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कोरोना का कहर: सीमापुरी श्मशान घाट में जगह की कमी, खुले में हो रहा अंतिम संस्कार - खुले में अंतिम संस्कार

पूर्वी दिल्ली के सीमापुरी श्मशान घाट में श्मशान के बगल में खुले में कोरोना से मृत लोगों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. प्रतिदिन 100 से ज्यादा लोगों का कोरोना विधि से अंतिम संस्कार सीमापुरी श्मशान घाट में किया जा रहा है.

cremation at open ground in seemapuri cremation ground
सीमापुरी श्मशान घाट में जगह की कमी से खुले जगह में हो रहा अंतिम संस्कार.
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Published : May 2, 2021, 4:46 PM IST

Updated : May 2, 2021, 5:36 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कोरोना की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है. मौत के आंकड़े प्रतिदिन नए रिकॉर्ड बना रहे हैं. कोरोना से मौत की संख्या बढ़ने के साथ ही दिल्ली के श्मशान घाटों पर भी अब जगह की कमी पड़ने लगी है. आलम यह है कि पूर्वी दिल्ली के सीमापुरी श्मशान घाट में श्मशान के बगल में खुले में कोरोना से मृत लोगों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. प्रतिदिन 100 से ज्यादा लोगों का कोरोना विधि से अंतिम संस्कार सीमापुरी श्मशान घाट में किया जा रहा है.

सीमापुरी श्मशान घाट में खुले मे हो रहा अंतिम संस्कार

श्मशान को तोड़कर बनाई जा रही है अतिरिक्त जगह

सीमापुरी श्मशान घाट पूर्वी दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत आता है, लेकिन अभी के समय वहां का संचालन शहीद भगत सिंह सेवा दल द्वारा किया जा रहा है. शहीद भगत सिंह सेवा दल के प्रमुख जितेंद्र सिंह शंटी ने बताया कि प्रतिदिन 100 से ज्यादा शव यहां आ रहे हैं. जगह की कमी को देखते हुए श्मशान घाट की दीवार को तोड़कर अतिरिक्त जगह की व्यवस्था की गई है. जहां एक साथ दर्जनों लोगों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. जगह की कमी के कारण एक साथ यहां कई लोगों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है क्योंकि एक चिता को बुझने में समय लगता है इसलिए एक साथ कई चिताओं में आग लगाई जा रही है.

परिजनों के खाने-पीने का है इंतजाम

जितेंद्र सिंह शंटी ने बताया कि सीमापुरी श्मशान घाट पर अपने परिजनों का दाह संस्कार करने के लिए आ रहे लोगों को कोई दिक्कत ना हो इसका भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है. भीषण गर्मी को देखते हुए परिजनों के लिए शरबत, जूस और खाने-पीने की भी व्यवस्था की गई है. अतिरिक्त अस्थाई शव दाह गृह का निर्माण किया गया है ताकि मृतकों के परिजनों को ज्यादा इंतजार ना करना पड़े. अभी के समय लोगों को एक से 2 घंटे का इंतजार करना पड़ा है. हमारी कोशिश है कि इस समय को भी कम किया जाए.

लकड़ी की है भरपूर व्यवस्था

जितेंद्र सिंह शंटी ने बताया कि शुरुआती दिनों में यहां लकड़ी की कमी हो गई थी जिसके कारण लोगों को इंतजार करना पड़ रहा था. लेकिन अभी के समय यहां लकड़ी की पर्याप्त व्यवस्था की गई है, ताकि आसानी से मृतकों का अंतिम संस्कार किया जा सके. लकड़ी के लिए यहां 5 काउंटर बनाए गए हैं जहां से श्मशान घाट में लकड़ी की आपूर्ति की जा रही है. लोगों की सेवा करना हमारा धर्म है और हम उसे निभा रहे हैं.ये भी पढ़ें:

77 स्कूलों में दिल्ली सरकार बना रही वैक्सीनेशन सेंटर, 18+ को लगना है टीका

पूरा परिवार है संक्रमित

जितेंद्र सिंह शंटी ने बताया कि उनकी पत्नी, दोनों बेटे सहित उनका ड्राइवर कोरोना से संक्रमित है. आम लोगों का दुख उनके दुख से ज्यादा है, इसलिए वह लोगों की सेवा कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि उनके संगठन द्वारा आम लोगों की सहूलियत के लिए इंतजाम किए गए हैं परिजनों के बैठने के लिए टेंट लगाया गया है और उनका भी ध्यान रखा जा रहा है.

818 लोगों का हो चुका है अंतिम संस्कार

पूर्वी दिल्ली नगर निगम की माने तो सीमापुरी श्मशान घाट पर 1 अप्रैल 3 अप्रैल के बीच कुल 818 लोगों का अंतिम संस्कार कोरोना विधि किया गया है. जिसमें कोरोना के कंफर्म 699 मामले थे तो वही कोरोना के संदेहास्पद 119 मामले. शहीद भगत सिंह सेवा दल के जितेंद्र सिंह शंटी निगम के आंकड़ों से इत्तेफाक नहीं रखते हैं. उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों से लगातार 100 से ज्यादा मृतकों का अंतिम संस्कार कोरोना विधि से किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पिछले 15 दिनों के दौरान ही यहां करीब 1000 लोगों का अंतिम संस्कार कोरोना विधि से हो चुका है.

