नई दिल्ली: जहांगीरपुरी की पार्षद पूनम बागड़ी ने आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखा है. पत्र में जहांगीरपुरी मार्केट की दुकानें 3 महीने से बंद करने की वजह से दुकानदारों के सामने भुखमरी की स्थिति से आत्महत्या करने तक की नौबत आने कि स्थिति को देखते हुए मार्केट को खोलने की अपील की है. मार्केट ना खोलने की स्थिति में व्यापारियों को उचित मुआवजा देने की मांग की गई है.
साथ ही ऐसा ना करने पर स्थानीय पार्षद पूनम बांगड़ी और स्थानीय कांग्रेस नेता अश्विनी बागड़ी ने 20 जून से दुकानदारों की मांग के समर्थन में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने की चेतावनी दी है.
अश्विनी बागड़ी ने कहा कि दिल्ली की कुल आबादी 2 करोड़ है, जिसमें कोरोना के 46000 केस आए थे और उसमें 26000 एक्टिव केस थे. जबकि जहांगीरपुरी में सात लाख की आबादी है, जो कि दिल्ली की 3.5 प्रतिशत आबादी है. जहांगीर पुरी में कोरोना के कुल 600 केस आए थे. जो कि दिल्ली के कुल प्रतिशत से काफी कम हैं. फिर भी दिल्ली सरकार के डीएम द्वारा दोहरी नीति अपनाते हुए जहांगीरपुरी की दुकानों को 3 महीने से बंद किया हुआ है. जबकि दिल्ली के अन्य क्षेत्रों में जहांगीरपुरी से अधिक कोरोना पॉजिटिव केस आने के पश्चात दुकानें खुली हुई है.
भुखमरी के कगार पर दुकानदार
अश्विनी बागड़ी ने कहा कि एक तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री का कहना है कि दिल्ली की आर्थिक स्थिति को देखते हुए कोरोना के साथ जीना है. ऐसे में किसी एक क्षेत्र की 3 महीने तक दुकानें बंद करना वहां की जनता के साथ नाइंसाफी है. जहां सरकार 20 दिन के अंदर आर्थिक स्थिति की दुहाई दे रही है. वहां जहांगीरपुरी पुनर्वास बस्ती के दुकानदार 3 महीने से अपने बंद पड़ी दुकानों का किराया दे रहे हैं. बिजली का बिल और नौकरों का वेतन अपने घर के जेवर गिरवी रख कर दे रहे हैं. वहीं आज दुकानदार भुखमरी के कगार पर हैं और दुकानदारों की मांग है कि सरकार दुकानें खुलवाएं या मुआवजा दें अन्यथा सरकार आत्महत्या का अधिकार दे.