नई दिल्ली: राजधानी के दिल्ली विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाली ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा पर किसी ना किसी मुद्दे को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. इसी कड़ी में नया मुद्दा आया है दृष्टिबाधित छात्रों का जिनका डाटा अभी तक दिल्ली विश्वविद्यालय इकट्ठा ही नहीं कर पाया है.
बता दें कि डीयू ने सभी कॉलेजों के प्रिंसिपल, हेड और डिपार्टमेंट के डीन से दृष्टिबाधित छात्रों का डाटा मांगा है. साथ ही कहा है कि 10 जुलाई को होने वाली ओबीई के लिए इन छात्रों को पाठ्य सामग्री मुहैया कराई जाएगी. वहीं डूटा ने इसपर तंज कसा और कहा कि अब जब परीक्षा सर पर है तब विश्वविद्यालय नींद से जागा है.
छात्रहित संबंधित सभी विभागों में फेल रहा डीयू
दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कॉलेजों से पढ़ रहे दृष्टिबाधित छात्रों का डाटा मांगे जाने पर दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष राजीव रे ने विश्वविद्यालय पर निशाना साधा.
उन्होंने कहा कि 4 जुलाई से मॉक टेस्ट शुरू हो चुके हैं और नई डेट शीट के अनुसार 10 जुलाई से ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा शुरू होनी है. ऐसे में जब परीक्षा सर पर है तब विश्वविद्यालय प्रशासन डेटा एकत्र कर दृष्टिबाधित छात्रों को पाठ्यसामग्री मुहैया करवाने की बात कर रहा है.
उन्होंने कहा कि ऐसा कोई तरीका नहीं जिससे इतनी जल्दी छात्रों को पाठ्य सामग्री पहुंचाई जा सके. साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र हित संबंधित हर विभाग में असफल रहा है.
दृष्टिबाधित छात्रों की जुटाई जा रही जानकारी
बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय के इक्वल ओपोर्च्यूनिटी सेल के ओएसडी अनिल अनेजा द्वारा जारी किए गए पत्र में लिखा है कि डीयू के नेशनल फेडरेशन ऑफ ब्लाइंड द्वारा फाइल किए गए केस के परिणामस्वरूप यह निर्णय लिया गया है कि दृष्टिबाधित छात्रों की पाठ्य सामग्री पर दो लाख का खर्च किया जाएगा.
साथ ही उन्हें हर संभव प्रयास किया जाएगा कि 10 जुलाई से आयोजित होने वाली ओबीई के लिए पाठ्य सामग्री उन तक पहुंचाई जा सके. वहीं इस पत्र में लिखा गया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय को छात्रों की सभी जानकारियां जैसे उनका नाम, कांटेक्ट डिटेल, उनके कोर्स का नाम, साथ ही वह किस सेमेस्टर की परीक्षा दे रहे हैं उसकी जानकारी और इस समय वह कहां हैं और किस तरह की पाठ्य सामग्री की उन्हें आवश्यकता है यह सब चाहिए.
विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसके लिए सभी अधिकारियों को 5 जुलाई तक का समय दिया था.
इस पूरे मामले को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ का कहना है कि अब जब परीक्षा में कुछ ही दिन शेष रह गए हैं, ऐसे में छात्रों की जानकारी हासिल कर उन तक पाठ्य सामग्री पहुंचाने का विश्वविद्यालय प्रशासन केवल ढोंग कर रहा है.