा के समर्थक जहां बाहर उनका इंतजार करते रहे, वहीं नेता जी लेट होने की वजह से अपना पर्चा ही नहीं भर सके और वहां से मायूस होकर लौटे. हालांकि, सोमवार को वह फिर अपना नामांकन करने पहुंचेंगे.
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
उधर उत्तर पूर्वी जिला के नंदनगरी स्थित डीसी कार्यालय पर नामांकन प्रक्रिया को देखते हुए जिला प्रशासन की तरफ से सुबह से ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. कहा जाए तो शनिवार को ज्यादातर नामांकन करने वालों में आम आदमी पार्टी के नेता ही शामिल रहे. हालांकि इक्का-दुक्का निर्दलीय प्रत्याशी भी अपना नामांकन करने पहुंचे थे, उत्तर पूर्वी दिल्ली में भी शनिवार को दिन भर नामांकन करने वालों की गहमा गहमी चलती रही. रविवार को छोड़ अब सोमवार को फिर से नामांकन प्रक्रियां शुरू होगी.
निर्दलियों ने भी भरा नामांकन
आम आदमी से जुड़े नेता हों या फिर निर्दलीय उम्मीदवार सभी आने अपने समर्थकों के साथ नामांकन के लिए नंदनगरी स्थित डीसी कार्यालय पहुंचे. हालांकि 'आप' नेताओं ने अपने अपने समर्थकों के साथ रैली की शक्ल में नामांकन भरने के लिए वाहनों के साथ सफर किया और ढोल नगाड़ों के साथ डीसी कार्यालय पहुंचे, जहां पुलिस ने समर्थकों की भीड़ को रोकने के लिए बैरिकेड लगाकर व्यापक बंदोबस्त किए हुए थे.
समर्थकों को दूर ही रोकने के थे इंतजाम
डीसी कार्यालय पर होने वाले नामांकन को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के इंतजाम पहले से ही किए गए थे.समर्थकों की भीड़ को रोकने के लिए डीसी दफ्तर के बाहर पूरी तरह से बैरिकेड किये गए थे, जहां से सिर्फ प्रत्याशी और उसके साथ चार अन्य सहयोगियों को ही अंदर जाने दिया जा रहा था. स्थानीय पुलिस के साथ साथ अतिरिक्त सुरक्षा बल डीसी कार्यालय के बाहर लगाया गया था.
पहले दिन किसी प्रत्याशी ने नहीं भरा था पर्चा
नामांकन प्रक्रिया तो वैसे दो दिन पहले ही शुरू हो गई थी, लेकिन पहले दिन किसी ने नामांकन नहीं किया जबकि दूसरे दिन सिर्फ दो निर्दलीय प्रत्याशियों ने ऑन पर्चा भरा, लेकिन सबसे ज्यादा शनिवार को लोग नामांकन करने डीसी कार्यालय पहुंचे. जिसमें 'आप' नेताओं की संख्या सबसे ज्यादा रही.