ये है रेट लिस्ट
सीमापुरी श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार के लिए 3450 रुपए का शुल्क श्मशान समिति द्वारा लिया जाता है. जिसमें लकड़ी, पंडित की संस्कार सेवा, लकड़ी सेवा, अस्थि क्रिया, ठेली सेवा शामिल है. इस शुल्क में एंबुलेंस और पीपीई किट के दाम शामिल नहीं है.जितेंद्र सिंह शंटी ने बताया कि प्रतिदिन 10 से 15 लोगों का अंतिम संस्कार यहां निशुल्क किया जा रहा है क्योंकि मृतक के परिजन भुगतान करने में असमर्थ होते हैं जिसका पूरा इंतजाम शहीद भगत सिंह सेवा दल द्वारा किया जाता है.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कोरोना की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है. मौत के आंकड़े प्रतिदिन नए रिकॉर्ड बना रहे हैं. कोरोना से मौत की संख्या बढ़ने के साथ ही दिल्ली के श्मशान घाटों पर भी अब जगह की कमी पड़ने लगी है. आलम यह है कि पूर्वी दिल्ली के सीमापुरी श्मशान घाट में श्मशान के बगल में खुले में कोरोना से मृत लोगों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. प्रतिदिन 100 से ज्यादा लोगों का कोरोना विधि से अंतिम संस्कार सीमापुरी श्मशान घाट में किया जा रहा है.

सीमापुरी श्मशान घाट में खुले मे हो रहा अंतिम संस्कार

श्मशान को तोड़कर बनाई जा रही है अतिरिक्त जगह

सीमापुरी श्मशान घाट पूर्वी दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत आता है, लेकिन अभी के समय वहां का संचालन शहीद भगत सिंह सेवा दल द्वारा किया जा रहा है. शहीद भगत सिंह सेवा दल के प्रमुख जितेंद्र सिंह शंटी ने बताया कि प्रतिदिन 100 से ज्यादा शव यहां आ रहे हैं. जगह की कमी को देखते हुए श्मशान घाट की दीवार को तोड़कर अतिरिक्त जगह की व्यवस्था की गई है. जहां एक साथ दर्जनों लोगों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. जगह की कमी के कारण एक साथ यहां कई लोगों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है क्योंकि एक चिता को बुझने में समय लगता है इसलिए एक साथ कई चिताओं में आग लगाई जा रही है.

परिजनों के खाने-पीने का है इंतजाम

जितेंद्र सिंह शंटी ने बताया कि सीमापुरी श्मशान घाट पर अपने परिजनों का दाह संस्कार करने के लिए आ रहे लोगों को कोई दिक्कत ना हो इसका भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है. भीषण गर्मी को देखते हुए परिजनों के लिए शरबत, जूस और खाने-पीने की भी व्यवस्था की गई है. अतिरिक्त अस्थाई शव दाह गृह का निर्माण किया गया है ताकि मृतकों के परिजनों को ज्यादा इंतजार ना करना पड़े. अभी के समय लोगों को एक से 2 घंटे का इंतजार करना पड़ा है. हमारी कोशिश है कि इस समय को भी कम किया जाए.

लकड़ी की है भरपूर व्यवस्था

जितेंद्र सिंह शंटी ने बताया कि शुरुआती दिनों में यहां लकड़ी की कमी हो गई थी जिसके कारण लोगों को इंतजार करना पड़ रहा था. लेकिन अभी के समय यहां लकड़ी की पर्याप्त व्यवस्था की गई है, ताकि आसानी से मृतकों का अंतिम संस्कार किया जा सके. लकड़ी के लिए यहां 5 काउंटर बनाए गए हैं जहां से श्मशान घाट में लकड़ी की आपूर्ति की जा रही है. लोगों की सेवा करना हमारा धर्म है और हम उसे निभा रहे हैं.ये भी पढ़ें:

77 स्कूलों में दिल्ली सरकार बना रही वैक्सीनेशन सेंटर, 18+ को लगना है टीका

पूरा परिवार है संक्रमित

जितेंद्र सिंह शंटी ने बताया कि उनकी पत्नी, दोनों बेटे सहित उनका ड्राइवर कोरोना से संक्रमित है. आम लोगों का दुख उनके दुख से ज्यादा है, इसलिए वह लोगों की सेवा कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि उनके संगठन द्वारा आम लोगों की सहूलियत के लिए इंतजाम किए गए हैं परिजनों के बैठने के लिए टेंट लगाया गया है और उनका भी ध्यान रखा जा रहा है.

818 लोगों का हो चुका है अंतिम संस्कार

पूर्वी दिल्ली नगर निगम की माने तो सीमापुरी श्मशान घाट पर 1 अप्रैल 3 अप्रैल के बीच कुल 818 लोगों का अंतिम संस्कार कोरोना विधि किया गया है. जिसमें कोरोना के कंफर्म 699 मामले थे तो वही कोरोना के संदेहास्पद 119 मामले. शहीद भगत सिंह सेवा दल के जितेंद्र सिंह शंटी निगम के आंकड़ों से इत्तेफाक नहीं रखते हैं. उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों से लगातार 100 से ज्यादा मृतकों का अंतिम संस्कार कोरोना विधि से किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पिछले 15 दिनों के दौरान ही यहां करीब 1000 लोगों का अंतिम संस्कार कोरोना विधि से हो चुका है.

ये है रेट लिस्ट
सीमापुरी श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार के लिए 3450 रुपए का शुल्क श्मशान समिति द्वारा लिया जाता है. जिसमें लकड़ी, पंडित की संस्कार सेवा, लकड़ी सेवा, अस्थि क्रिया, ठेली सेवा शामिल है. इस शुल्क में एंबुलेंस और पीपीई किट के दाम शामिल नहीं है.जितेंद्र सिंह शंटी ने बताया कि प्रतिदिन 10 से 15 लोगों का अंतिम संस्कार यहां निशुल्क किया जा रहा है क्योंकि मृतक के परिजन भुगतान करने में असमर्थ होते हैं जिसका पूरा इंतजाम शहीद भगत सिंह सेवा दल द्वारा किया जाता है.

Last Updated : May 2, 2021, 5:36 PM IST
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