नई दिल्ली : कोरोना का कहर लगातार बढ़ रहा है. औसतन हर दिन 75000 से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं. ऐसी स्थिति में कोरोना वॉरियर की जिम्मेदारी बढ़ गई है, लेकिन विडंबना यह है कि बड़ी संख्या में डॉक्टर्स और हेल्थ केयर वर्कर्स कोरोना इंफेक्शन की वजह से अकाल ही काल का ग्रास बन रहे हैं. ऐसे में हेल्थ केयर वर्कर्स की काफी कमी हो रही है. इन परिस्थितियों में भी कॉन्ट्रेक्चुअल नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ को दिसंबर तक का अल्टीमेटम दे दिया गया है. यानी दिसंबर के बाद उनकी नौकरी नहीं रहेगी.
हैरानी इस बात की है कि कोरोना वॉरियर्स को इनकी सेवा के बदले इनाम देने की बजाय इनकी रोजी-रोटी ही छीनी जा रही है. दरअसल दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आदेश जारी किया है, जिसके तहत दिसंबर तक कॉन्ट्रैक्चुअल नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ की नौकरी रहेगी, उसके बाद इन्हें नौकरी से हटा दिया जाएगा. यह उन कोरोना वॉरियर्स के लिए बहुत ही निराशाजनक निर्णय है, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना कोरोना मरीजों की सेवा की.
अब ऑल इंडिया नर्सिंग स्टाफ यूनियन ने कॉन्ट्रेक्चुअल नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ के हक में अपना समर्थन दिया है. साथ ही उपराज्यपाल से मांग की है कि वह अपना फैसला रद्द करें और असली कोरोना वॉरियर्स, जिन्होंने दिल्ली में बहुत हद तक कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में अपनी अहम भूमिका निभाई है उनकी नौकरी को सुरक्षित रखा जाए.
उपराज्यपाल के आदेश दुखद
ऑल इंडिया गवर्नमेंट नर्सेज एसोसिएशन की जनरल सेक्रेट्री एसएम खुराना कहती हैं कि दिल्ली के उपराज्यपाल ने एक आदेश निकाला है, जिसके तहत दिल्ली के अस्पतालों में काम कर रहे कॉन्ट्रेक्चुअल नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ को दिसंबर के बाद हटा दिया जाएगा. यह बहुत ही दुखद है, क्योंकि कोरोना वॉरियर्स अपनी जान की परवाह किए बगैर दिन-रात कोरोना मरीजों की सेवा में लगे हुए हैं.
नौकरी खोने के डर में कैसे होगा काम
एसएम खुराना ने कहा कि अब कॉन्ट्रेक्चुअल नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ को 4 महीने पहले ही एडवांस में नौकरी से निकाले जाने की सूचना दी जा रही है. अब नौकरी खोने के डर से क्या वो अपना काम ठीक से कर पाएंगे. हर रोज उनके लिए बहुत भारी गुजरता है. दिसंबर महीने के बाद उन्हें नौकरी से हटा दिया जाएगा, यह ख्याल ही उन्हें बहुत दुखी कर रहा है. चाहे दिल्ली सरकार के किसी हॉस्पिटल में काम करने वाला नर्सिंग स्टाफ हो या सेंट्रल गवर्नमेंट के हॉस्पिटल एम्स या सफदरजंग का स्टाफ वहां काफी लंबे समय से काम कर रहे कांट्रेक्चुअल नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ की नौकरी खतरे में है.
आसमान से फूल बरसाकर अब रोजी-रोटी छीन रहे
एसएम खुराना ने कहा कि सरकार ने वैसे तो हेल्थ वर्कर्स का कोरोना वॉरियर्स कह कर आसमान से फूलों की बारिश कर सम्मान किया गया और अब उनकी रोजी-रोटी छीनी जा रही है. क्या यही उनका ईनाम है. उन्होंने भारत सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल से इस आदेश को वापस लेने की मांग करने के साथ ही इन कर्मचारियों को इनाम के तौर पर पक्का करने की मांग की है.