नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक पत्र लिखा है. इसके माध्यम से उन्होंने मुख्यमंत्री से पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी मार्केट में 100 से अधिक परिवारों के मकानों को तोड़े जाने के बाद प्रभावितों को उचित मुआवजे, स्थाई पुनर्वास व तत्काल उनके रहने और खाने की व्यवस्था करने की मांग की है.
![Delhi Congress President Chaudhary Anil said that Kejriwal should give compensation to affected people of demolished houses in Laxmi Market](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/dlsed-01-congresswritelettertocmarvindkejriwal-vis-dlc10035_18072020191113_1807f_1595079673_558.jpg)
चौधरी अनिल कुमार ने पत्र के माध्यम से आरोप लगाया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री लक्ष्मी मार्केट का दौरा कर झूठी सहानूभूति जताकर मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं. उनकी दुर्दशा पर इससे बड़ा मजाक कोई और नहीं हो सकता, जबकि यह सच किसी से छिपा नहीं है कि उनकी सरकार की अनदेखी के कारण ही ये मकान तोडे़ गए हैं.
'दयनीय है प्रभावितों की स्थिति'
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार का कहना है कि उन्होंने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को पत्र लिखकर कहा है कि पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी मॉर्केट के निवासियों की स्थिति दयनीय है. इनके पुनर्वास को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सुनिश्चित किया जाए और अस्थायी तौर पर ट्रांजिट कैंप में रहने और खाने की व्यवस्था की जाए. प्रभावित लोगों के लिए तुरंत उचित मुआवजे की राशि दी जाए. उन्होंने कहा कि इस संबध में उपराज्यपाल को भी 15 जुलाई को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने की मांग की है.
![Delhi Congress President Chaudhary Anil said that Kejriwal should give compensation to affected people of demolished houses in Laxmi Market](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/dlsed-01-congresswritelettertocmarvindkejriwal-vis-dlc10035_18072020191114_1807f_1595079674_557.jpg)
'गैरकानूनी तरीके से तोड़े गए हैं मकान'
चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि जब उन्होंने मकानों को तोड़े जाने के बाद वहां का दौरा किया तो गरीब लोगों ने अपनी दुदर्शा के बारे में शिकायत की कि वे सड़क पर रहने को मजबूर हैं और खाने के लिए कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि ये लोग ईस्ट लक्ष्मी मार्केट में 1962 से रह रहे हैं और इनके पास 1982 से यहां रहने के साक्ष्य हैं. उन्होंने कहा कि गरीब लोगों के मकानों को गैर कानूनी तरीके से तोड़ा गया है.
उन्होंने कहा कि कल के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दौरे से स्पष्ट हो गया है कि दिल्ली सरकार द्वारा गरीबों को मुआवजा देने के प्रति कितनी असंवेदनशील है, जबकि यहां मुफ्त प्रचार मिलता. मुख्यमंत्री ने अपने दौरे में यहां के लोगों के पुनर्वास के संबध में कोई आश्वासन नहीं दिया. उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री दौरा कर रहे थे उस समय दिल्ली सरकार के इशारे पर ध्वस्त मकानों का मलबा निगम कर्मचारियां द्वारा हटाया जा रहा था. इस प्रतिक्रिया से कांग्रेस के आरोप सार्थक हो जाते हैं कि केजरीवाल सरकार लक्ष्मी मार्केट में 100 से अधिक घरों के विध्वंस के पक्ष में थी.